retzaar

by janumanu on June 15, 2013, 03:08:31 AM
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janumanu
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jane ye ghazal to nahi...... iske har sher k liye matle ka saani chahiye maanhi khulne ko...


आओगे इंतज़ार कहता है
मैं नही रेतज़ार कहता है

*रेगिस्तान

..

चल दिए सारे ऊन्ट उमीदों के
खुल गया आबशार* कहता है
मैं नही रेतज़ार कहता है

झरना ( मृगतृष्णा....)
खुलना... भीड़ ज़ाहिर होना ( पानी का मृगतृष्णा के रूप मैं)
..

ले के kaandhoN पे चाँद बैठी हूँ
कितना हल्का है भार कहता है
मैं नही रेतज़ार कहता है
..

धूप करता है अब मेरा आँचल
इसको सर से उतार कहता है
मैं नही रेतज़ार कहता है
..

मेरे आँचल मैं तारे हैं की रफू
चल पड़ा कारोबार कहता है
मैं नही रेतज़ार कहता है

..

चूड़ियों की कोई तो बात सुने
रहगुज़र से गुबार कहता है
मैं नही रेतज़ार कहता है

रहगुज़र..... रास्ता
..

इसलिए बैठी हूँ यहाँ कब से
एक दरिया है.. प्यार कहता है
मैं नही रेतज़ार कहता है

तू नहीं है तो फिर नही हूँ मैं
दीद का इक द्‍यार कहता है
मैं नही रेतज़ार कहता है

द्‍यार .. शहर
दीद .... visibility

मेरी तो फ़िक्र* रेतज़ार सी है
मैं गयी खुद से हार कहता है
मैं नही रेतज़ार कहता है

रेतज़ार ( नकारात्मक सोच)
फ़िक्र ( सोच, और मेरा उपनाम भी)
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ghayal_shayar
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«Reply #1 on: June 15, 2013, 03:46:57 AM »
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mirzaa saaheb salaam....

padhne meN ahcha sa lag raha hai par matla khula nahiN mujh pe... jo maiN rabt nahiN baithaa paaya, gar jo aap ise khol deN to fir shayad maza aur badhe, bas aage bhi yuNhi likhte raheN janaab...!!
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janumanu
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«Reply #2 on: June 15, 2013, 03:55:29 AM »
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mirzaa saaheb salaam....

padhne meN ahcha sa lag raha hai par matla khula nahiN mujh pe... jo maiN rabt nahiN baithaa paaya, gar jo aap ise khol deN to fir shayad maza aur badhe, bas aage bhi yuNhi likhte raheN janaab...!!

aise hi likhuN taaki tum par na khule Usual Smile

आओगे इंतज़ार कहता है
मैं नही रेतज़ार कहता है

simple hai .... registaan ye kahtaa hai ki.. intzaar kahtaa hai ki tum aaoge Usual Smile
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Advo.RavinderaRavi
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«Reply #3 on: June 15, 2013, 04:22:06 AM »
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Atee Sundar.Nice Feelings!!
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Sudhir Ashq
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«Reply #4 on: June 15, 2013, 10:28:24 AM »
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Wah,Wah,Wah Bahut khoob.
Really nice and emotional.
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ghayal_shayar
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«Reply #5 on: June 15, 2013, 10:38:27 AM »
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aise hi likhuN taaki tum par na khule Usual Smile

आओगे इंतज़ार कहता है
मैं नही रेतज़ार कहता है

simple hai .... registaan ye kahtaa hai ki.. intzaar kahtaa hai ki tum aaoge Usual Smile

main asal meN jyada dimaag lagaane laga tha, ki kaun kiska symbolic hai, aur shayad isiliye ulajh gaya...!! tongue3
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khujli
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«Reply #6 on: June 15, 2013, 11:54:51 AM »
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jane ye ghazal to nahi...... iske har sher k liye matle ka saani chahiye maanhi khulne ko...


आओगे इंतज़ार कहता है
मैं नही रेतज़ार कहता है

*रेगिस्तान

..

चल दिए सारे ऊन्ट उमीदों के
खुल गया आबशार* कहता है
मैं नही रेतज़ार कहता है

झरना ( मृगतृष्णा....)
खुलना... भीड़ ज़ाहिर होना ( पानी का मृगतृष्णा के रूप मैं)
..

ले के kaandhoN पे चाँद बैठी हूँ
कितना हल्का है भार कहता है
मैं नही रेतज़ार कहता है
..

धूप करता है अब मेरा आँचल
इसको सर से उतार कहता है
मैं नही रेतज़ार कहता है
..

मेरे आँचल मैं तारे हैं की रफू
चल पड़ा कारोबार कहता है
मैं नही रेतज़ार कहता है

..

चूड़ियों की कोई तो बात सुने
रहगुज़र से गुबार कहता है
मैं नही रेतज़ार कहता है

रहगुज़र..... रास्ता
..

इसलिए बैठी हूँ यहाँ कब से
एक दरिया है.. प्यार कहता है
मैं नही रेतज़ार कहता है

तू नहीं है तो फिर नही हूँ मैं
दीद का इक द्‍यार कहता है
मैं नही रेतज़ार कहता है

द्‍यार .. शहर
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मेरी तो फ़िक्र* रेतज़ार सी है
मैं गयी खुद से हार कहता है
मैं नही रेतज़ार कहता है

रेतज़ार ( नकारात्मक सोच)
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Mohammad Touhid
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«Reply #7 on: June 15, 2013, 12:15:42 PM »
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bahut khoob.. achhi lagi hume.. Usual Smile
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zarraa
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«Reply #8 on: June 15, 2013, 03:04:27 PM »
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Waah miyaan kya kahein !!! Is baar to bus ghazab hi dha diya ... Is baakamaal shai par beshumaar daad apko!!!

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saahill
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«Reply #9 on: June 15, 2013, 03:08:38 PM »
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waah waah waah
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With a Quick-Reply you can use bulletin board code and smileys as you would in a normal post, but much more conveniently.


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