बोसा......अमित प्रकाश "मीत"

by amit_prakash_meet on September 15, 2014, 05:53:21 AM
Pages: [1] 2  All
ReplyPrint
Author  (Read 1024 times)
amit_prakash_meet
Guest
Reply with quote
दोस्तों कुछ समय पहले "हसन" जी ने 'बोसा' शब्द का इस्तेमाल करते हुये एक ग़ज़ल पेश की थी......उसकी को आगे बढ़ाते हुये कुछ कहने की कोशिश कर रहा हूँ......उम्मीद है आप लोगों के पसंद आयेगी.....


ये सच है कि तूने मुझे कभी प्यार न किया
मेरे  सच्चे  वादों पर कभी ऐतबार न किया



‘बोसा’ तो मोहब्बत की  पहचान है पुरानी
हुस्न  की इश्क़ पर  ये  बड़ी  है मेहरबानी

इक बोसा जो  दिया था तूने  कभी हमको
नाजुक लबों की  एक यही तो  है निशानी

इश्क़ में दिल हारना  है बड़ा लाज़िम,  तो
दिल हार के दिल जीतना, क्या है नादानी?

हद-ए-हद तक किया है ख़्वाबों में ही दीदार
तभी तो वो सूरत लगती  है जानी-पहचानी

ग़र इश्क़ घूमे आवारा गली गली,  फिर भी
हुस्न रहे चिलमन के पीछे, ये है बदगुमानी

वादों पर ही कट जाती   है सारी  जिंदगानी
इश्क़ में “मीत” फ़कत यही तो  है परेशानी


...................................अमित प्रकाश “मीत”




Ye Sach Hai Ki Tune Mujhe Kabhi Pyaar Na Kiya
Mere Sacche Vaadon Par Kabhi Aitbaar Na Kiya




‘Bosa’ To Mohabbat Kee Pehchaan Hai Purani
Husn  Kee  Ishq  Par Ye  Badi  Hai  Meharbaani

Ik   Bosa   Jo   Diya   Tha   Tune   Kabhi   Humko
Naajuk  Labon  Kee  Ek  Yahi  To   Hai  Nishaani

Ishq   Mein  Dil  Haarna  Hai  Bada  Laazim,  To
Dil   Haar  Ke  Dil  Jeetna,   Kya   Hai   Naadani?

Had-e-Had Tak Kiya Hai Khwabon Mein Hi Deedaar
Tabhi   To   Vo   Surat   Lagti   Hai   Jaani-Pehchaani

Gar    Ishq    Ghoome    Aavara   Gali   Gali,   Fir   Bhi
Husn Rahe Chilman Ke Peeche, Ye Hai Badgumaani

Vaadon   Par   Hi   Kat  Jaati   Hai Saari Zindgaani
Ishq Mein “MEET” Fakat Yahi To Hai Pareshaani


……………………………………………………………Amit Prakash “MEET”
Logged
dksaxenabsnl
YOS Friend of the Month
Yoindian Shayar
*

Rau: 109
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
20 days, 20 hours and 34 minutes.

खुश रहो खुश रहने दो l

Posts: 4127
Member Since: Feb 2013


View Profile
«Reply #1 on: September 15, 2014, 06:01:10 AM »
Reply with quote
दोस्तों कुछ समय पहले "हसन" जी ने 'बोसा' शब्द का इस्तेमाल करते हुये एक ग़ज़ल पेश की थी......उसकी को आगे बढ़ाते हुये कुछ कहने की कोशिश कर रहा हूँ......उम्मीद है आप लोगों के पसंद आयेगी.....

Bahut Umda Amit PK Ji.


ये सच है कि तूने मुझे कभी प्यार न किया
मेरे  सच्चे  वादों पर कभी ऐतबार न किया



‘बोसा’ तो मोहब्बत की  पहचान है पुरानी
हुस्न  की इश्क़ पर  ये  बड़ी  है मेहरबानी

इक बोसा जो  दिया था तूने  कभी हमको
नाजुक लबों की  एक यही तो  है निशानी

इश्क़ में दिल हारना  है बड़ा लाज़िम,  तो
दिल हार के दिल जीतना, क्या है नादानी?

हद-ए-हद तक किया है ख़्वाबों में ही दीदार
तभी तो वो सूरत लगती  है जानी-पहचानी

ग़र इश्क़ घूमे आवारा गली गली,  फिर भी
हुस्न रहे चिलमन के पीछे, ये है बदगुमानी

वादों पर ही कट जाती   है सारी  जिंदगानी
इश्क़ में “मीत” फ़कत यही तो  है परेशानी


...................................अमित प्रकाश “मीत”




Ye Sach Hai Ki Tune Mujhe Kabhi Pyaar Na Kiya
Mere Sacche Vaadon Par Kabhi Aitbaar Na Kiya




‘Bosa’ To Mohabbat Kee Pehchaan Hai Purani
Husn  Kee  Ishq  Par Ye  Badi  Hai  Meharbaani

Ik   Bosa   Jo   Diya   Tha   Tune   Kabhi   Humko
Naajuk  Labon  Kee  Ek  Yahi  To   Hai  Nishaani

Ishq   Mein  Dil  Haarna  Hai  Bada  Laazim,  To
Dil   Haar  Ke  Dil  Jeetna,   Kya   Hai   Naadani?

Had-e-Had Tak Kiya Hai Khwabon Mein Hi Deedaar
Tabhi   To   Vo   Surat   Lagti   Hai   Jaani-Pehchaani

Gar    Ishq    Ghoome    Aavara   Gali   Gali,   Fir   Bhi
Husn Rahe Chilman Ke Peeche, Ye Hai Badgumaani

Vaadon   Par   Hi   Kat  Jaati   Hai Saari Zindgaani
Ishq Mein “MEET” Fakat Yahi To Hai Pareshaani


……………………………………………………………Amit Prakash “MEET”

Logged
SURESH SANGWAN
Guest
«Reply #2 on: September 15, 2014, 07:39:36 AM »
Reply with quote
 Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause
rau ke saath dheron daaaaaaaaad Amit ji
Logged
Ram Krishan Rastogi
Umda Shayar
*

Rau: 69
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
30 days, 21 hours and 9 minutes.

Posts: 4988
Member Since: Oct 2010


View Profile
«Reply #3 on: September 15, 2014, 07:55:42 AM »
Reply with quote
अमित जी बहुत खूब ढेरो दाद है नजर आपको  पेश है चिलमन से निकल उनके जो लब निकले,ऐसा लगा की दहकते अंगारे निकले ,लबो से बाहर जब उनके दांत निकले,ऐसा लगा की सागर से मोती निकले,मोतियों से जब इनके गले का हार बनायेगे,कोई भी इन्हें दुल्हन बनाकर ले जायेगे -


राम कृष्ण रस्तोगी
Logged
khujli
Guest
«Reply #4 on: September 15, 2014, 10:00:55 AM »
Reply with quote
दोस्तों कुछ समय पहले "हसन" जी ने 'बोसा' शब्द का इस्तेमाल करते हुये एक ग़ज़ल पेश की थी......उसकी को आगे बढ़ाते हुये कुछ कहने की कोशिश कर रहा हूँ......उम्मीद है आप लोगों के पसंद आयेगी.....


ये सच है कि तूने मुझे कभी प्यार न किया
मेरे  सच्चे  वादों पर कभी ऐतबार न किया



‘बोसा’ तो मोहब्बत की  पहचान है पुरानी
हुस्न  की इश्क़ पर  ये  बड़ी  है मेहरबानी

इक बोसा जो  दिया था तूने  कभी हमको
नाजुक लबों की  एक यही तो  है निशानी

इश्क़ में दिल हारना  है बड़ा लाज़िम,  तो
दिल हार के दिल जीतना, क्या है नादानी?

हद-ए-हद तक किया है ख़्वाबों में ही दीदार
तभी तो वो सूरत लगती  है जानी-पहचानी

ग़र इश्क़ घूमे आवारा गली गली,  फिर भी
हुस्न रहे चिलमन के पीछे, ये है बदगुमानी

वादों पर ही कट जाती   है सारी  जिंदगानी
इश्क़ में “मीत” फ़कत यही तो  है परेशानी


...................................अमित प्रकाश “मीत”




Ye Sach Hai Ki Tune Mujhe Kabhi Pyaar Na Kiya
Mere Sacche Vaadon Par Kabhi Aitbaar Na Kiya




‘Bosa’ To Mohabbat Kee Pehchaan Hai Purani
Husn  Kee  Ishq  Par Ye  Badi  Hai  Meharbaani

Ik   Bosa   Jo   Diya   Tha   Tune   Kabhi   Humko
Naajuk  Labon  Kee  Ek  Yahi  To   Hai  Nishaani

Ishq   Mein  Dil  Haarna  Hai  Bada  Laazim,  To
Dil   Haar  Ke  Dil  Jeetna,   Kya   Hai   Naadani?

Had-e-Had Tak Kiya Hai Khwabon Mein Hi Deedaar
Tabhi   To   Vo   Surat   Lagti   Hai   Jaani-Pehchaani

Gar    Ishq    Ghoome    Aavara   Gali   Gali,   Fir   Bhi
Husn Rahe Chilman Ke Peeche, Ye Hai Badgumaani

Vaadon   Par   Hi   Kat  Jaati   Hai Saari Zindgaani
Ishq Mein “MEET” Fakat Yahi To Hai Pareshaani


……………………………………………………………Amit Prakash “MEET”



 Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley
Logged
Rajigujral
Khususi Shayar
*****

Rau: 17
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
4 days, 59 minutes.
Posts: 1703
Member Since: Apr 2014


View Profile
«Reply #5 on: September 15, 2014, 12:20:28 PM »
Reply with quote
Bahut Sunder.
Logged
Shihab
Yoindian Shayar
******

Rau: 27
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
29 days, 4 hours and 51 minutes.

Maut To Ek Shuruaat Hai...

Posts: 2082
Member Since: Dec 2006


View Profile
«Reply #6 on: September 15, 2014, 06:52:18 PM »
Reply with quote
Ye Sach Hai Ki Tune Mujhe Kabhi PyaarNa Kiya
Mere Sacche Vaadon Par Kabhi Aitbaar Na Kiya

Had-e-Had Tak Kiya Hai Khwabon Mein Hi Deedaar
Tabhi To Vo Surat Lagti Hai Jaani-Pehchaani

Vaadon Par Hi   Kat Jaati Hai Saari Zindgaani
Ishq Mein “MEET” Fakat Yahi To Hai Pareshaani


Bahut Khub Ameet Sahab Applause



Shad o Aabaad Rahiye


Shihab
Logged
surindarn
Ustaad ae Shayari
*****

Rau: 273
Offline Offline

Waqt Bitaya:
134 days, 2 hours and 27 minutes.
Posts: 31520
Member Since: Mar 2012


View Profile
«Reply #7 on: September 15, 2014, 08:33:51 PM »
Reply with quote
दोस्तों कुछ समय पहले "हसन" जी ने 'बोसा' शब्द का इस्तेमाल करते हुये एक ग़ज़ल पेश की थी......उसकी को आगे बढ़ाते हुये कुछ कहने की कोशिश कर रहा हूँ......उम्मीद है आप लोगों के पसंद आयेगी.....


ये सच है कि तूने मुझे कभी प्यार न किया
मेरे  सच्चे  वादों पर कभी ऐतबार न किया



‘बोसा’ तो मोहब्बत की  पहचान है पुरानी
हुस्न  की इश्क़ पर  ये  बड़ी  है मेहरबानी

इक बोसा जो  दिया था तूने  कभी हमको
नाजुक लबों की  एक यही तो  है निशानी

इश्क़ में दिल हारना  है बड़ा लाज़िम,  तो
दिल हार के दिल जीतना, क्या है नादानी?

हद-ए-हद तक किया है ख़्वाबों में ही दीदार
तभी तो वो सूरत लगती  है जानी-पहचानी

ग़र इश्क़ घूमे आवारा गली गली,  फिर भी
हुस्न रहे चिलमन के पीछे, ये है बदगुमानी

वादों पर ही कट जाती   है सारी  जिंदगानी
इश्क़ में “मीत” फ़कत यही तो  है परेशानी


...................................अमित प्रकाश “मीत”




Ye Sach Hai Ki Tune Mujhe Kabhi Pyaar Na Kiya
Mere Sacche Vaadon Par Kabhi Aitbaar Na Kiya




‘Bosa’ To Mohabbat Kee Pehchaan Hai Purani
Husn  Kee  Ishq  Par Ye  Badi  Hai  Meharbaani

Ik   Bosa   Jo   Diya   Tha   Tune   Kabhi   Humko
Naajuk  Labon  Kee  Ek  Yahi  To   Hai  Nishaani

Ishq   Mein  Dil  Haarna  Hai  Bada  Laazim,  To
Dil   Haar  Ke  Dil  Jeetna,   Kya   Hai   Naadani?

Had-e-Had Tak Kiya Hai Khwabon Mein Hi Deedaar
Tabhi   To   Vo   Surat   Lagti   Hai   Jaani-Pehchaani

Gar    Ishq    Ghoome    Aavara   Gali   Gali,   Fir   Bhi
Husn Rahe Chilman Ke Peeche, Ye Hai Badgumaani

Vaadon   Par   Hi   Kat  Jaati   Hai Saari Zindgaani
Ishq Mein “MEET” Fakat Yahi To Hai Pareshaani


……………………………………………………………Amit Prakash “MEET”

waah waah waah bahut umdah Janaab, dheron daad.
 icon_flower icon_flower icon_flower icon_flower icon_flower icon_flower icon_flower
 icon_salut Thumbs UP icon_salut Thumbs UP icon_salut Thumbs UP icon_salut Thumbs UP icon_salut
Logged
F.H.SIDDIQUI
Guest
«Reply #8 on: September 16, 2014, 04:17:42 AM »
Reply with quote
Bahut khoob  likha hai Meet ji . Sabhi ashaar bahut achhe hain . bahut bahut mubarakbad aur duaaein .
Logged
mann.mann
Yoindian Shayar
******

Rau: 113
Offline Offline

Waqt Bitaya:
22 days, 12 hours and 36 minutes.
Posts: 3703
Member Since: Aug 2011


View Profile
«Reply #9 on: September 16, 2014, 04:56:31 AM »
Reply with quote
bahut khub meetji.....


 Applause Applause Applause
Logged
amit_prakash_meet
Guest
«Reply #10 on: September 16, 2014, 06:37:26 AM »
Reply with quote
दोस्तों कुछ समय पहले "हसन" जी ने 'बोसा' शब्द का इस्तेमाल करते हुये एक ग़ज़ल पेश की थी......उसकी को आगे बढ़ाते हुये कुछ कहने की कोशिश कर रहा हूँ......उम्मीद है आप लोगों के पसंद आयेगी.....

Bahut Umda Amit PK Ji.


बहुत बहुत शुक्रिया सक्सेना जी.....

Logged
adil bechain
Umda Shayar
*

Rau: 161
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
31 days, 18 hours and 24 minutes.

Posts: 6552
Member Since: Mar 2009


View Profile
«Reply #11 on: September 16, 2014, 04:38:23 PM »
Reply with quote
दोस्तों कुछ समय पहले "हसन" जी ने 'बोसा' शब्द का इस्तेमाल करते हुये एक ग़ज़ल पेश की थी......उसकी को आगे बढ़ाते हुये कुछ कहने की कोशिश कर रहा हूँ......उम्मीद है आप लोगों के पसंद आयेगी.....


ये सच है कि तूने मुझे कभी प्यार न किया
मेरे  सच्चे  वादों पर कभी ऐतबार न किया



‘बोसा’ तो मोहब्बत की  पहचान है पुरानी
हुस्न  की इश्क़ पर  ये  बड़ी  है मेहरबानी

इक बोसा जो  दिया था तूने  कभी हमको
नाजुक लबों की  एक यही तो  है निशानी

इश्क़ में दिल हारना  है बड़ा लाज़िम,  तो
दिल हार के दिल जीतना, क्या है नादानी?

हद-ए-हद तक किया है ख़्वाबों में ही दीदार
तभी तो वो सूरत लगती  है जानी-पहचानी

ग़र इश्क़ घूमे आवारा गली गली,  फिर भी
हुस्न रहे चिलमन के पीछे, ये है बदगुमानी

वादों पर ही कट जाती   है सारी  जिंदगानी
इश्क़ में “मीत” फ़कत यही तो  है परेशानी


...................................अमित प्रकाश “मीत”




Ye Sach Hai Ki Tune Mujhe Kabhi Pyaar Na Kiya
Mere Sacche Vaadon Par Kabhi Aitbaar Na Kiya




‘Bosa’ To Mohabbat Kee Pehchaan Hai Purani
Husn  Kee  Ishq  Par Ye  Badi  Hai  Meharbaani

Ik   Bosa   Jo   Diya   Tha   Tune   Kabhi   Humko
Naajuk  Labon  Kee  Ek  Yahi  To   Hai  Nishaani

Ishq   Mein  Dil  Haarna  Hai  Bada  Laazim,  To
Dil   Haar  Ke  Dil  Jeetna,   Kya   Hai   Naadani?

Had-e-Had Tak Kiya Hai Khwabon Mein Hi Deedaar
Tabhi   To   Vo   Surat   Lagti   Hai   Jaani-Pehchaani

Gar    Ishq    Ghoome    Aavara   Gali   Gali,   Fir   Bhi
Husn Rahe Chilman Ke Peeche, Ye Hai Badgumaani

Vaadon   Par   Hi   Kat  Jaati   Hai Saari Zindgaani
Ishq Mein “MEET” Fakat Yahi To Hai Pareshaani


……………………………………………………………Amit Prakash “MEET”



 Applause Applause Applause Applause Applause Applause
Logged
amit_prakash_meet
Guest
«Reply #12 on: September 18, 2014, 07:00:02 AM »
Reply with quote
Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause
rau ke saath dheron daaaaaaaaad Amit ji

हमेशा की तरह इस बार भी हौसला अफज़ाई के लिये बहुत बहुत शुक्रिया सरू जी.....

 Thankyou !

Logged
amit_prakash_meet
Guest
«Reply #13 on: September 18, 2014, 10:02:54 AM »
Reply with quote
अमित जी बहुत खूब ढेरो दाद है नजर आपको  पेश है चिलमन से निकल उनके जो लब निकले,ऐसा लगा की दहकते अंगारे निकले ,लबो से बाहर जब उनके दांत निकले,ऐसा लगा की सागर से मोती निकले,मोतियों से जब इनके गले का हार बनायेगे,कोई भी इन्हें दुल्हन बनाकर ले जायेगे -


राम कृष्ण रस्तोगी

बहुत बहुत शुक्रिया रस्तोगी जी......

Logged
amit_prakash_meet
Guest
«Reply #14 on: September 19, 2014, 04:09:38 AM »
Reply with quote

 Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley

बहुत बहुत शुक्रिया क़ल्ब जी......

Logged
Pages: [1] 2  All
ReplyPrint
Jump to:  

+ Quick Reply
With a Quick-Reply you can use bulletin board code and smileys as you would in a normal post, but much more conveniently.


Get Yoindia Updates in Email.

Enter your email address:

Ask any question to expert on eTI community..
Welcome, Guest. Please login or register.
Did you miss your activation email?
November 21, 2024, 06:00:30 PM

Login with username, password and session length
Recent Replies
[November 21, 2024, 09:01:29 AM]

[November 16, 2024, 11:44:41 AM]

by Michaelraw
[November 13, 2024, 12:59:11 PM]

[November 08, 2024, 09:59:54 AM]

[November 07, 2024, 01:56:50 PM]

[November 07, 2024, 01:55:03 PM]

[November 07, 2024, 01:52:40 PM]

[November 07, 2024, 01:51:59 PM]

[October 30, 2024, 05:13:27 AM]

by ASIF
[October 29, 2024, 07:57:46 AM]
Yoindia Shayariadab Copyright © MGCyber Group All Rights Reserved
Terms of Use| Privacy Policy Powered by PHP MySQL SMF© Simple Machines LLC
Page created in 0.137 seconds with 25 queries.
[x] Join now community of 8506 Real Poets and poetry admirer