उनकी बात ना मानो,तो अक्सर रूठ जातेहै.

by Ram Krishan Rastogi on March 07, 2015, 05:13:03 AM
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«Reply #45 on: May 22, 2015, 11:46:23 AM »
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बहुत खूब कहा है जी..
आपको बेहद एवं सहर्ष धन्यवाद
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«Reply #46 on: May 22, 2015, 12:08:18 PM »
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«Reply #47 on: May 22, 2015, 12:10:13 PM »
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«Reply #48 on: May 22, 2015, 12:11:25 PM »
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«Reply #49 on: May 22, 2015, 04:50:47 PM »
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मानती हूँ उनकी सभी बाते,जो अक्सर वो चाहते है
उनकी एक बात ना मानो,वे अक्सर रूठ जाते हैं

खिलौना नही है मेरा दिल,जिससे तुम खेलना चाहते हो
दिल कांच से भी कच्चे होते है,ये जल्दी टूट जाते है

बनते है प्यार के रिश्ते मुस्तकिल,केवल सच्चाई पर
झूठ पर चलने वाले रिश्ते,अक्सर टूट ही जाते है

होते है जहाँ चार बर्तन,वहां अक्सर खडक जाते है
ज्यादा खडकओगे उनको,वे अक्सर फूट जाते है

मत करो गुमान उन पर,जो गहरे पानी में तैरते है
ज्यादा तैराक भी कभी कम पानी में भी डूब जाते है

मिल जाती है कभी मंजिल,जरा सा दूर चलने पर भी
कभी पास की मंजिल को पाने के लिए जमाने बीत जाते है

डूबते नही अक्सर जब कभी हम मझधार में होते है
कभी किनारे के पास आकर भी ,हम डूब जाते है

मानते है हम सभी ,सबर का फल मीठा होता है
जब वक्त हद से गुजर जाए,सबर के बाँध टूट जाते है

सिखाया था जिनको चलना,ऊँगली पकड़ कर उनको
आज वो हमारी उँगलियाँ छुड़ा कर नया रास्ता बता जाते है

मनाओ उन अच्छे इंसानों को,जो अक्सर रूठ जाते है
पिरोते है जैसे मोतियों का हार,जो बार बार टूट जाते है

लालच करना इंसान की आदत है,उसे वह छोड़ता कभी नही
जानते है लालच बुरी बला है,तब भी हम फिसल जाते है
 

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«Reply #50 on: May 22, 2015, 05:22:10 PM »
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«Reply #51 on: May 23, 2015, 03:04:34 AM »
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«Reply #53 on: May 24, 2015, 08:10:32 AM »
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«Reply #54 on: May 24, 2015, 08:11:59 AM »
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मानती हूँ उनकी सभी बाते,जो अक्सर वो चाहते है
उनकी एक बात ना मानो,वे अक्सर रूठ जाते हैं

खिलौना नही है मेरा दिल,जिससे तुम खेलना चाहते हो
दिल कांच से भी कच्चे होते है,ये जल्दी टूट जाते है

बनते है प्यार के रिश्ते मुस्तकिल,केवल सच्चाई पर
झूठ पर चलने वाले रिश्ते,अक्सर टूट ही जाते है

होते है जहाँ चार बर्तन,वहां अक्सर खडक जाते है
ज्यादा खडकओगे उनको,वे अक्सर फूट जाते है

मत करो गुमान उन पर,जो गहरे पानी में तैरते है
ज्यादा तैराक भी कभी कम पानी में भी डूब जाते है

मिल जाती है कभी मंजिल,जरा सा दूर चलने पर भी
कभी पास की मंजिल को पाने के लिए जमाने बीत जाते है

डूबते नही अक्सर जब कभी हम मझधार में होते है
कभी किनारे के पास आकर भी ,हम डूब जाते है

मानते है हम सभी ,सबर का फल मीठा होता है
जब वक्त हद से गुजर जाए,सबर के बाँध टूट जाते है

सिखाया था जिनको चलना,ऊँगली पकड़ कर उनको
आज वो हमारी उंगलया छुड़ा कर नया रास्ता बता जाते है

मनाओ उन अच्छे इंसानों को,जो अक्सर रूठ जाते है
पिरोते है जैसे मोतियों का हार,जो बार बार टूट जाते है

लालच करना इंसान की आदत है,उसे वह छोड़ता कभी नही
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«Reply #55 on: May 24, 2015, 09:33:22 AM »
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«Reply #56 on: May 26, 2015, 02:19:23 PM »
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«Reply #57 on: May 31, 2015, 10:04:58 AM »
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