वो जो इल्मो-फ़न के थे आशना...............अरुण मिश्र

by arunmishra on October 31, 2012, 04:52:12 PM
Pages: [1]
ReplyPrint
Author  (Read 685 times)
arunmishra
Guest
Reply with quote
<a href="http://www.youtube.com/v/69RnTEJPecY&rel=1" target="_blank">http://www.youtube.com/v/69RnTEJPecY&rel=1</a>

ग़ज़ल  

वो जो इल्मो-फ़न के थे आशना........
 
-अरुण मिश्र

वो जो इल्मो-फ़न के थे आशना,  कहीं दीखते वो बशर नहीं।
जो मिरे कलाम में था असर,  मुझे  अब लगे  वो असर नहीं॥

सभी  ग़ुल  हैं सूखते शाख़  पर, सभी हीरे  लिपटे हैं  धूल में।
न वो क़द्रदां,  न वे पारखी,  हैं वो पहले से  अहले-नज़र नहीं॥

हैं  बदलते  वक़्त के  संग-संग,  सभी  रूप-रंग   बदल  गये।
है ज़माना पहुँचा  कहाँ तलक, तुझे  इसकी  कोई ख़बर नहीं॥

अभी भी  बचे  हैं  दरख़्त  कुछ,   मेरे  शह्र में , मिरे  लान में।
पर थीं जिसपे  कूकती कोयलें,  कहीं दूर तक वो  शज़र नहीं॥

तेरे नग़मों में अभी ताजगी,  तेरी  ऑखों में  अभी  ख़्वाब  हैं।
तेरी जुस्तजू है  अथाह की,   कहीं  थक के  जाना  ठहर नहीं॥
                                                      *
(टिप्पणी : 31.08.2012 की पोस्ट में बिना वीडियो के पूर्वप्रकाशित।)
Logged
marhoom bahayaat
Guest
«Reply #1 on: October 31, 2012, 05:08:48 PM »
Reply with quote
<a href="http://www.youtube.com/v/69RnTEJPecY&rel=1" target="_blank">http://www.youtube.com/v/69RnTEJPecY&rel=1</a>

ग़ज़ल 

वो जो इल्मो-फ़न के थे आशना........
 
-अरुण मिश्र

वो जो इल्मो-फ़न के थे आशना,  कहीं दीखते वो बशर नहीं।
जो मिरे कलाम में था असर,  मुझे  अब लगे  वो असर नहीं॥

सभी  ग़ुल  हैं सूखते शाख़  पर, सभी हीरे  लिपटे हैं  धूल में।
न वो क़द्रदां,  न वे पारखी,  हैं वो पहले से  अहले-नज़र नहीं॥

हैं  बदलते  वक़्त के  संग-संग,  सभी  रूप-रंग   बदल  गये।
है ज़माना पहुँचा  कहाँ तलक, तुझे  इसकी  कोई ख़बर नहीं॥

अभी भी  बचे  हैं  दरख़्त  कुछ,   मेरे  शह्र में , मिरे  लान में।
पर थीं जिसपे  कूकती कोयलें,  कहीं दूर तक वो  शज़र नहीं॥

तेरे नग़मों में अभी ताजगी,  तेरी  ऑखों में  अभी  ख़्वाब  हैं।
तेरी जुस्तजू है  अथाह की,   कहीं  थक के  जाना  ठहर नहीं॥
                                                      *
(टिप्पणी : 31.08.2012 की पोस्ट में बिना वीडियो के पूर्वप्रकाशित।)



     gr8,sir
Logged
MANOJ6568
Khaas Shayar
**

Rau: 31
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
42 days, 19 hours and 59 minutes.

Astrologer & Shayer

Posts: 12017
Member Since: Feb 2010


View Profile
«Reply #2 on: October 31, 2012, 05:37:43 PM »
Reply with quote
<a href="http://www.youtube.com/v/69RnTEJPecY&rel=1" target="_blank">http://www.youtube.com/v/69RnTEJPecY&rel=1</a>

ग़ज़ल 

वो जो इल्मो-फ़न के थे आशना........
 
-अरुण मिश्र

वो जो इल्मो-फ़न के थे आशना,  कहीं दीखते वो बशर नहीं।
जो मिरे कलाम में था असर,  मुझे  अब लगे  वो असर नहीं॥

सभी  ग़ुल  हैं सूखते शाख़  पर, सभी हीरे  लिपटे हैं  धूल में।
न वो क़द्रदां,  न वे पारखी,  हैं वो पहले से  अहले-नज़र नहीं॥

हैं  बदलते  वक़्त के  संग-संग,  सभी  रूप-रंग   बदल  गये।
है ज़माना पहुँचा  कहाँ तलक, तुझे  इसकी  कोई ख़बर नहीं॥

अभी भी  बचे  हैं  दरख़्त  कुछ,   मेरे  शह्र में , मिरे  लान में।
पर थीं जिसपे  कूकती कोयलें,  कहीं दूर तक वो  शज़र नहीं॥

तेरे नग़मों में अभी ताजगी,  तेरी  ऑखों में  अभी  ख़्वाब  हैं।
तेरी जुस्तजू है  अथाह की,   कहीं  थक के  जाना  ठहर नहीं॥
                                                      *
(टिप्पणी : 31.08.2012 की पोस्ट में बिना वीडियो के पूर्वप्रकाशित।)

nice
Logged
nandbahu
Mashhur Shayar
***

Rau: 122
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
20 days, 4 hours and 11 minutes.
Posts: 14553
Member Since: Sep 2011


View Profile
«Reply #3 on: November 01, 2012, 12:27:24 AM »
Reply with quote
great sir
Logged
sksaini4
Ustaad ae Shayari
*****

Rau: 853
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
112 days, 8 hours and 51 minutes.
Posts: 36414
Member Since: Apr 2011


View Profile
«Reply #4 on: November 01, 2012, 01:00:13 AM »
Reply with quote
bahut sunder pahle bhee padh chukaa hoon
Logged
aqsh
Guest
«Reply #5 on: November 01, 2012, 02:57:36 PM »
Reply with quote
great one
Logged
Pages: [1]
ReplyPrint
Jump to:  

+ Quick Reply
With a Quick-Reply you can use bulletin board code and smileys as you would in a normal post, but much more conveniently.


Get Yoindia Updates in Email.

Enter your email address:

Ask any question to expert on eTI community..
Welcome, Guest. Please login or register.
Did you miss your activation email?
November 21, 2024, 05:50:25 PM

Login with username, password and session length
Recent Replies
[November 21, 2024, 09:01:29 AM]

[November 16, 2024, 11:44:41 AM]

by Michaelraw
[November 13, 2024, 12:59:11 PM]

[November 08, 2024, 09:59:54 AM]

[November 07, 2024, 01:56:50 PM]

[November 07, 2024, 01:55:03 PM]

[November 07, 2024, 01:52:40 PM]

[November 07, 2024, 01:51:59 PM]

[October 30, 2024, 05:13:27 AM]

by ASIF
[October 29, 2024, 07:57:46 AM]
Yoindia Shayariadab Copyright © MGCyber Group All Rights Reserved
Terms of Use| Privacy Policy Powered by PHP MySQL SMF© Simple Machines LLC
Page created in 0.151 seconds with 21 queries.
[x] Join now community of 8506 Real Poets and poetry admirer