मेरा लखनऊ

by Ram Krishan Rastogi on August 28, 2020, 08:44:38 PM
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[/i]मेरा लखनऊ पर एक गजल
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हम यहां सभी आने वालो को मेहमान बना लेते हैं।
यहां अपनों को ही नहीं,गैरो को सीने से लगा लेते है।।

लखनऊ की नजाकत और मेहमान नवाजी मशहूर हैं।
यहां आकर देखो,उनको हम पलकों पर बिठा लेते हैं।।

कौन कहता है,लखनऊ की हवा काबिले तारीफ नहीं है।
यहां गोमती मैया बहती है उनका यहां सब मज़ा लेते हैं।

सियासत का गढ़ है ये प्रदेश की राजधानी भी है।
यहां हर मजहब के लोग रहते हैं जो हर दिल मिला लेते हैं।।

लखनऊ का मीना बाजार या हजरतगंज या अलीगंज देखो
यहां कितनी रौनक रहती है जो रात को दिन बना लेते है।

यहां की दस्तकारी देखो,और चिकन के बने लिबास देखो।
यहां हर आने वाले हर शक्स का दिल लुभा लेते है।।

लखनऊ का इमामबाड़ा भुलभुलैया और पार्कों को देखो।
यहां हर शहर से आने वालो को अपने दामन में छिपा लेते है।।

लखनऊ की क्या और तारीफ करू,मेरे पास लब्ज नहीं है।
यहां मेरठ से आकर रस्तोगी भी नजरो को छिपा लेते है।।

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«Reply #1 on: August 28, 2020, 10:16:32 PM »
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मेरा लखनऊ पर एक गजल
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हम यहां सभी आने वालो को मेहमान बना लेते हैं।
यहां अपनों को ही नहीं,गैरो को सीने से लगा लेते है।।

लखनऊ की नजाकत और मेहमान नवाजी मशहूर हैं।
यहां आकर देखो,उनको हम पलकों पर बिठा लेते हैं।।

कौन कहता है,लखनऊ की हवा काबिले तारीफ नहीं है।
यहां गोमती मैया बहती है उनका यहां सब मज़ा लेते हैं।

सियासत का गढ़ है ये प्रदेश की राजधानी भी है।
यहां हर मजहब के लोग रहते हैं जो हर दिल मिला लेते हैं।।

लखनऊ का मीना बाजार या हजरतगंज या अलीगंज देखो
यहां कितनी रौनक रहती है जो रात को दिन बना लेते है।

यहां की दस्तकारी देखो,और चिकन के बने लिबास देखो।
यहां हर आने वाले हर शक्स का दिल लुभा लेते है।।

लखनऊ का इमामबाड़ा भुलभुलैया और पार्कों को देखो।
यहां हर शहर से आने वालो को अपने दामन में छिपा लेते है।।

लखनऊ की क्या और तारीफ करू,मेरे पास लब्ज नहीं है।
यहां मेरठ से आकर रस्तोगी भी नजरो को छिपा लेते है।।

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Ram Krishan Rastogi
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«Reply #2 on: August 28, 2020, 10:39:03 PM »
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श्री सुरेंद्रन जी शुक्रिया
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«Reply #3 on: August 28, 2020, 11:25:31 PM »
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श्री सुरेंद्रन जी शुक्रिया
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«Reply #4 on: August 29, 2020, 12:51:56 AM »
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हम यहां सभी आने वालो को मेहमान बना लेते हैं।
यहां अपनों को ही नहीं,गैरो को सीने से लगा लेते है।।

लखनऊ की नजाकत और मेहमान नवाजी मशहूर हैं।
यहां आकर देखो,उनको हम पलकों पर बिठा लेते हैं।।

कौन कहता है,लखनऊ की हवा काबिले तारीफ नहीं है।
यहां गोमती मैया बहती है उनका यहां सब मज़ा लेते हैं।

सियासत का गढ़ है और ये प्रदेश की राजधानी भी है ये |
यहां हर मजहब के लोग रहते हैं जो हर दिल मिला लेते हैं।।

लखनऊ का मीना बाजार या हजरतगंज या अलीगंज देखो
यहां कितनी रौनक रहती है जो रात को दिन बना लेते है।

यहां की दस्तकारी देखो,और चिकन के बने लिबास देखो।
यहां हर आने वाले हर शक्स का दिल लुभा लेते है।।

लखनऊ का इमामबाड़ा भुलभुलैया और पार्कों को देखो।
यहां हर शहर से आने वालो को अपने दामन में छिपा लेते है।।

लखनऊ की क्या और तारीफ करू,मेरे पास लब्ज नहीं है।
यहां मेरठ से आकर रस्तोगी भी नजरो को छिपा लेते है।।

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«Reply #5 on: August 30, 2020, 01:28:16 AM »
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बहुत सच है। ढेरों दाद  icon_flower
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Ram Krishan Rastogi
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«Reply #6 on: August 30, 2020, 11:05:23 AM »
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बहुखंडी जी धन्यवाद
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With a Quick-Reply you can use bulletin board code and smileys as you would in a normal post, but much more conveniently.


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