करी तूने कैसी तिजारत 'परम'

by Anaarhi on August 18, 2012, 04:47:08 AM
Pages: [1]
ReplyPrint
Author  (Read 836 times)
Anaarhi
Guest
Reply with quote
मैं क़ातिल से रस्तों में डरता ही निकला,
था जिस में छुरा हाथ मेरा ही निकला.

मुसलमां ओ हिन्दू थे दंगाइयों में,
ज़नाज़ा हर इक घर से मेरा ही निकला.

रहा उम्र भर सर्द मेरा क़रीबी,
उसे छू के देखा तो साया ही निकला.

सभी की नज़र है कमाई पे मेरी,
हरम दैर का सच ये झगङा ही निकला.

तराज़ू पे रक्खा था सौ सेर का जो,
वो तौला गया जब तो मासा ही निकला.

यूँ आँखों में तो हसरतें भी हैं मेरी,
मग़र वक़्त आया तो दरिया ही निकला.

बनाया था तूने जो सोने का पिंजरा,
ए नांदां वो घर देख तेरा ही निकला.

मिलाउंगा नज़रें मैं क्या आइनों से,
अग़र झूठा किरदार मेरा ही निकला.

करी तूने कैसी तिजारत 'परम'
न कुछ भी कमाया न खर्चा ही निकला....

"परम" १५/०८/२०१२
Logged
gaytri gupta
Guest
«Reply #1 on: August 18, 2012, 05:24:30 AM »
Reply with quote
bahut badhiya ...
Logged
sksaini4
Ustaad ae Shayari
*****

Rau: 853
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
112 days, 8 hours and 51 minutes.
Posts: 36414
Member Since: Apr 2011


View Profile
«Reply #2 on: August 18, 2012, 06:04:21 AM »
Reply with quote
speechless execellent marvellous bahut bahut badhaai
Logged
khwahish
WeCare
Khaas Shayar
**

Rau: 166
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
272 days, 6 hours and 11 minutes.

Posts: 11814
Member Since: Sep 2006


View Profile
«Reply #3 on: August 18, 2012, 08:32:02 AM »
Reply with quote
मैं क़ातिल से रस्तों में डरता ही निकला,
था जिस में छुरा हाथ मेरा ही निकला.

मुसलमां ओ हिन्दू थे दंगाइयों में,
ज़नाज़ा हर इक घर से मेरा ही निकला.

रहा उम्र भर सर्द मेरा क़रीबी,
उसे छू के देखा तो साया ही निकला.

सभी की नज़र है कमाई पे मेरी,
हरम दैर का सच ये झगङा ही निकला.

तराज़ू पे रक्खा था सौ सेर का जो,
वो तौला गया जब तो मासा ही निकला.

यूँ आँखों में तो हसरतें भी हैं मेरी,
मग़र वक़्त आया तो दरिया ही निकला.

बनाया था तूने जो सोने का पिंजरा,
ए नांदां वो घर देख तेरा ही निकला.

मिलाउंगा नज़रें मैं क्या आइनों से,
अग़र झूठा किरदार मेरा ही निकला.

करी तूने कैसी तिजारत 'परम'
न कुछ भी कमाया न खर्चा ही निकला....

"परम" १५/०८/२०१२


Excellent..Bahut Bahut Khooooob!!!!!

 Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley
Logged
Sps
Guest
«Reply #4 on: August 18, 2012, 01:12:59 PM »
Reply with quote
bahot umda bahot khoob Pawan ji
Logged
soudagar
Guest
«Reply #5 on: August 18, 2012, 05:00:26 PM »
Reply with quote
bahut khub baht badhiya. Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley
Logged
~Hriday~
Poetic Patrol
Mashhur Shayar
***

Rau: 115
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
101 days, 3 hours and 51 minutes.

kalam k chalne ko zamaana paagalpan samajhta hai.

Posts: 16243
Member Since: Feb 2010


View Profile WWW
«Reply #6 on: August 20, 2012, 09:57:19 AM »
Reply with quote
Applause Applause Applause Applause Applause  bahut sundar, bahut khoob likha hai aapne Param ji... bahut khoob...!!!
Logged
suman59
Guest
«Reply #7 on: August 22, 2012, 04:40:40 PM »
Reply with quote
bahut khoob anaarhi jee
Logged
Anaarhi
Guest
«Reply #8 on: August 25, 2012, 12:11:42 PM »
Reply with quote
bahut badhiya ...
Thanks Gaytri Gupta Ji....
Logged
Anaarhi
Guest
«Reply #9 on: August 29, 2012, 04:53:30 AM »
Reply with quote
typing error correction....

करी तूने कैसी तिजारत 'परम' ये
न कुछ भी कमाया न खर्चा ही निकला....
thanks

"परम"
Logged
adil bechain
Umda Shayar
*

Rau: 161
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
31 days, 18 hours and 24 minutes.

Posts: 6552
Member Since: Mar 2009


View Profile
«Reply #10 on: August 29, 2012, 01:01:17 PM »
Reply with quote
मैं क़ातिल से रस्तों में डरता ही निकला,
था जिस में छुरा हाथ मेरा ही निकला.

मुसलमां ओ हिन्दू थे दंगाइयों में,
ज़नाज़ा हर इक घर से मेरा ही निकला.

रहा उम्र भर सर्द मेरा क़रीबी,
उसे छू के देखा तो साया ही निकला.

सभी की नज़र है कमाई पे मेरी,
हरम दैर का सच ये झगङा ही निकला.

तराज़ू पे रक्खा था सौ सेर का जो,
वो तौला गया जब तो मासा ही निकला.

यूँ आँखों में तो हसरतें भी हैं मेरी,
मग़र वक़्त आया तो दरिया ही निकला.

बनाया था तूने जो सोने का पिंजरा,
ए नांदां वो घर देख तेरा ही निकला.

मिलाउंगा नज़रें मैं क्या आइनों से,
अग़र झूठा किरदार मेरा ही निकला.

करी तूने कैसी तिजारत 'परम'
न कुछ भी कमाया न खर्चा ही निकला....

"परम" १५/०८/२०१२


waaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaah
Applause Applause Applause
Logged
Pages: [1]
ReplyPrint
Jump to:  

+ Quick Reply
With a Quick-Reply you can use bulletin board code and smileys as you would in a normal post, but much more conveniently.


Get Yoindia Updates in Email.

Enter your email address:

Ask any question to expert on eTI community..
Welcome, Guest. Please login or register.
Did you miss your activation email?
November 23, 2024, 10:54:24 AM

Login with username, password and session length
Recent Replies
[November 21, 2024, 09:01:29 AM]

[November 16, 2024, 11:44:41 AM]

by Michaelraw
[November 13, 2024, 12:59:11 PM]

[November 08, 2024, 09:59:54 AM]

[November 07, 2024, 01:56:50 PM]

[November 07, 2024, 01:55:03 PM]

[November 07, 2024, 01:52:40 PM]

[November 07, 2024, 01:51:59 PM]

[October 30, 2024, 05:13:27 AM]

by ASIF
[October 29, 2024, 07:57:46 AM]
Yoindia Shayariadab Copyright © MGCyber Group All Rights Reserved
Terms of Use| Privacy Policy Powered by PHP MySQL SMF© Simple Machines LLC
Page created in 0.122 seconds with 24 queries.
[x] Join now community of 8506 Real Poets and poetry admirer