amit_prakash_meet
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नगमा-ए-मौहब्बत जहाँ गाया नहीं जाता ऐसे महबूब के दर पर जाया नहीं जाता
ज़ज्बा-ए-मेजबानी तो अब हैं बातें पुरानी यूँ ही घर किसी के अब आया नहीं जाता
इज्ज़त न हो जहाँ पर कभी मेरे यार की मैं तो क्या अब वहां मेरे साया नही जाता
मौहब्बत तो होती है फ़कत एक बार किसी से ये दिल तो यूँ ही सभी पर लाया नहीं जाता
अब तो घर की दाल रोटी भी देती है सुकुन बाहर का मुर्ग-मुस्सल्लम अब खाया नहीं जाता
रकीबों ने मुझे पाने की कोशिशें तमाम कीं मगर मेरे जैसा “मीत” यूँ ही पाया नहीं जाता
.............................अमित प्रकाश "मीत"
Nagma-e-Mohabbat Jahan Gaya Nahi Jaata Aise Mehboob Ke Dar Par Jaaya Nahi Jaata
Jazba-e-Mejbaani To Ab Hain Baatein Purani Yun Hi Ghar Kisi Ke Ab Aaya Nahi Jaata
Izzat Na Ho Jahan Par Kabhi Mere Yaar Kee Main To Kya Ab Vahan Mere Saaya Nahi Jaata
Mounabbat To Hoti Hai Fakat Ek Baar Kisi Se Ye Dil To Yun Hi Sabhi Par Laaya Nahi Jaata
Ab To Ghar Kee Daal Roti Bhi Deti Hai Sukun Bahar Ka Murg-Mussallam Ab Khaya Nahi Jaata
Rakeebon Ne Mujhe Paane Kee Koshishein Tamaam Kein Magar Mere Jaisa “MEET” Yun Hi Paaya Nahi Jaata
................................Amit Prakash "MEET"
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Ram Krishan Rastogi
Umda Shayar
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«Reply #2 on: July 16, 2014, 05:47:36 PM » |
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:clap:बहुत खूब वाह वाह ......
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SURESH SANGWAN
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«Reply #3 on: July 16, 2014, 05:58:39 PM » |
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marhoom bahayaat
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«Reply #4 on: July 16, 2014, 10:13:07 PM » |
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नगमा-ए-मौहब्बत जहाँ गाया नहीं जाता ऐसे महबूब के दर पर जाया नहीं जाता
ज़ज्बा-ए-मेजबानी तो अब हैं बातें पुरानी यूँ ही घर किसी के अब आया नहीं जाता
इज्ज़त न हो जहाँ पर कभी मेरे यार की मैं तो क्या अब वहां मेरे साया नही जाता
मौहब्बत तो होती है फ़कत एक बार किसी से ये दिल तो यूँ ही सभी पर लाया नहीं जाता
अब तो घर की दाल रोटी भी देती है सुकुन बाहर का मुर्ग-मुस्सल्लम अब खाया नहीं जाता
रकीबों ने मुझे पाने की कोशिशें तमाम कीं मगर मेरे जैसा “मीत” यूँ ही पाया नहीं जाता
.............................अमित प्रकाश "मीत"
Nagma-e-Mohabbat Jahan Gaya Nahi Jaata Aise Mehboob Ke Dar Par Jaaya Nahi Jaata
Jazba-e-Mejbaani To Ab Hain Baatein Purani Yun Hi Ghar Kisi Ke Ab Aaya Nahi Jaata
Izzat Na Ho Jahan Par Kabhi Mere Yaar Kee Main To Kya Ab Vahan Mere Saaya Nahi Jaata
Mounabbat To Hoti Hai Fakat Ek Baar Kisi Se Ye Dil To Yun Hi Sabhi Par Laaya Nahi Jaata
Ab To Ghar Kee Daal Roti Bhi Deti Hai Sukun Bahar Ka Murg-Mussallam Ab Khaya Nahi Jaata
Rakeebon Ne Mujhe Paane Kee Koshishein Tamaam Kein Magar Mere Jaisa “MEET” Yun Hi Paaya Nahi Jaata
................................Amit Prakash "MEET"
good,sir
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jeet jainam
Khaas Shayar
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my rule no type no life and ,i m happy single
Posts: 10150 Member Since: Dec 2012
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«Reply #5 on: July 16, 2014, 11:01:09 PM » |
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amit_prakash_meet
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«Reply #6 on: July 17, 2014, 11:59:23 AM » |
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बहुत बहुत शुक्रिया सैनी जी.....
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amit_prakash_meet
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«Reply #8 on: July 19, 2014, 02:38:55 PM » |
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:clap:बहुत खूब वाह वाह ...... बहुत बहुत शुक्रिया रस्तोगी जी......
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amit_prakash_meet
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«Reply #9 on: July 21, 2014, 12:24:11 PM » |
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बहुत बहुत शुक्रिया सरू जी.....
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Saavan
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«Reply #10 on: July 21, 2014, 02:37:22 PM » |
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amit_prakash_meet
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«Reply #11 on: July 21, 2014, 04:27:17 PM » |
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good,sir
बहुत बहुत शुक्रिया बहायत जी.....
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amit_prakash_meet
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«Reply #12 on: July 22, 2014, 12:17:50 PM » |
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बहुत बहुत शुक्रिया जीत जी......
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amit_prakash_meet
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«Reply #13 on: July 22, 2014, 06:14:18 PM » |
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बहुत बहुत शुक्रिया शेबा जी.....
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amit_prakash_meet
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«Reply #14 on: July 23, 2014, 09:21:30 PM » |
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बहुत बहुत शुक्रिया सावन जी......
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