सब के लिए

by sksaini4 on July 05, 2011, 04:33:17 AM
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sksaini4
Ustaad ae Shayari
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पल पल  हमारी सूरते हालात  की ख़बर |
वो कौन देता है  उसे हर बात की ख़बर ||

छुप कर अँधेरी रात में मैंने किया  था जो |
मिल ही गयी उसे मेरी उस रात की ख़बर ||

कच्चे  घरोंदे  देख  कर छुटती है कपकपी |
टी वी सुनाने लग गया बरसात की ख़बर ||

सुन  सुन  सभी  होने लगे बेचैन बेसबब |
मेरे    तुम्हारे  बीच मुलाक़ात की ख़बर ||

लफ़्ज़ों को तौल तौल के बोला करो जनाब |
यें   लोग   उड़ा देते हैं बेबात की ख़बर ||

                                डा० सुरेन्द्र सैनी

लड़ता है क्यूँ   जब  मैक़दा जितना तेरा उतना मेरा |
बरसों से रिश्ता ये जाम का जितना तेरा उतना मेरा ||

मज़हब का जाम करे नशा जितना  तुझे  उतना मुझे |
इसके के न पीने में है नफ़ा जितना  तेरा उतना मेरा ||

चलने  की  ख़ातिर  रास्ता  रस्ते  बिना  चलिए ज़रा |
वर्ना   कहो   यह  रास्ता जितना  तेरा उतना  मेरा ||

हमको  लड़ा  कर  शान  से  कुर्सी पे  क़ाबिज़ होगये |
इन  लीडरों  से ये है गिला जितना तेरा उतना  मेरा ||

फ़स्लें  उगाये  ज़मीन  पर  इंसान  लाशें गिराये क्यूँ |
बस दाल रोटी का सिलसिला जितना तेरा उतना मेरा ||

मंदिर  बने मस्ज़िद बने कहीं भी बने न बने तो क्या |
करना  भला  चाहता  ख़ुदा  जितना तेरा उतना मेरा ||

                                                                                                                                 डा० सुरेन्द्र सैनी
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khujli
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«Reply #1 on: July 05, 2011, 05:46:54 AM »
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पल पल  हमारी सूरते हालात  की ख़बर |
वो कौन देता है  उसे हर बात की ख़बर ||

छुप कर अँधेरी रात में मैंने किया  था जो |
मिल ही गयी उसे मेरी उस रात की ख़बर ||

कच्चे  घरोंदे  देख  कर छुटती है कपकपी |
टी वी सुनाने लग गया बरसात की ख़बर ||

सुन  सुन  सभी  होने लगे बेचैन बेसबब |
मेरे    तुम्हारे  बीच मुलाक़ात की ख़बर ||

लफ़्ज़ों को तौल तौल के बोला करो जनाब |
यें   लोग   उड़ा देते हैं बेबात की ख़बर ||

                                डा० सुरेन्द्र सैनी

लड़ता है क्यूँ   जब  मैक़दा जितना तेरा उतना मेरा |
बरसों से रिश्ता ये जाम का जितना तेरा उतना मेरा ||

मज़हब का जाम करे नशा जितना  तुझे  उतना मुझे |
इसके के न पीने में है नफ़ा जितना  तेरा उतना मेरा ||

चलने  की  ख़ातिर  रास्ता  रस्ते  बिना  चलिए ज़रा |
वर्ना   कहो   यह  रास्ता जितना  तेरा उतना  मेरा ||

हमको  लड़ा  कर  शान  से  कुर्सी पे  क़ाबिज़ होगये |
इन  लीडरों  से ये है गिला जितना तेरा उतना  मेरा ||

फ़स्लें  उगाये  ज़मीन  पर  इंसान  लाशें गिराये क्यूँ |
बस दाल रोटी का सिलसिला जितना तेरा उतना मेरा ||

मंदिर  बने मस्ज़िद बने कहीं भी बने न बने तो क्या |
करना  भला  चाहता  ख़ुदा  जितना तेरा उतना मेरा ||

                                                                                                                                 डा० सुरेन्द्र सैनी




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sbechain
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«Reply #2 on: August 06, 2011, 10:09:31 PM »
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पल पल  हमारी सूरते हालात  की ख़बर |
वो कौन देता है  उसे हर बात की ख़बर ||

छुप कर अँधेरी रात में मैंने किया  था जो |
मिल ही गयी उसे मेरी उस रात की ख़बर ||

कच्चे  घरोंदे  देख  कर छुटती है कपकपी |
टी वी सुनाने लग गया बरसात की ख़बर ||

सुन  सुन  सभी  होने लगे बेचैन बेसबब |
मेरे    तुम्हारे  बीच मुलाक़ात की ख़बर ||

लफ़्ज़ों को तौल तौल के बोला करो जनाब |
यें   लोग   उड़ा देते हैं बेबात की ख़बर ||

                                डा० सुरेन्द्र सैनी

लड़ता है क्यूँ   जब  मैक़दा जितना तेरा उतना मेरा |
बरसों से रिश्ता ये जाम का जितना तेरा उतना मेरा ||

मज़हब का जाम करे नशा जितना  तुझे  उतना मुझे |
इसके के न पीने में है नफ़ा जितना  तेरा उतना मेरा ||

चलने  की  ख़ातिर  रास्ता  रस्ते  बिना  चलिए ज़रा |
वर्ना   कहो   यह  रास्ता जितना  तेरा उतना  मेरा ||

हमको  लड़ा  कर  शान  से  कुर्सी पे  क़ाबिज़ होगये |
इन  लीडरों  से ये है गिला जितना तेरा उतना  मेरा ||

फ़स्लें  उगाये  ज़मीन  पर  इंसान  लाशें गिराये क्यूँ |
बस दाल रोटी का सिलसिला जितना तेरा उतना मेरा ||

मंदिर  बने मस्ज़िद बने कहीं भी बने न बने तो क्या |
करना  भला  चाहता  ख़ुदा  जितना तेरा उतना मेरा ||

                                                                                                                                 डा० सुरेन्द्र सैनी


kya kahne saini ji bahut bahut bahut khoob


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adil bechain
Umda Shayar
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«Reply #3 on: August 08, 2011, 07:42:23 AM »
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With a Quick-Reply you can use bulletin board code and smileys as you would in a normal post, but much more conveniently.


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