आख़िरी दम तक

by sksaini4 on July 13, 2011, 10:46:52 AM
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sksaini4
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आख़िरी   दम   तक  मुक़द्दर  से लड़ा |
मेरा   मुस्तक़बिल   ही था इतना बड़ा ||

उम्र     भर   कुर्बानियाँ    देता   रहा |
हासिल - ए - मंजिल बहुत महगां पड़ा ||

धूप   के   दरिया   में साया  जो दिखा |
सोच   कर  पानी मैं  उस जानिब बढ़ा ||

जान    लेकर  भी  भरी   नीयत नहीं |
नाम     भी   मेरा  मिटाने पर अड़ा ||

ख़ूँ   से  है   लबरेज़  पैमाना   मगर |
ख़ाली  है  ज़ालिम  के  पापों का घड़ा ||

मेरे  हाथों  में   थमा   ख़ंजर   गया |
मेरा   क़ातिल  है मियाँ  शातिर बड़ा ||

                           डा० सुरेन्द्र सैनी

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khujli
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«Reply #1 on: July 14, 2011, 06:01:46 AM »
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आख़िरी   दम   तक  मुक़द्दर  से लड़ा |
मेरा   मुस्तक़बिल   ही था इतना बड़ा ||

उम्र     भर   कुर्बानियाँ    देता   रहा |
हासिल - ए - मंजिल बहुत महगां पड़ा ||

धूप   के   दरिया   में साया  जो दिखा |
सोच   कर  पानी मैं  उस जानिब बढ़ा ||

जान    लेकर  भी  भरी   नीयत नहीं |
नाम     भी   मेरा  मिटाने पर अड़ा ||

ख़ूँ   से  है   लबरेज़  पैमाना   मगर |
ख़ाली  है  ज़ालिम  के  पापों का घड़ा ||

मेरे  हाथों  में   थमा   ख़ंजर   गया |
मेरा   क़ातिल  है मियाँ  शातिर बड़ा ||

                           डा० सुरेन्द्र सैनी




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harashmahajan
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«Reply #2 on: July 18, 2011, 02:45:16 PM »
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नज़्म खूब रही सुरेन्द्र सैनी साहेब....

जान लेकर भिभी भरी नीयत नहीं
नाम भी मेरा मिटाने पर अड़ा..!!

आपकी ये पन्क्तिआं हासिल-इ-नज़्म रहीं !!

खुदा आपकी कलम में बरकत बक्शे .


हर्ष महाजन
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Navin Verma
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«Reply #3 on: July 21, 2011, 12:52:12 PM »
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मेरे  हाथों  में   थमा   ख़ंजर   गया |
मेरा   क़ातिल  है मियाँ  शातिर बड़ा ||
Bahut hi khaas.
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khamosh_aawaaz
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«Reply #4 on: July 28, 2011, 09:41:44 AM »
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आख़िरी   दम   तक  मुक़द्दर  से लड़ा |
मेरा   मुस्तक़बिल   ही था इतना बड़ा ||

उम्र     भर   कुर्बानियाँ    देता   रहा |
हासिल - ए - मंजिल बहुत महगां पड़ा ||

धूप   के   दरिया   में साया  जो दिखा |
सोच   कर  पानी मैं  उस जानिब बढ़ा ||

जान    लेकर  भी  भरी   नीयत नहीं |
नाम     भी   मेरा  मिटाने पर अड़ा ||

ख़ूँ   से  है   लबरेज़  पैमाना   मगर |
ख़ाली  है  ज़ालिम  के  पापों का घड़ा ||

मेरे  हाथों  में   थमा   ख़ंजर   गया |
मेरा   क़ातिल  है मियाँ  शातिर बड़ा ||

                           डा० सुरेन्द्र सैनी



naaaaaaaaaaaaaaaaaice one SKS



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