Ulfat Ki Lau..!!

by Áɑѕӈίգ on April 27, 2014, 07:13:37 PM
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Áɑѕӈίգ
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Az Mast Ke Bar Mast, Chon Digari Neest..!!

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क्यूँ जलाई थी लौ उल्फ़त की, दिल के आशियाने में,
जब के यूँ छोड़ जाना था, मुझे तन्हा इसी ज़माने में |

गुलशन में तेरा मिलना, ज़िन्दगी में एक गुल का खिलना,
उज़ड़ गया गुलिस्तां मेरा, ख़्वाब टूट गए मेरे सिरहाने में |

ना गिला रहा तुमसे सनम, ना गुमान हुआ तुमपे सनम,
हो गए गुमराह महोब्बत में तेरी, टूट गया दिल मनाने में |

तुम छोडो ये वफ़ा की बातें, अपने पाकीज़ा होने की बातें,
अकसर नज़रे देखे तुम्हें, बाहों में गैर की तेरे ठिकाने में |

इश्क़ में तेरे खुदको भिगोया, प्यार में तेरे खुदको डुबोया,
डूब गए आशिक़ गम में तेरे, एक बूँद भी नहीं मैख़ाने में |

आशिक़ ❧
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khujli
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«Reply #1 on: April 27, 2014, 08:05:10 PM »
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क्यूँ जलाई थी लौ उल्फ़त की, दिल के आशियाने में,
जब के यूँ छोड़ जाना था, मुझे तन्हा इसी ज़माने में |

गुलशन में तेरा मिलना, ज़िन्दगी में एक गुल का खिलना,
उज़ड़ गया गुलिस्तां मेरा, ख़्वाब टूट गए मेरे सिरहाने में |

ना गिला रहा तुमसे सनम, ना गुमान हुआ तुमपे सनम,
हो गए गुमराह महोब्बत में तेरी, टूट गया दिल  Usual Smile Usual Smile Usual Smile Usual Smile Usual Smile Usual Smile Usual Smile फ़ित्ने     Usual Smile Usual Smile Usual Smile Usual Smile Usual Smile :)में |

तुम छोडो ये वफ़ा की बातें, अपने पाकीज़ा होने की बातें,
अकसर नज़रे देखे तुम्हें, बाहों में गैर की तेरे ठिकाने में |

इश्क़ में तेरे खुदको भिगोया, प्यार में तेरे खुदको डुबोया,
डूब गए आशिक़ गम में तेरे, एक बूँद भी नहीं मैख़ाने में |

आशिक़ ❧


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 boss!!!!!!!!!!!
fitne---------- hum qafia nahin hai

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sksaini4
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«Reply #2 on: April 27, 2014, 08:32:44 PM »
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waah waah
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Advo.RavinderaRavi
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«Reply #3 on: April 27, 2014, 11:17:08 PM »
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क्यूँ जलाई थी लौ उल्फ़त की, दिल के आशियाने में,
जब के यूँ छोड़ जाना था, मुझे तन्हा इसी ज़माने में |

गुलशन में तेरा मिलना, ज़िन्दगी में एक गुल का खिलना,
उज़ड़ गया गुलिस्तां मेरा, ख़्वाब टूट गए मेरे सिरहाने में |

ना गिला रहा तुमसे सनम, ना गुमान हुआ तुमपे सनम,
हो गए गुमराह महोब्बत में तेरी, टूट गया दिल फ़ित्ने में |

तुम छोडो ये वफ़ा की बातें, अपने पाकीज़ा होने की बातें,
अकसर नज़रे देखे तुम्हें, बाहों में गैर की तेरे ठिकाने में |

इश्क़ में तेरे खुदको भिगोया, प्यार में तेरे खुदको डुबोया,
डूब गए आशिक़ गम में तेरे, एक बूँद भी नहीं मैख़ाने में |

आशिक़ ❧
So nice.
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jeet jainam
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«Reply #4 on: April 28, 2014, 12:00:48 AM »
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bohut khub waaaaaaahhhhhhhhh
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mann.mann
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«Reply #5 on: April 28, 2014, 11:58:48 AM »
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amit_prakash_meet
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«Reply #6 on: April 28, 2014, 12:01:33 PM »
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waah.....
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sanchit
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«Reply #7 on: April 28, 2014, 01:38:28 PM »
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क्यूँ जलाई थी लौ उल्फ़त की, दिल के आशियाने में,
जब के यूँ छोड़ जाना था, मुझे तन्हा इसी ज़माने में |

गुलशन में तेरा मिलना, ज़िन्दगी में एक गुल का खिलना,
उज़ड़ गया गुलिस्तां मेरा, ख़्वाब टूट गए मेरे सिरहाने में |

ना गिला रहा तुमसे सनम, ना गुमान हुआ तुमपे सनम,
हो गए गुमराह महोब्बत में तेरी, टूट गया दिल मनाने में |

तुम छोडो ये वफ़ा की बातें, अपने पाकीज़ा होने की बातें,
अकसर नज़रे देखे तुम्हें, बाहों में गैर की तेरे ठिकाने में |

इश्क़ में तेरे खुदको भिगोया, प्यार में तेरे खुदको डुबोया,
डूब गए आशिक़ गम में तेरे, एक बूँद भी नहीं मैख़ाने में |

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