शर्म नहीं आती... ऋषि अग्रवाल..

by Rishi Agarwal on December 24, 2012, 07:50:01 PM
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Rishi Agarwal
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पहले हुवा लड़की से साथ दुराचार,
जब जनता ने माँगा इन्साफ तो उनपे हुवा लाठी चार्ज़ ,
कब तक हम युही इस गन्दी राजनीति के होते रहेंगे शिकार,
लडको को तो पीटा ही पीटा,
लडकियों को भी नहीं बक्शा इस गन्दी राजनीति ने..
क्या इन्साफ मांगने पे यही सजा मिलती हैं.. जिन्हें सजा मिलनी चाहिए उन्हें सुरक्षा दी जा रही हैं और जिससे सुरक्षा मिलनी चाहिए थी वो पुलिश उस वक़्त राजनेताओ की सुरक्षा में लगी थी, देहली जैसे बड़े सहर में वो भी

खुलेआम किसी लड़की की इज्जत बेआबरु कर दी जाती हैं तो छोटे छोटे सहर में कैसे वो सुरक्षित हैं..
लडकियों पे भी लाठी चार्ज किया गया फिर पुलिश माफ़ी मांगती रही.. क्यों ऐसा क्यों ??
कहा गए थे उस वक़्त माफ़ी मांगने वाले जब सरे आम लडकियों पे डंडे बर्शाये जा रहे थे.. अगर इतना ही जोर दिखाना हैं तो उन दरिंदो पे दिखाओ.. धिकार हैं ऐसे कानून पे ऐसे नेताओ और पुलिश पे जिन्हें शर्म नहीं आती जब जब सच्चाई पे आवाज़ उठाई जाती हैं तब तब उही उनकी आवाज़ कुचलने लग जाते हैं.. इससे तो अच्छा हमारा देश गुलाम ही रहता.. आज भी देखा जाये तो गुलाम ही हैं पहले उन अंग्रेजो का था तो आज ये सफ़ेद और खाखी पोषक वालो का गुलाम हैं.. मुझे धिकार हैं की में अकेला कुछ कर नहीं सकता और धिकार हैं उन लोगो पे जो ये सब देख कर इन बातो को गोशिप बनाते हैं.. अगर कुछ शर्म बच्ची हो तो उस लड़की के खातिर ही ना सही अपनी बहन, बेटी, माँ के साथ कभी ऐसा ना इसी के खातीर आवाज़ उठाओ और उन गुनेह्गारो को ऐसी सजा दिलवाओ की और कोई ऐसा घिनोना कृत्य करने में भी घबराये..

ऋषि अग्रवाल..

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«Reply #1 on: December 24, 2012, 08:37:14 PM »
पहले हुवा लड़की से साथ दुराचार,
जब जनता ने माँगा इन्साफ तो उनपे हुवा लाठी चार्ज़ ,
कब तक हम युही इस गन्दी राजनीति के होते रहेंगे शिकार,
लडको को तो पीटा ही पीटा,
लडकियों को भी नहीं बक्शा इस गन्दी राजनीति ने..
क्या इन्साफ मांगने पे यही सजा मिलती हैं.. जिन्हें सजा मिलनी चाहिए उन्हें सुरक्षा दी जा रही हैं और जिससे सुरक्षा मिलनी चाहिए थी वो पुलिश उस वक़्त राजनेताओ की सुरक्षा में लगी थी, देहली जैसे बड़े सहर में वो भी

खुलेआम किसी लड़की की इज्जत बेआबरु कर दी जाती हैं तो छोटे छोटे सहर में कैसे वो सुरक्षित हैं..
लडकियों पे भी लाठी चार्ज किया गया फिर पुलिश माफ़ी मांगती रही.. क्यों ऐसा क्यों ??
कहा गए थे उस वक़्त माफ़ी मांगने वाले जब सरे आम लडकियों पे डंडे बर्शाये जा रहे थे.. अगर इतना ही जोर दिखाना हैं तो उन दरिंदो पे दिखाओ.. धिकार हैं ऐसे कानून पे ऐसे नेताओ और पुलिश पे जिन्हें शर्म नहीं आती जब जब सच्चाई पे आवाज़ उठाई जाती हैं तब तब उही उनकी आवाज़ कुचलने लग जाते हैं.. इससे तो अच्छा हमारा देश गुलाम ही रहता.. आज भी देखा जाये तो गुलाम ही हैं पहले उन अंग्रेजो का था तो आज ये सफ़ेद और खाखी पोषक वालो का गुलाम हैं.. मुझे धिकार हैं की में अकेला कुछ कर नहीं सकता और धिकार हैं उन लोगो पे जो ये सब देख कर इन बातो को गोशिप बनाते हैं.. अगर कुछ शर्म बच्ची हो तो उस लड़की के खातिर ही ना सही अपनी बहन, बेटी, माँ के साथ कभी ऐसा ना इसी के खातीर आवाज़ उठाओ और उन गुनेह्गारो को ऐसी सजा दिलवाओ की और कोई ऐसा घिनोना कृत्य करने में भी घबराये..

ऋषि अग्रवाल..

gd
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aqsh
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«Reply #2 on: December 25, 2012, 03:47:16 AM »
so true...
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~Hriday~
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kalam k chalne ko zamaana paagalpan samajhta hai.

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«Reply #3 on: December 25, 2012, 04:10:37 AM »
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prashad
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«Reply #4 on: December 27, 2012, 06:09:09 AM »
sahi kaha
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Rishi Agarwal
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«Reply #5 on: August 13, 2013, 06:08:12 PM »
gd

धन्यवाद मनोज जी
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Rishi Agarwal
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«Reply #6 on: August 13, 2013, 06:08:45 PM »
so true...

धन्यवाद अक्ष जी
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Rishi Agarwal
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«Reply #7 on: August 13, 2013, 06:14:05 PM »
sahi kaha

धन्यवाद प्रसाद जी
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shraddha the poetess
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«Reply #8 on: August 13, 2013, 06:15:42 PM »
yahi pareshani hai is desh mei ya to koi awaaz nahi uthata or agar uthta hai to uss awaaz ko lathi dandon ki aawaaz tale kuchal diya jaata hai.....pr agr isi trh k lekhon dwara ya kav itaon dwara maegdarshan hota raha to jaagrukta badegi or badlav aayega.....  so great start rishi ji....... Clapping Smiley Clapping Smiley
 hm sab milkar ladenge...
or hm zaror sahi disha m badebge...........
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Rishi Agarwal
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«Reply #9 on: August 13, 2013, 06:19:33 PM »
yahi pareshani hai is desh mei ya to koi awaaz nahi uthata or agar uthta hai to uss awaaz ko lathi dandon ki aawaaz tale kuchal diya jaata hai.....pr agr isi trh k lekhon dwara ya kav itaon dwara maegdarshan hota raha to jaagrukta badegi or badlav aayega.....  so great start rishi ji....... Clapping Smiley Clapping Smiley
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or hm zaror sahi disha m badebge...........

धन्यवाद श्रधा जी.. आपकी बात सत्य हैं.. में पिछले आठ महीने से जागरूकता की लड़ाई लड़ रहा हूँ पर बदकिस्मती देखो कोई साथ नजर नही आया अभी तक.. सबको कहते सूना में साथ हूँ पर जब जब जरूरत पड़ी आसपास कोई भी नहीं दिखाई दिया.. sad5
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shraddha the poetess
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«Reply #10 on: August 14, 2013, 08:31:14 PM »
aisa nahi hai... aaapka sath dene wale wo bhi aise naik mudde pr bahot hai..or milenge...bas hosla bana kr chaliye bade nahi to agr har koi apne level pr bhi jagrook rahe to y bhi aapki ladai m yogdaan hoga...or mai vishwaas s kh sakti hoon k y ladaai hm sbki hai or hm sb jeet jayeinge..!!!
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@Kaash
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«Reply #11 on: September 07, 2013, 01:52:43 PM »
agree with Shradhha! Kaash aisa ho ki aisi ghinauni maasikta se humsab ubar saken! ameen!
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