ग़ज़ल

by Krishna Sukumar on March 19, 2013, 10:39:07 PM
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Krishna Sukumar
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ग़ज़ल

कभी  हम  भीड़  में  कुछ यूँ  अकेले टूट जाते हैं
पता यह तक  नहीं  चलता  कहाँ से  टूट जाते हैं

कभी  कुछ  यूँ  चटकता है  हमारे अपने ही भीतर
कि  जैसे  पैरहन  के  चंद  धागे  टूट  जाते  हैं               पैरहन -वस्त्र या लिबास  

मेरी मासूमियत पर कुछ तरस खा कर ही रह जाते
ज़ियादा  दिन  नहीं  चलते  खिलौने  टूट जाते हैं    

कभी  शक  की नमी  बुनियाद में यूँ बैठ जाती है
रहे  मज़बूत  जो  कल  तक  घरौंदे  टूट जाते हैं    

बिछड़ना  फिर से मिलने की नयी उम्मीद लाता है
मगर ख़ुद से ख़फ़ा हो कर  जो बिछड़े टूट जाते हैं    


कृष्ण सुकुमार

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Advo.RavinderaRavi
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«Reply #1 on: March 19, 2013, 10:56:48 PM »
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Sundar
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F.H.SIDDIQUI
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«Reply #2 on: March 19, 2013, 11:13:33 PM »
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nice.
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marhoom bahayaat
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«Reply #3 on: March 19, 2013, 11:35:18 PM »
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ग़ज़ल

कभी  हम  भीड़  में  कुछ यूँ  अकेले टूट जाते हैं
पता यह तक  नहीं  चलता  कहाँ से  टूट जाते हैं

कभी  कुछ  यूँ  चटकता है  हमारे अपने ही भीतर
कि  जैसे  पैरहन  के  चंद  धागे  टूट  जाते  हैं              पैरहन -वस्त्र या लिबास 

मेरी मासूमियत पर कुछ तरस खा कर ही रह जाते
ज़ियादा  दिन  नहीं  चलते  खिलौने  टूट जाते हैं     

कभी  शक  की नमी  बुनियाद में यूँ बैठ जाती है
रहे  मज़बूत  जो  कल  तक  घरौंदे  टूट जाते हैं     

बिछड़ना  फिर से मिलने की नयी उम्मीद लाता है
मगर ख़ुद से ख़फ़ा हो कर  जो बिछड़े टूट जाते हैं   


कृष्ण सुकुमार



gr88,sir
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ParwaaZ
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«Reply #4 on: March 20, 2013, 01:22:11 AM »
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Krishnaa Jee Aadaab!


Badi khoob Gazal kahi hai jee, achche ahsaas O khayaaloN ko khoob
lafzoN meiN dhalaa hai aapne...

Waise toH sabhi ashaar behad khoob rahe par hume yeH quoted ashaar
waqai behad umdaa lage... Usual Smile

Humari dheroN dili daad O mubbarakbad kabul kijiye...
Bazm meiN aate rahiye...

Shaad O aabaad rhaiye..
Khuda Hafez... Usual Smile



ग़ज़ल


कभी  शक  की नमी  बुनियाद में यूँ बैठ जाती है
रहे  मज़बूत  जो  कल  तक  घरौंदे  टूट जाते हैं     

बिछड़ना  फिर से मिलने की नयी उम्मीद लाता है
मगर ख़ुद से ख़फ़ा हो कर  जो बिछड़े टूट जाते हैं   


कृष्ण सुकुमार


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aqsh
Guest
«Reply #5 on: March 20, 2013, 02:09:38 PM »
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 Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley
kya baat hai krishna ji. behad umda kalaam rahi. dheron daad.
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