अतीत (रिस्ता रूह का)

by Amit Singh Suryavanshi on December 26, 2016, 11:50:27 PM
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Amit Singh Suryavanshi
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❣यूँ तो रातों को नींद नही आती, पर रातों को सो कर

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क्षमा कीजिए गा दोस्तों आज मैं कुछ अर्ज करने या सुनाने नही आया हूँ
पर
आप सभी से एक  कुछ सुझाव चाहता हूँ
अगर क्या हो है कोई इंसान दोहरी जिंदगी व्यतीत करता हो
कुछ सोचेते होंगे किया बकवास है
पर मैं ये कहना चाहता हु ये एक ऐसा सच है जो हर सुबह शाम
मुझे अंदर ही अंदर ख़त्म करता जा रहा है


अगर इसे आज भी बाहर नही निकाला तो पता नही मैं किस जिन्दगी मैं उलझ कर रह जाऊ







दोस्तों बात आज से 4 साल पुरानी है जब मैं अपने माता पीता से नाराज हो
घर से दूर चला गया था


बाहर जाने के बाद  जैसे की आप सब जानते है कि कुछ अच्छे मित्र मिलते है कुछ बुरे

चंडीगढ़ सेक्टर 11, मैं रहने लगा  अपने दोस्त के पास
उसको मेरी हर बात पता थी जैसे मैं मार्सल आर्ट जनता हु
तो उसकी सहायता से मुझको  पार्ट टाइम जॉब मिल गयी
जैसा मेरे मास्टर ने मुझे सिखाया था औजार को जंग नही
लगने देना चाहिए तो उसी बात को ध्यान में रखते हुए
एकेडमी ज्वाइन की सुबह एकेडमी और शाम को क्लब
मेरा वक़्त खराब कहो या भाग्य की मार की मार्सल आर्ट के नियम को बचाने
के चक्कर में एक गलती कर बैठा
उस रात मनीमाजरा मैं अपने मित्र के घर से रात्रि भ्रमण पर निकला था
की सामने से एक लड़की को संकट मैं पाया

कहते है न अगर इंसान किसी काम को करने में सक्षम हो पीछे नही हटता
मैं भी नही हटा उसको बचा कर जब घर में ले गया तो मुझे उसने अपनी
कहानी बताई
की वो उसके पिता के भेजे हुए आदमी थे

इंसानियत का रिश्ता तो उससे मेरा बन गया था तो इसलिये उसने अपना परिचय मुझे दिए
दीप्ती शर्मा
उसने अपना नाम बताया
और घर से दूर होने के कारण मुझे अपनी पहचान उससे छुपानि पड़ी
रणविजय  ही बताया था उसने मुझे उसकी सहेली के पास ले जाने के लिए
कहा तो मैं ले गया  हिमाचल ,काँगड़ा
उसे बचाने के कारण  मेरी जॉब भी चली गयी  थी
इसलिए मैंने उनके पास ही फ्लेट ले कर अपना केटरिंग के काम की शरुआत की  काम अच्छा
था पर हादसे तो इंसान से जुड़े होते है  मेरे साथ भी हुआ उसका रखवाली करते करते
मुझे इश्क़ हो गया था  सायद वो भी इस बात को जानती थी इसलिए
तो वो आगयी  मुझसे  उसकी
इतनी फ़िक्र करने का उत्तर लेने  मैंने बताया उसे तो हमने अपने दोस्तों की सहायता से विवाह कर लिया
विवाह के कुछ समय बाद हमारे घर एक फरिस्ता हुआ जिसके कारण मैं अपना हर गम भुला बैठा था

बुरा समय कभी  पीछा नहीं छोड़ता  वही हुआ जिसका मुझको डर था मेरे बेटे के साथ दीपति
गयी थी गहने खरीदने वापस आते हुए हमारी बाइक एक ट्रक चालक ने टक्कर मार दी मेरा बेटा आर्यन और मेरी दीप्ति
नीचे सड़क पर थे मुझे सिर्फ उनका चेहरा धुन्दला सा याद है

दुर्घटना के 4 महीने बाद जब मैं वापस गया तो मुझे उनके दुनिया में ना होने का पता चला















पर आज मेरे माता पिता के लिए मैं  आज भी वो ही जिद्दी बेटा हूं।
इनको अपनी जिन्दगी के गुजरे वक़्त को बता कर मैं दुखी  नही करना
चाहता हूँ ।
पर अगर नही। कहता हूं तो मेरा अतीत मुझे उलझा कर रख देगा








आज भी अगर मैं पगलन की हद तक क्रोध मैं होता हूं तो उसकी आवाज आज भी
मेरे कानों में  गूंजती  है मुझको गलत करने से












मुझे समझ नही आता रणविजय  हूँ या  मैं  अमित


कोण हूँ मैं
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sksaini4
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«Reply #1 on: December 27, 2016, 03:19:07 AM »
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Amit Singh Suryavanshi
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«Reply #2 on: December 27, 2016, 05:06:45 AM »
Bhai suggestions chahiye clapping nhi
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surindarn
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«Reply #3 on: December 27, 2016, 10:20:59 PM »
 Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause

Sab kehte hain ke waqt thehartaa hee nahin
Tumaaraa kehnaa hai ke buraa waqt jaataa hee nahin
Zaahir hai tumhne usse mashal arts se rok rakhaa hai.
Are bhai naaye saal mein ringout the old bring in the new.
Aapbeeti maat pitaa ko bhi bataa do,  bas ho jaao shuroo......
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Amit Singh Suryavanshi
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«Reply #4 on: December 28, 2016, 09:56:40 PM »
Surindern
भाई  माँ, पापा , मेरा घर बसा हुआ देखना चाहता है  इन फेक्ट वो लड़कियों की फोटो दिखाते भी है
पर एक बार आप को किसे चीज से डर लगने लगता हैं तो वो आप से ज्यादा ताकतवर हो जाता  है
इस बार इश्क़ मुझसे सहन नही होगा , विवाह के बाद मेरा दिल उसको एक्सेप्ट नही करेगा क्योंकि वोटो अभी भी अतीत मैं मुझको उल्जाहे हुए है
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RAJAN KONDAL
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«Reply #5 on: December 30, 2016, 04:11:49 AM »
Amit g yeh kehna mushkil h ki ap apne atit ko bhul jao mager fr bhi ap ko itna he kehna chahta hoon ki ap apni life ko age bdana chaiye aur nayi shuruat krni chaiye aur perants ki khusi ko apni khusi samjna chahiye
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Amit Singh Suryavanshi
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«Reply #6 on: January 01, 2017, 09:39:58 AM »
Thanks friends
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Amit Singh Suryavanshi
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«Reply #7 on: January 01, 2017, 09:40:49 AM »
For choosing me right decision in life
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