Kumar Vishwas Poem(Mai Tumhe Dhudhne Swarg Ke)

by vimmi singh on January 07, 2013, 11:40:55 AM
Pages: [1]
ReplyPrint
Author  (Read 22445 times)
vimmi singh
Guest
Reply with quote
मैं तुम्हें ढूँढने स्वर्ग के द्वार तक
रोज आता रहा, रोज जाता रहा
तुम ग़ज़ल बन गई, गीत में ढल गई
मंच से में तुम्हें गुनगुनाता रहा

जिन्दगी के सभी रास्ते एक थे
सबकी मंजिल तुम्हारे चयन तक गई
अप्रकाशित रहे पीर के उपनिषद्
मन की गोपन कथाएँ नयन तक रहीं
प्राण के पृष्ठ पर गीत की अल्पना
तुम मिटाती रही मैं बनाता रहा
तुम ग़ज़ल बन गई, गीत में ढल गई
मंच से में तुम्हें गुनगुनाता रहा

एक खामोश हलचल बनी जिन्दगी
गहरा ठहरा जल बनी जिन्दगी
तुम बिना जैसे महलों में बीता हुआ
उर्मिला का कोई पल बनी जिन्दगी
दृष्टि आकाश में आस का एक दिया
तुम  बुझती  रही, मैं  जलाता  रहा
तुम ग़ज़ल बन गई, गीत में ढल गई
मंच से में तुम्हें गुनगुनाता रहा

तुम चली गई तो मन अकेला हुआ
सारी यादों का पुरजोर मेला हुआ
कब भी लौटी नई खुशबुओं में सजी
मन भी बेला हुआ तन भी बेला हुआ
खुद के आघात पर व्यर्थ की बात पर
रूठती तुम रही मैं मानता रहा
तुम ग़ज़ल बन गई, गीत में ढल गई
मंच से में तुम्हें गुनगुनाता रहा
मैं तुम्हें ढूँढने स्वर्ग के द्वार तक
रोज आता रहा, रोज जाता रहा
Logged
suman59
Guest
«Reply #1 on: January 07, 2013, 11:47:08 AM »
Reply with quote
मैं तुम्हें ढूँढने स्वर्ग के द्वार तक
रोज आता रहा, रोज जाता रहा
तुम ग़ज़ल बन गई, गीत में ढल गई
मंच से में तुम्हें गुनगुनाता रहा


जिन्दगी के सभी रास्ते एक थे
सबकी मंजिल तुम्हारे चयन तक गई
अप्रकाशित रहे पीर के उपनिषद्
मन की गोपन कथाएँ नयन तक रहीं
प्राण के पृष्ठ पर गीत की अल्पना
तुम मिटाती रही मैं बनाता रहा
तुम ग़ज़ल बन गई, गीत में ढल गई
मंच से में तुम्हें गुनगुनाता रहा

एक खामोश हलचल बनी जिन्दगी
गहरा ठहरा जल बनी जिन्दगी
तुम बिना जैसे महलों में बीता हुआ
उर्मिला का कोई पल बनी जिन्दगी
दृष्टि आकाश में आस का एक दिया
तुम  बुझती  रही, मैं  जलाता  रहा
तुम ग़ज़ल बन गई, गीत में ढल गई
मंच से में तुम्हें गुनगुनाता रहा


तुम चली गई तो मन अकेला हुआ
सारी यादों का पुरजोर मेला हुआ
कब भी लौटी नई खुशबुओं में सजी
मन भी बेला हुआ तन भी बेला हुआ
खुद के आघात पर व्यर्थ की बात पर
रूठती तुम रही मैं मानता रहा
तुम ग़ज़ल बन गई, गीत में ढल गई
मंच से में तुम्हें गुनगुनाता रहा
मैं तुम्हें ढूँढने स्वर्ग के द्वार तक
रोज आता रहा, रोज जाता रहा

wah kya taste hai aapka vimmi jee. aapne bahut bahut pyara kavita share kiya hai
Logged
vimmi singh
Guest
«Reply #2 on: January 07, 2013, 12:00:19 PM »
Reply with quote
wah kya taste hai aapka vimmi jee. aapne bahut bahut pyara kavita share kiya hai

thank you sooooo much Suman ji....  Usual Smile Usual Smile
Logged
anmolarora
Guest
«Reply #3 on: January 07, 2013, 12:08:40 PM »
Reply with quote
Bahutkhoob bhaut khoob
Logged
sksaini4
Ustaad ae Shayari
*****

Rau: 853
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
112 days, 8 hours and 51 minutes.
Posts: 36414
Member Since: Apr 2011


View Profile
«Reply #4 on: January 07, 2013, 03:05:21 PM »
Reply with quote
beautiful
Logged
F.H.SIDDIQUI
Guest
«Reply #5 on: January 07, 2013, 03:08:31 PM »
Reply with quote
beautiful .
Logged
aqsh
Guest
«Reply #6 on: January 07, 2013, 03:23:27 PM »
Reply with quote
beautiful sharing vimmi jee
Logged
vimmi singh
Guest
«Reply #7 on: January 07, 2013, 03:33:55 PM »
Reply with quote
Bahutkhoob bhaut khoob
thank you Anmol ji.....
Logged
nandbahu
Mashhur Shayar
***

Rau: 122
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
20 days, 4 hours and 11 minutes.
Posts: 14553
Member Since: Sep 2011


View Profile
«Reply #8 on: January 08, 2013, 05:52:15 AM »
Reply with quote
very nice n thanx for sharing
Logged
shridhar dwivedi
Guest
«Reply #9 on: May 30, 2013, 11:16:54 PM »
Reply with quote
good one....i like it somebody writing something very good
Logged
ankita gupta
Guest
«Reply #10 on: September 14, 2013, 07:50:46 PM »
Reply with quote
m
Logged
naveen rai
Guest
«Reply #11 on: May 15, 2014, 01:25:39 PM »
Reply with quote
agar khush ho dekh kar dudashi mere khuda kasam muskurana choad dege,tadpate rahege tumhe dekhne ko,par,tumhari tarf palke uthna choad dege
Logged
kashyap aarav
Guest
«Reply #12 on: December 21, 2016, 02:48:18 PM »
Reply with quote
Nice lines written by sir
Logged
Pages: [1]
ReplyPrint
Jump to:  

+ Quick Reply
With a Quick-Reply you can use bulletin board code and smileys as you would in a normal post, but much more conveniently.


Get Yoindia Updates in Email.

Enter your email address:

Ask any question to expert on eTI community..
Welcome, Guest. Please login or register.
Did you miss your activation email?
November 21, 2024, 10:31:12 PM

Login with username, password and session length
Recent Replies
[November 21, 2024, 09:01:29 AM]

[November 16, 2024, 11:44:41 AM]

by Michaelraw
[November 13, 2024, 12:59:11 PM]

[November 08, 2024, 09:59:54 AM]

[November 07, 2024, 01:56:50 PM]

[November 07, 2024, 01:55:03 PM]

[November 07, 2024, 01:52:40 PM]

[November 07, 2024, 01:51:59 PM]

[October 30, 2024, 05:13:27 AM]

by ASIF
[October 29, 2024, 07:57:46 AM]
Yoindia Shayariadab Copyright © MGCyber Group All Rights Reserved
Terms of Use| Privacy Policy Powered by PHP MySQL SMF© Simple Machines LLC
Page created in 0.12 seconds with 25 queries.
[x] Join now community of 8506 Real Poets and poetry admirer