Bishwajeet 'Musaahib'
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रिश्तों में इतनी मुतालबा कर के ... तन्हा रह जायेगा आजमा कर के ...
आना होता तो बताकर जाते ... कुछ न होगा याद बारहा कर के ...
इस महीने तो वक़्त पर आओ ... झूठ नहीं बोलते हैं रोज़ा कर के ...
बस इसी डर से मैं न पीता हूँ ... मुकर जाऊँगा वायदे वफ़ा कर के ...
माना कि ये महज़ शौक था तेरा .. क्या मिला मुझको यूँ खफा कर के ...
साँसे थी तो तरसे नाचार बहुत... मर गए तो भेजेंगे सजा कर के ...
"मुसाहिब" तुम ही आगाज़ करो ... दूरी घटेगी निस्बत में इज़ाफ़ा कर के ...
RishtoN me Itni Mutaalbaa Kar ke... Tanhaa Rah Jayegaa Aazmaa Kar ke...
Aana Hotaa To Batakar Jaate ... Kuch Na Hogaa Yaad Barhaa Kar ke...
Is Mahine To Waqt Par Aao ... Jhuth NahiN Bolte HaiN Rozaa Kar ke...
Bas Isi Darr se MaiN Na Pita HuN ... Mukar Jaungaa Waayde Wafa Kar ke...
Manaa Ki Mahaz Shauk Tha Tera .... Kyaa Milaa Mujhkoo YuN Khafa Kar ke...
Saanse Thi To Tarse Nachaar Bahut... Mar Gaye To Bhejenge Saja Kar ke...
"Musaahib" Tum Hi agaaz Karo... Duri Ghategi Nisbat Me Izaafa Kar ke...
मुतालबा - demand, निस्बत - relation
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khujli
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«Reply #1 on: November 07, 2013, 02:38:44 PM » |
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amit_prakash_meet
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«Reply #2 on: November 07, 2013, 02:45:18 PM » |
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बहुत खूब...बिशवाजीत जी....अंदाज-ए-बयाँ बहुत खूब लगा.....
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sksaini4
Ustaad ae Shayari
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Posts: 36414 Member Since: Apr 2011
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«Reply #5 on: November 07, 2013, 05:13:20 PM » |
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bahut bahut khoob
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zarraa
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«Reply #6 on: November 07, 2013, 05:40:49 PM » |
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Aana Hotaa To Batakar Jaate ... Kuch Na Hogaa Yaad Barhaa Kar ke...
Bas Isi Darr se MaiN Na Pita HuN ... Mukar Jaungaa Waayde Wafa Kar ke...
"Musaahib" Tum Hi agaaz Karo... Duri Ghategi Nisbat Me Izaafa Kar ke...
wwwwwaaaaahhhhhh ..... aap ki ghazal behad pasand aayee Musaahib ji .... Dheron daad qabool karein !!!
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sidra04
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«Reply #7 on: November 07, 2013, 06:10:16 PM » |
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Aana Hotaa To Batakar Jaate ... Kuch Na Hogaa Yaad Barhaa Kar ke
waaaahhhhhh
Is Mahine To Waqt Par Aao ... Jhuth NahiN Bolte HaiN Rozaa Kar ke...
bahot khooooobbb
Manaa Ki Mahaz Shauk Tha Tera .... Kyaa Milaa Mujhkoo YuN Khafa Kar ke
bahot acche.. likhte rahiye...
Sidra
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SURESH SANGWAN
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«Reply #8 on: November 07, 2013, 07:34:28 PM » |
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इस महीने तो वक़्त पर आओ ... झूठ नहीं बोलते हैं रोज़ा कर के ... बस इसी डर से मैं न पीता हूँ ... मुकर जाऊँगा वायदे वफ़ा कर के ... माना कि ये महज़ शौक था तेरा .. क्या मिला मुझको यूँ खफा कर के ... Musahib ji ek rau ke saath daad
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Bishwajeet Anand Bsu
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«Reply #9 on: November 07, 2013, 07:39:42 PM » |
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Bishwajeet Anand Bsu
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«Reply #10 on: November 07, 2013, 07:40:32 PM » |
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बहुत खूब...बिशवाजीत जी....अंदाज-ए-बयाँ बहुत खूब लगा.....
Shukriyaa Amit Ji...
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Bishwajeet Anand Bsu
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«Reply #11 on: November 07, 2013, 07:41:16 PM » |
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इस महीने तो वक़्त पर आओ ... झूठ नहीं बोलते हैं रोज़ा कर के ... बस इसी डर से मैं न पीता हूँ ... मुकर जाऊँगा वायदे वफ़ा कर के ... माना कि ये महज़ शौक था तेरा .. क्या मिला मुझको यूँ खफा कर के ... Musahib ji ek rau ke saath daadBahut Bahut Shukriyaa Suresh Ji...
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Bishwajeet Anand Bsu
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«Reply #12 on: November 07, 2013, 07:42:18 PM » |
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Bishwajeet Anand Bsu
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«Reply #13 on: November 07, 2013, 07:43:29 PM » |
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Shihab
Yoindian Shayar
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Waqt Bitaya:29 days, 4 hours and 51 minutes.
Maut To Ek Shuruaat Hai...
Posts: 2082 Member Since: Dec 2006
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«Reply #14 on: November 07, 2013, 07:43:46 PM » |
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रिश्तों में इतनी मुतालबा कर के ... तन्हा रह जायेगा आजमा कर के ... आना होता तो बताकर जाते ... कुछ न होगा याद बारहा कर के ... Ye Do Bahut Achchey Lage Sahab Shad o Aabaad Rahiye Shihab
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