तुम्हारा है हुनर ताजा सितम ईज़ाद कर लेना.............अरुण मिश्र .

by arunmishra on February 11, 2012, 05:16:55 PM
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arunmishra
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ग़ज़ल

-अरुण मिश्र  

कभी  भूले से ही  हमको,  कोई  दिन  याद  कर लेना।
मेरी  बरबादियों पे  ख़ुश हो,  तो दिल शाद  कर लेना॥
 
ये तुम पे है,  हमारे हक़ में,  क्या  इन्साफ  करते हो।
हमारे  हाथ  में  है,  रो  के   बस  फ़रियाद  कर लेना॥
 
हमारा  हौसला  है,  हर  जफ़ा  को   हॅस के  सह लेंगे।
तुम्हारा  है  हुनर,  ताजा  सितम   ईज़ाद  कर  लेना॥
 
'अरुन' के मुँह पे ही,उनकी बुराई  यूँ  न कर ज़ालिम।
वो  महफ़िल  से चले जायें,  तो उसके बाद कर लेना॥
                                *
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Shaifali
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«Reply #1 on: February 11, 2012, 05:21:29 PM »
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MANOJ6568
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«Reply #2 on: February 11, 2012, 06:47:11 PM »
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nice
ग़ज़ल

-अरुण मिश्र   

कभी  भूले से ही  हमको,  कोई  दिन  याद  कर लेना।
मेरी  बरबादियों पे  ख़ुश हो,  तो दिल शाद  कर लेना॥
 
ये तुम पे है,  हमारे हक़ में,  क्या  इन्साफ  करते हो।
हमारे  हाथ  में  है,  रो  के   बस  फ़रियाद  कर लेना॥
 
हमारा  हौसला  है,  हर  जफ़ा  को   हॅस के  सह लेंगे।
तुम्हारा  है  हुनर,  ताजा  सितम   ईज़ाद  कर  लेना॥
 
'अरुन' के मुँह पे ही,उनकी बुराई  यूँ  न कर ज़ालिम।
वो  महफ़िल  से चले जायें,  तो उसके बाद कर लेना॥
                                *

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injured.warrior
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«Reply #3 on: February 11, 2012, 06:54:18 PM »
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ग़ज़ल

-अरुण मिश्र   

कभी  भूले से ही  हमको,  कोई  दिन  याद  कर लेना।
मेरी  बरबादियों पे  ख़ुश हो,  तो दिल शाद  कर लेना॥
 
ये तुम पे है,  हमारे हक़ में,  क्या  इन्साफ  करते हो।
हमारे  हाथ  में  है,  रो  के   बस  फ़रियाद  कर लेना॥
 
हमारा  हौसला  है,  हर  जफ़ा  को   हॅस के  सह लेंगे।
तुम्हारा  है  हुनर,  ताजा  सितम   ईज़ाद  कर  लेना॥
 
'अरुन' के मुँह पे ही,उनकी बुराई  यूँ  न कर ज़ालिम।
वो  महफ़िल  से चले जायें,  तो उसके बाद कर लेना॥
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Bahoot khoob saare sher aur aur asar khoob rahe  daad kabool kare
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mkv
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«Reply #4 on: February 12, 2012, 03:31:48 AM »
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ग़ज़ल

-अरुण मिश्र   

कभी  भूले से ही  हमको,  कोई  दिन  याद  कर लेना।
मेरी  बरबादियों पे  ख़ुश हो,  तो दिल शाद  कर लेना॥  Applause Applause
 
ये तुम पे है,  हमारे हक़ में,  क्या  इन्साफ  करते हो।
हमारे  हाथ  में  है,  रो  के   बस  फ़रियाद  कर लेना॥  Applause Applause
 
हमारा  हौसला  है,  हर  जफ़ा  को   हॅस के  सह लेंगे।
तुम्हारा  है  हुनर,  ताजा  सितम   ईज़ाद  कर  लेना॥  Applause Applause
 
'अरुन' के मुँह पे ही,उनकी बुराई  यूँ  न कर ज़ालिम।
वो  महफ़िल  से चले जायें,  तो उसके बाद कर लेना॥  Applause Applause Applause Applause Applause
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Arun Sir
Aadaab
bahut khoob Sir  Applause Applause Applause
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betukh_ bakbaki
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«Reply #5 on: February 12, 2012, 03:49:07 AM »
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bilkul majhe hue haath ki paidayish hai.bahut khoob
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sksaini4
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«Reply #6 on: February 12, 2012, 04:04:01 AM »
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Arun ji bahut dino ke baad darshan diye par ek shaandar ghazal ke saath ab koi shikaayat naheen bahut bahut badhai
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«Reply #7 on: February 12, 2012, 07:15:45 AM »
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bahut achi ghazal hai arun ji. very good.
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khamosh_aawaaz
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«Reply #8 on: February 12, 2012, 11:53:28 AM »
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ग़ज़ल

-अरुण मिश्र  

कभी  भूले से ही  हमको,  कोई  दिन  याद  कर लेना।
मेरी  बरबादियों पे  ख़ुश हो,  तो दिल शाद  कर लेना॥
 
ये तुम पे है,  हमारे हक़ में,  क्या  इन्साफ  करते हो।
हमारे  हाथ  में  है,  रो  के   बस  फ़रियाद  कर लेना॥
 
हमारा  हौसला  है,  हर  जफ़ा  को   हॅस के  सह लेंगे।
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veri naaaaaiceshayad koi ki jagah kisi ho to behtar

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