280 लाख करोड़ का सवाल है ...(280 ,00 ,000 ,000 ,000)
भारतीय गरीब है लेकिन भारत देश कभी गरीब नहीं रहा" ये कहना है स्विस बैंक के डाइरेक्टर का.. स्विस बैंक के डाइरेक्टर ने यह भी कहा है कि भारत का लगभग 280 लाख करोड़ रुपये उनके स्विस बैंक में जमा है.. ये रकम इतनी है कि भारत का आने वाले 30 सालों का बजट बिना टैक्स के बनाया जा सकता है.. या यूँ कहें कि 60 करोड़ रोजगार के अवसर दिए जा सकते है.. या यूँ भी कह सकते है कि भारत के किसी भी गाँव से दिल्ली तक 4 लेन रोड बनाया जा सकता है.. ऐसा भी कह सकते है कि 500 से ज्यादा सामाजिक प्रोजेक्ट पूर्ण किये जा सकते है.. ये रकम इतनी ज्यादा है कि अगर हर भारतीय को 2000 रुपये हर महीने भी दिए जाये तो 60 साल तक ख़त्म ना हो. यानी भारत को किसी वर्ल्ड बैंक से लोन लेने कि कोई जरुरत नहीं है.. जरा सोचिये ... हमारे भ्रष्ट राजनेताओं और नोकरशाहों ने कैसे देश को लूटा है और ये लूट का सिलसिला अभी तक 2011 तक जारी है.. इस सिलसिले को अब रोकना बहुत ज्यादा जरूरी हो गया है.. अंग्रेजो ने हमारे भारत पर करीब 200 सालो तक राज करके करीब 1 लाख करोड़ रुपये लूटा. मगर आजादी के केवल 64 सालों में हमारे भ्रस्टाचार ने 280 लाख करोड़ लूटा है. एक तरफ 200 साल में 1 लाख करोड़ है और दूसरी तरफ केवल 64 सालों में 280 लाख करोड़ है. यानि हर साल लगभग 4.37 लाख करोड़, या हर महीने करीब 36 हजार करोड़ भारतीय मुद्रा स्विस बैंक में इन भ्रष्ट लोगों द्वारा जमा करवाई गई है.. भारत को किसी वर्ल्ड बैंक के लोन की कोई दरकार नहीं है. सोचो की कितना पैसा हमारे भ्रष्ट राजनेताओं और उच्च अधिकारीयों ने ब्लाक करके रखा हुआ है.. हमे भ्रस्ट राजनेताओं और भ्रष्ट अधिकारीयों के खिलाफ जाने का पूर्ण अधिकार है.. हाल ही में हुवे घोटालों का आप सभी को पता ही है - CWG घोटाला, २ जी स्पेक्ट्रुम घोटाला , आदर्श होउसिंग घोटाला .. और ना जाने कौन कौन से घोटाले अभी उजागर होने वाले है ..और एक आन्दोलन बन जाये
(भ्रष्टाचार पर एन विट्ठल, किरण बेदी, एपीजे अब्दुल कलाम की राय)
एन विट्ठल (पूर्व केंद्रीय सतर्कता आयुक्त) :-
भ्रष्टाचार समाज में कैंसर की तरह है और इससे देश को व्यापक नुकसान हो रहा है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ आम नागरिकों में रोष भी है। सभी इसके बारे में चर्चा करते हैं,
लेकिन कोई कुछ करने की स्थिति में नहीं है।
किरण बेदी (पूर्व आईपीएस अधिकारी):-
भारत में सफेदपोश अपराधी ही भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। जितना बड़ा अपराध और
अपराधी होता है उसके बचने की संभावना भी उतनी ही ज्यादा होती है।
एपीजे अब्दुल कलाम (पूर्व राष्ट्रपति):-
भ्रष्टाचार कैंसर की तरह देश को निगल रहा है और अब इसकी तत्काल कीमोथेरेपी किए जाने की आवश्यकता है।
भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाना आज सबसे बड़ी चुनौती है और इसके लिए युवाओं को आगे आना होगा।