"क्यूँ चले गए तुम"
जब तुम थे साथ हमारे ,पाँव हमारे जमीन पैर न पड़ते थे
जब तुम थे साथ हमारे , आँखों मैं सतरंगी सपने तैरते रहते थे
जब तुम थे साथ हमारे , दिल की धड़कनों की रवानी मैं संगीत बहता था
जब तुम थे साथ हमारे , दिन रात हमारे रंगीन रहते थे
जब तुम थे साथ हमारे हर मुश्किल आसान सी लगती रहती थी
आज जब तुम नहीं साथ हमारे पाँव जमीन पर भी आगे नहीं बढ़ते हैं
आज जब तुम नहीं साथ हमारे आँखों मैं सिर्फ उदासी तैरती रहती है
आज जब तुम नहीं साथ हमारे धडकनों की रवानी मद्धम रहती है
आज जब तुम नहीं साथ हमारे सारे दिन रात बदरंग से रहते हैं
आज जब तुम नहीं साथ हमारे हर आसान बात भी मुश्किल लगती है
क्यूँ छोड़ गए तुम हमें इस तरह से भटकने के लिए
क्यूँ छोड़ गए तुम हमे सपनो को देखने से डरते हुए
कयूं छोड़ गए तुम हमें दिल की धडकनों का शोर सुनने के लिए
क्यूँ छोड़ गए तुम हमें इस तरह दिन रात तड़पने के लिए
क्यूँ छोड़ गए तुम हमे हर मुश्किल से लड़ने के लिए
बोलो न क्यूँ छोड़ गए तुम
??
क्यूँ छोड़ गए तुम?
?
गायत्री गुप्ता.....
"kyun chale gaye tum"
jab tum the sath hamare ,paon hamare jameen per nahi rahte the
jab tum the sath hamare , aankhon main satrangi sapne tairate the
jab tum the sath hamare , dil ki dhadkano ki rawani main sangeet bahta tha
jab tum the sath hamare , din raat humare rangeen rahte the
jab tum the sath hamare , her mushkil aasaan see lagti thi
aaj jab tum nahi sath hamare paon jameen per bhi aage nahi badhate hain
aaj jab tum nahi sath hamare aankho main udasi see tairati rahti hai
aaj jab tum nahi sath hamare dhadkano ki rawani madham see rahti hai
aaj jab tum nahi sath hamare har din-raat badrang rahte hain
aaj jab tum nahi sath hamare her aasaan see baat bhi mushkil lagti hai
kyun chod gaye tum hume is tarah se bhatakane ke liye
kyun chod gaye tum hume din raat tadpane ke liye
kyun chod gaye tum hume dil ki dhadkano ka shor sunne ke liye
kyun chod gaye tum hame yun din raat tadpne ke liye
kyun chod gaye tum hame har mushkil se ladne ke liye
bolo na kyun chale gaye tum
kyun chale gaye tum
Gaytri Gupta....