कुछ हसरतें बची हुई है ..

by Bishwajeet 'Musaahib' on April 25, 2013, 01:29:51 PM
Pages: [1]
ReplyPrint
Author  (Read 737 times)
Bishwajeet 'Musaahib'
Guest
Reply with quote
अभी ज़िन्दगी की कुछ नुमाएशें बची हुई हैं ..
अभी लौट आने की कुछ उम्मीदें बची हुई हैं ..

कैसे कहते हो की अब ये दुनिया नहीं अच्छी ..
अभी यहाँ बुजुर्गों की कुछ दुआएं बची हुई हैं ..

कहो कैसे छोड़ दें तुम्हे याद करना हम अब..
अभी मेरी जिंदगी की कुछ साँसे बची हुई हैं ..

कैसे कहते हो इसे मात मेरी अभी से तुम ..
मोहरों की अभी मेरी कुछ चालें बची हुई हैं ..

नींद उसको भी परेशां करती है रात रात भर ..
पर पेट भरने को अभी कुछ कमाई बची हुई है ..

दिल हाथ लिए घूमता है मुसाहिब" अब भी..
लगता है तड़पने की कुछ हसरतें बची हुई है ..
Logged
sarfira
Guest
«Reply #1 on: April 25, 2013, 01:51:21 PM »
Reply with quote
अभी ज़िन्दगी की कुछ नुमाएशें बची हुई हैं ..
अभी लौट आने की कुछ उम्मीदें बची हुई हैं ..

कैसे कहते हो की अब ये दुनिया नहीं अच्छी ..
अभी यहाँ बुजुर्गों की कुछ दुआएं बची हुई हैं ..

कहो कैसे छोड़ दें तुम्हे याद करना हम अब..
अभी मेरी जिंदगी की कुछ साँसे बची हुई हैं ..

कैसे कहते हो इसे मात मेरी अभी से तुम ..
मोहरों की अभी मेरी कुछ चालें बची हुई हैं ..

नींद उसको भी परेशां करती है रात रात भर ..
पर पेट भरने को अभी कुछ कमाई बची हुई है ..

दिल हाथ लिए घूमता है मुसाहिब" अब भी..
लगता है तड़पने की कुछ हसरतें बची हुई है ..

bht khoob janaab
aapki ghazal me zindgi ki sachai nihit hai...
aapko dili mbarakbaad

bht khusi hoti h ek khalish aur mukammal ghazal padh ke
apna saath isi trah bnae rkhie

khus rhie
aate rhie
Logged
marhoom bahayaat
Guest
«Reply #2 on: April 25, 2013, 04:51:31 PM »
Reply with quote
अभी ज़िन्दगी की कुछ नुमाएशें बची हुई हैं ..
अभी लौट आने की कुछ उम्मीदें बची हुई हैं ..

कैसे कहते हो की अब ये दुनिया नहीं अच्छी ..
अभी यहाँ बुजुर्गों की कुछ दुआएं बची हुई हैं ..

कहो कैसे छोड़ दें तुम्हे याद करना हम अब..
अभी मेरी जिंदगी की कुछ साँसे बची हुई हैं ..

कैसे कहते हो इसे मात मेरी अभी से तुम ..
मोहरों की अभी मेरी कुछ चालें बची हुई हैं ..

नींद उसको भी परेशां करती है रात रात भर ..
पर पेट भरने को अभी कुछ कमाई बची हुई है ..

दिल हाथ लिए घूमता है मुसाहिब" अब भी..
लगता है तड़पने की कुछ हसरतें बची हुई है ..


good composition but concentrate on qafia which are not same,sir
Logged
suman59
Guest
«Reply #3 on: April 25, 2013, 05:56:23 PM »
Reply with quote
अभी ज़िन्दगी की कुछ नुमाएशें बची हुई हैं ..
अभी लौट आने की कुछ उम्मीदें बची हुई हैं ..

कैसे कहते हो की अब ये दुनिया नहीं अच्छी ..
अभी यहाँ बुजुर्गों की कुछ दुआएं बची हुई हैं ..

कहो कैसे छोड़ दें तुम्हे याद करना हम अब..
अभी मेरी जिंदगी की कुछ साँसे बची हुई हैं ..

कैसे कहते हो इसे मात मेरी अभी से तुम ..
मोहरों की अभी मेरी कुछ चालें बची हुई हैं ..

नींद उसको भी परेशां करती है रात रात भर ..
पर पेट भरने को अभी कुछ कमाई बची हुई है ..

दिल हाथ लिए घूमता है मुसाहिब" अब भी..
लगता है तड़पने की कुछ हसरतें बची हुई है ..

Wah bahut khoob...
Quote
कैसे कहते हो की अब ये दुनिया नहीं अच्छी ..
अभी यहाँ बुजुर्गों की कुछ दुआएं बची हुई हैं ..

 Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley


नींद उसको भी परेशां करती है रात रात भर ..
पर पेट भरने को अभी कुछ कमाई बची हुई है ..

wah wah....

Logged
dksaxenabsnl
YOS Friend of the Month
Yoindian Shayar
*

Rau: 109
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
20 days, 20 hours and 34 minutes.

खुश रहो खुश रहने दो l

Posts: 4127
Member Since: Feb 2013


View Profile
«Reply #4 on: April 25, 2013, 06:27:19 PM »
Reply with quote
अभी ज़िन्दगी की कुछ नुमाएशें बची हुई हैं ..
अभी लौट आने की कुछ उम्मीदें बची हुई हैं ..

कैसे कहते हो की अब ये दुनिया नहीं अच्छी ..
अभी यहाँ बुजुर्गों की कुछ दुआएं बची हुई हैं ..
I Liked Too much above lines.
कहो कैसे छोड़ दें तुम्हे याद करना हम अब..
अभी मेरी जिंदगी की कुछ साँसे बची हुई हैं ..

कैसे कहते हो इसे मात मेरी अभी से तुम ..
मोहरों की अभी मेरी कुछ चालें बची हुई हैं ..

नींद उसको भी परेशां करती है रात रात भर ..
पर पेट भरने को अभी कुछ कमाई बची हुई है ..

दिल हाथ लिए घूमता है मुसाहिब" अब भी..
लगता है तड़पने की कुछ हसरतें बची हुई है ..
Kya Khoob Likha Hai. Jwab Nahin. Bahut Pasand aya.

Logged
varun girdhar
Guest
«Reply #5 on: April 25, 2013, 06:50:46 PM »
Reply with quote
bahut khoob bishwajeet jee

 Applause Applause Applause Applause

2 line arz ki hain


Kitni dukh hain jahan mein, lekin phir bhi mehfilein saji hui hain,

Chahey kitna bhi zulm karle yeah jahan, insaaniyat abhi bhi bachhi hui hain


dhanyawaad


Logged
Sudhir Ashq
Khususi Shayar
*****

Rau: 108
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
16 days, 19 hours and 27 minutes.

Posts: 1813
Member Since: Feb 2013


View Profile WWW
«Reply #6 on: April 25, 2013, 07:45:37 PM »
Reply with quote
 Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause
Logged
Tuhina
Guest
«Reply #7 on: April 26, 2013, 01:35:00 PM »
Reply with quote
bahut   khoob   musaahib   sahab ....... 
Logged
ParwaaZ
Guest
«Reply #8 on: April 27, 2013, 05:12:25 PM »
Reply with quote
Bishwajeet Jee Aadaab...!


Bahut khoob janab bahut umdaa... badi hi achchi kalaam kahi hai aapne... aik se badhkar aik khayaal rahe... Usual Smile

Aur yeH quoted ashaaroN ke kia kahne waH janab waaH bahut umdaa humari dili daad O mubbarakbad kabul kijiye... Usual Smile

Likhate rahiye... bazm meiN aate rahiye...
Shaad O aabaad rahiye...

Khuda Hafez... Usual Smile





कहो कैसे छोड़ दें तुम्हे याद करना हम अब..
अभी मेरी जिंदगी की कुछ साँसे बची हुई हैं ..

कैसे कहते हो इसे मात मेरी अभी से तुम ..
मोहरों की अभी मेरी कुछ चालें बची हुई हैं ..

दिल हाथ लिए घूमता है मुसाहिब" अब भी..
लगता है तड़पने की कुछ हसरतें बची हुई है ..
Logged
Pages: [1]
ReplyPrint
Jump to:  

+ Quick Reply
With a Quick-Reply you can use bulletin board code and smileys as you would in a normal post, but much more conveniently.


Get Yoindia Updates in Email.

Enter your email address:

Ask any question to expert on eTI community..
Welcome, Guest. Please login or register.
Did you miss your activation email?
November 21, 2024, 05:02:32 PM

Login with username, password and session length
Recent Replies
[November 21, 2024, 09:01:29 AM]

[November 16, 2024, 11:44:41 AM]

by Michaelraw
[November 13, 2024, 12:59:11 PM]

[November 08, 2024, 09:59:54 AM]

[November 07, 2024, 01:56:50 PM]

[November 07, 2024, 01:55:03 PM]

[November 07, 2024, 01:52:40 PM]

[November 07, 2024, 01:51:59 PM]

[October 30, 2024, 05:13:27 AM]

by ASIF
[October 29, 2024, 07:57:46 AM]
Yoindia Shayariadab Copyright © MGCyber Group All Rights Reserved
Terms of Use| Privacy Policy Powered by PHP MySQL SMF© Simple Machines LLC
Page created in 0.103 seconds with 21 queries.
[x] Join now community of 8506 Real Poets and poetry admirer