मौसम

by babasatyajaunpuri on May 20, 2016, 04:18:17 AM
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babasatyajaunpuri
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मौसम
मौसम आए मौसम जाए तुझको तो बस खिलना है ,
प्यासी धरती पर पानी  बन आसमान से  गिरना है ।
राजनीति औ कूटनीति की चालों से तुझे क्या लेना ,
चाहे केरल चाहे आसाम सभी के दिल में रहना है ।
शमशान कहाँ किस मैयत पर कब रोता कब मुस्काता है,
लेकर अस्थि बिसर्जन को बस दरिया से ही मिलना है ।
मुझको भी मालूम है एक दिन पवन उड़ा ले जाएगा,
बन पराग पतझड़ में भी तुझको निशिदिन बहना  है ।
बीत गया सो बीत गया कब मौसम पुनः बुलाता है,
नए वस्त्र ही पहन पहन कर तुझको आगे बढ़ना है ।
कभी किनारे कभी किनारों से न किनारे मिल पाते,
मीठी जलधारा ही बनकर तुझे इनके दिलों में बसना है ।
स्वर्ग नरक कहीं और नहीं बस इसी ज़मीं पर होते हैं,
कर्म भूमि में बन मेंहदी तुझे  हर हाथों में सजना है ।
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SURESH SANGWAN
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«Reply #1 on: May 20, 2016, 05:03:26 AM »
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RAJAN KONDAL
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«Reply #2 on: May 20, 2016, 11:12:26 AM »
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adil bechain
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«Reply #3 on: May 20, 2016, 01:13:29 PM »
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मौसम
मौसम आए मौसम जाए तुझको तो बस खिलना है ,
प्यासी धरती पर पानी  बन आसमान से  गिरना है ।
राजनीति औ कूटनीति की चालों से तुझे क्या लेना ,
चाहे केरल चाहे आसाम सभी के दिल में रहना है ।
शमशान कहाँ किस मैयत पर कब रोता कब मुस्काता है,
लेकर अस्थि बिसर्जन को बस दरिया से ही मिलना है ।
मुझको भी मालूम है एक दिन पवन उड़ा ले जाएगा    jaaye gi,
बन पराग पतझड़ में भी तुझको निशिदिन बहना  है ।
बीत गया सो बीत गया कब मौसम पुनः बुलाता है,
नए वस्त्र ही पहन पहन कर तुझको आगे बढ़ना है ।
कभी किनारे कभी किनारों से न किनारे मिल पाते,
मीठी जलधारा ही बनकर तुझे इनके दिलों में बसना है ।
स्वर्ग नरक कहीं और नहीं बस इसी ज़मीं पर होते हैं,
कर्म भूमि में बन मेंहदी तुझे  हर हाथों में सजना है ।



waaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaa aaaaaaaah sunder kavitaa Applause Applause Applause Applause Applause Applause
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«Reply #4 on: May 20, 2016, 07:31:52 PM »
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kyaa baat hai umdah ehsaas hai.
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