उनकी बात ना मानो,तो अक्सर रूठ जातेहै.

by Ram Krishan Rastogi on March 07, 2015, 05:13:03 AM
Pages: 1 2 3 [4]
ReplyPrint
Author  (Read 2226 times)
Kailash85
Aghaaz ae Shayar
*

Rau: 1
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
15 hours and 46 minutes.

KP عاشق

Posts: 31
Member Since: Mar 2015


View Profile
«Reply #45 on: May 22, 2015, 11:46:23 AM »
Reply with quote
बहुत खूब कहा है जी..
आपको बेहद एवं सहर्ष धन्यवाद
 Applause Applause Applause Applause Applause Applause
Logged
Ram Krishan Rastogi
Umda Shayar
*

Rau: 69
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
30 days, 21 hours and 9 minutes.

Posts: 4988
Member Since: Oct 2010


View Profile
«Reply #46 on: May 22, 2015, 12:08:18 PM »
Reply with quote
shri shihab ji shukriya
Logged
Ram Krishan Rastogi
Umda Shayar
*

Rau: 69
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
30 days, 21 hours and 9 minutes.

Posts: 4988
Member Since: Oct 2010


View Profile
«Reply #47 on: May 22, 2015, 12:10:13 PM »
Reply with quote
श्री जीत जैनम जी शुक्रिया
Logged
Ram Krishan Rastogi
Umda Shayar
*

Rau: 69
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
30 days, 21 hours and 9 minutes.

Posts: 4988
Member Since: Oct 2010


View Profile
«Reply #48 on: May 22, 2015, 12:11:25 PM »
Reply with quote
श्री सुरिन्दर्ण जी शुक्रिया
Logged
Ram Krishan Rastogi
Umda Shayar
*

Rau: 69
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
30 days, 21 hours and 9 minutes.

Posts: 4988
Member Since: Oct 2010


View Profile
«Reply #49 on: May 22, 2015, 04:50:47 PM »
Reply with quote
मानती हूँ उनकी सभी बाते,जो अक्सर वो चाहते है
उनकी एक बात ना मानो,वे अक्सर रूठ जाते हैं

खिलौना नही है मेरा दिल,जिससे तुम खेलना चाहते हो
दिल कांच से भी कच्चे होते है,ये जल्दी टूट जाते है

बनते है प्यार के रिश्ते मुस्तकिल,केवल सच्चाई पर
झूठ पर चलने वाले रिश्ते,अक्सर टूट ही जाते है

होते है जहाँ चार बर्तन,वहां अक्सर खडक जाते है
ज्यादा खडकओगे उनको,वे अक्सर फूट जाते है

मत करो गुमान उन पर,जो गहरे पानी में तैरते है
ज्यादा तैराक भी कभी कम पानी में भी डूब जाते है

मिल जाती है कभी मंजिल,जरा सा दूर चलने पर भी
कभी पास की मंजिल को पाने के लिए जमाने बीत जाते है

डूबते नही अक्सर जब कभी हम मझधार में होते है
कभी किनारे के पास आकर भी ,हम डूब जाते है

मानते है हम सभी ,सबर का फल मीठा होता है
जब वक्त हद से गुजर जाए,सबर के बाँध टूट जाते है

सिखाया था जिनको चलना,ऊँगली पकड़ कर उनको
आज वो हमारी उँगलियाँ छुड़ा कर नया रास्ता बता जाते है

मनाओ उन अच्छे इंसानों को,जो अक्सर रूठ जाते है
पिरोते है जैसे मोतियों का हार,जो बार बार टूट जाते है

लालच करना इंसान की आदत है,उसे वह छोड़ता कभी नही
जानते है लालच बुरी बला है,तब भी हम फिसल जाते है
 

Logged
SURESH SANGWAN
Guest
«Reply #50 on: May 22, 2015, 05:22:10 PM »
Reply with quote
 Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause
Logged
Ram Krishan Rastogi
Umda Shayar
*

Rau: 69
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
30 days, 21 hours and 9 minutes.

Posts: 4988
Member Since: Oct 2010


View Profile
«Reply #51 on: May 23, 2015, 03:04:34 AM »
Reply with quote
shri surindran ji shukriya
Logged
vinery
Khususi Shayar
*****

Rau: 17
Offline Offline

Gender: Female
Waqt Bitaya:
3 days, 17 hours and 17 minutes.
Posts: 1157
Member Since: May 2015


View Profile
«Reply #52 on: May 24, 2015, 07:18:34 AM »
Reply with quote
Very nice.
Logged
Ram Krishan Rastogi
Umda Shayar
*

Rau: 69
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
30 days, 21 hours and 9 minutes.

Posts: 4988
Member Since: Oct 2010


View Profile
«Reply #53 on: May 24, 2015, 08:10:32 AM »
Reply with quote
पूजा जी शुक्रिया
Logged
Ram Krishan Rastogi
Umda Shayar
*

Rau: 69
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
30 days, 21 hours and 9 minutes.

Posts: 4988
Member Since: Oct 2010


View Profile
«Reply #54 on: May 24, 2015, 08:11:59 AM »
Reply with quote
मानती हूँ उनकी सभी बाते,जो अक्सर वो चाहते है
उनकी एक बात ना मानो,वे अक्सर रूठ जाते हैं

खिलौना नही है मेरा दिल,जिससे तुम खेलना चाहते हो
दिल कांच से भी कच्चे होते है,ये जल्दी टूट जाते है

बनते है प्यार के रिश्ते मुस्तकिल,केवल सच्चाई पर
झूठ पर चलने वाले रिश्ते,अक्सर टूट ही जाते है

होते है जहाँ चार बर्तन,वहां अक्सर खडक जाते है
ज्यादा खडकओगे उनको,वे अक्सर फूट जाते है

मत करो गुमान उन पर,जो गहरे पानी में तैरते है
ज्यादा तैराक भी कभी कम पानी में भी डूब जाते है

मिल जाती है कभी मंजिल,जरा सा दूर चलने पर भी
कभी पास की मंजिल को पाने के लिए जमाने बीत जाते है

डूबते नही अक्सर जब कभी हम मझधार में होते है
कभी किनारे के पास आकर भी ,हम डूब जाते है

मानते है हम सभी ,सबर का फल मीठा होता है
जब वक्त हद से गुजर जाए,सबर के बाँध टूट जाते है

सिखाया था जिनको चलना,ऊँगली पकड़ कर उनको
आज वो हमारी उंगलया छुड़ा कर नया रास्ता बता जाते है

मनाओ उन अच्छे इंसानों को,जो अक्सर रूठ जाते है
पिरोते है जैसे मोतियों का हार,जो बार बार टूट जाते है

लालच करना इंसान की आदत है,उसे वह छोड़ता कभी नही
जानते है लालच बुरी बला है,तब भी हम फिसल जाते है
 

पूजा जी शुक्रिया
Logged
Ram Krishan Rastogi
Umda Shayar
*

Rau: 69
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
30 days, 21 hours and 9 minutes.

Posts: 4988
Member Since: Oct 2010


View Profile
«Reply #55 on: May 24, 2015, 09:33:22 AM »
Reply with quote
bahut khoob  Applause Applause
Logged
Ram Krishan Rastogi
Umda Shayar
*

Rau: 69
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
30 days, 21 hours and 9 minutes.

Posts: 4988
Member Since: Oct 2010


View Profile
«Reply #56 on: May 26, 2015, 02:19:23 PM »
Reply with quote
श्री जीत जैनम जी शुक्रिया
Logged
Ram Krishan Rastogi
Umda Shayar
*

Rau: 69
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
30 days, 21 hours and 9 minutes.

Posts: 4988
Member Since: Oct 2010


View Profile
«Reply #57 on: May 31, 2015, 10:04:58 AM »
Reply with quote
श्री सुरिन्दर्ण जी शुक्रिया
Logged
Pages: 1 2 3 [4]
ReplyPrint
Jump to:  

+ Quick Reply
With a Quick-Reply you can use bulletin board code and smileys as you would in a normal post, but much more conveniently.


Get Yoindia Updates in Email.

Enter your email address:

Ask any question to expert on eTI community..
Welcome, Guest. Please login or register.
Did you miss your activation email?
November 24, 2024, 05:31:31 AM

Login with username, password and session length
Recent Replies
[November 21, 2024, 09:01:29 AM]

[November 16, 2024, 11:44:41 AM]

by Michaelraw
[November 13, 2024, 12:59:11 PM]

[November 08, 2024, 09:59:54 AM]

[November 07, 2024, 01:56:50 PM]

[November 07, 2024, 01:55:03 PM]

[November 07, 2024, 01:52:40 PM]

[November 07, 2024, 01:51:59 PM]

[October 30, 2024, 05:13:27 AM]

by ASIF
[October 29, 2024, 07:57:46 AM]
Yoindia Shayariadab Copyright © MGCyber Group All Rights Reserved
Terms of Use| Privacy Policy Powered by PHP MySQL SMF© Simple Machines LLC
Page created in 0.101 seconds with 24 queries.
[x] Join now community of 8506 Real Poets and poetry admirer