sksaini4
Ustaad ae Shayari
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Vo ishaaroN meN kah gayaa sab kuchh. Lut ke meraa to rah gayaa sab kuchh.
Zabt kee had zaraa see kyaa tootee. Mere ashkoN meN bah gayaa sab kuchh.
Ab to yaadoN kee dunyaa hai soonee. Uske khaaboN meN rah gayaa sab kuchh.
Bol padtaa to baat badh jaatee. Aaj chupchaap sah gayaa sab kuchh.
Pyaar kaa jo tilism thaa dil meN. Tere jaane se dhah gayaa sab kuchh.
Waqt kee ik hawaa ke jhokhe se. Dekh le aaj yah gayaa sab kuchh.
Thaa iraadaa naheeN buraa naheeN kuchh bhee. Phir bhee ‘saini’ too kah gayaa sab kuchh.
Dr. Surendra Saini
वो इशारों में कह गया सब कुछ | लुट के मेरा तो रह गया सब कुछ ||
ज़ब्त की हद ज़रा सी क्या टूटी | मेरे अश्कों में बह गया सब कुछ ||
अब तो यादों की दुन्या सूनी है | उसके खाबों में रह गया सब कुछ ||
बोल पड़ता तो बात बढ़ जाती | आज चुपचाप सह गया सब कुछ ||
प्यार का जो तिलिस्म था दिल में | तेरे जाने से ढह गया सब कुछ ||
वक़्त की इक हवा के झोखे से | देख ले आज यह गया गया सब कुछ ||
था इरादा बुरा नहीं कुछ भी | फिर भी 'सैनी' तू कह गया सब कुछ ||
डा० सुरेन्द्र सैनी
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suman59
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«Reply #1 on: January 09, 2014, 04:20:37 PM » |
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बोल पड़ता तो बात बढ़ जाती | आज चुपचाप सह गया सब कुछ ||
प्यार का जो तिलिस्म था दिल में | तेरे जाने से ढह गया सब कुछ ||
वक़्त की इक हवा के झोखे से | देख ले आज यह गया गया सब कुछ || wah wah behat khoobsurat ghazal kahi hai aapne. deron daad
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Bishwajeet Anand Bsu
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«Reply #2 on: January 09, 2014, 04:40:48 PM » |
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Kamaal Lajawaab Bemisaal... Bahut Bahut Khoob Sir......
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Sudhir Ashq
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«Reply #3 on: January 09, 2014, 04:45:27 PM » |
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वो इशारों में कह गया सब कुछ | लुट के मेरा तो रह गया सब कुछ ||
ज़ब्त की हद ज़रा सी क्या टूटी | मेरे अश्कों में बह गया सब कुछ ||
अब तो यादों की दुन्या सूनी है | उसके खाबों में रह गया सब कुछ ||
बोल पड़ता तो बात बढ़ जाती | आज चुपचाप सह गया सब कुछ ||
प्यार का जो तिलिस्म था दिल में | तेरे जाने से ढह गया सब कुछ ||
वक़्त की इक हवा के झोखे से | देख ले आज यह गया गया सब कुछ ||
गो कि इरादा नहीं बुरा था कुछ | फिर भी 'सैनी' तू कह गया सब कुछ ||
डा० सुरेन्द्र सैनी
Wah,Waaaaaaaaaaaaaaah Sir,Bahut khoobsurat ghazal hai.Dili Daad qabool kijiye.
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khwahish
WeCare
Khaas Shayar
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«Reply #4 on: January 09, 2014, 04:47:57 PM » |
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Advo.RavinderaRavi
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«Reply #5 on: January 09, 2014, 05:02:14 PM » |
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Bahut Umdaa.
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jeet jainam
Khaas Shayar
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my rule no type no life and ,i m happy single
Posts: 10150 Member Since: Dec 2012
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«Reply #6 on: January 09, 2014, 05:19:57 PM » |
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wah wah wah
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F.H.SIDDIQUI
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«Reply #7 on: January 09, 2014, 06:03:10 PM » |
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Bahuut khoooob , saini saheb.
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khujli
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«Reply #8 on: January 09, 2014, 06:27:53 PM » |
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RAJAN KONDAL
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«Reply #10 on: January 09, 2014, 07:13:26 PM » |
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wha wha bhut khub
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ekta3
Shayari Qadrdaan
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«Reply #11 on: January 09, 2014, 08:39:05 PM » |
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amit_prakash_meet
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«Reply #12 on: January 09, 2014, 09:01:30 PM » |
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WOW...gr8.....wonderful.....awesome.......
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aqsh
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«Reply #13 on: January 09, 2014, 09:40:47 PM » |
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Iftakhar Ahmad
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«Reply #14 on: January 10, 2014, 12:32:43 AM » |
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waah waah Saini sir bahut khoob, dheroN daad aur ek Rau qubool kijiye meri taraf se.
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