हमारा भाग्य हमारे हाथो में है!

by deepika_divya on December 17, 2009, 02:41:36 PM
Pages: [1]
Print
Author  (Read 1995 times)
deepika_divya
Guest
भाग्य - आज शायद बहूत सारे भाग्य को मानते है , अपनी जीवन की हर कड़ी को भाग्य से जोड़ते हुए अपने आने वाले कल का फैसला करते है! आज हर कोई अपने भाग्य से लड़ना चाहता है वोह चाहता है की उसका भाग्य उसका साथ हर जगह दे... परन्तु क्या आप जानते है ? भाग्य क्या है और इसका फैसला कैसे होता है...

मैं यहाँ कुछ ऐसी बातों का वर्णन करने जा राइ हूँ जिस बात से कुछ लोग सहमत होंगे पर कुछ नहीं...

भाग्य शब्द से अभिप्राय है जो कुछ भी बागवान लिखा है बाले ही अच्छा हो या बुरा ! परन्तु मैं यह नहीं मानती, भगवान् ने हमारे भगाया लिखा है  पर वोह हमारे जनम और मरण तक सीमित है. ( मैं यहाँ धर्म से जुडी बातों का वर्णन नहीं कर रही और न ही करना चाहती हूँ मैं एक इन्सान की नजरो से जो महसूस किया है बस उन् बातों का आपके समक्ष रख रही हूँ !

जैसे मैंने ऊपर लिखा है मरण और जीवन भगवान् ने लिखा है परन्तु हम अपने जीवन में कैसा मुकाम पायेंगे ये हमारे हाथों में है... कोई गरीब होता है तो कोई अमीर लेकिन इसका मतलब ये नहीं की गरीब अमीर नहीं बन सकता और अमीर गरीब नहीं... जहाँ तक मैंने सुना और पड़ा ये देखा है ये जाना है वोह ये की आज जितने लोग कामयाब है उनमे से अधिकतर लोग निम्न स्तर से उच्च स्तर की और गए है जो भी जीवन वोह आज जी रहे है वोह उन्होंने खुद अपने लिए अपने अंतर्मन से चुना है!

जब भी हम गलत होते है हाँ भगवान् हमें सही राह दिखाते है पर उस इस्शारे को समझ के अपना और उसको अनदेखा करना इंसान के हित में ही होता है ...

एक कहानी सुनाती हूँ :- ( शायद आपने कभी सुनी होगी !)

एक बार एक गाव में बाद आ जाती है सब लोग नाव की मदद से सुरक्षित स्तान पर जाने लगते है परन्तु एक व्यक्ति नहीं जाता और अपने घर की पहली मंजिल में चढ़ जाता है..जब लोग उसके घर के बहार से नाव की मदद से दूसरी जगह जा रहे होते है तो उसको कहते है - भाई चलो बाढ़  नहीं रुकने वाली - तो वोह कहता है - मैं नहीं जाऊंगा भगवान् बचायेंगे ...( फिर वोह गाव वाले चले जाते है ) ... बाढ़ का पानी और ऊपर बढता है तो वोह व्यक्ति घर की दूसरी मंजिल में चढ़ जाता है - गाव वाले फिर बुलाते है - वोह फिर कहता है मैं नहीं आऊंगा मुझे भगवान् बचायेंगे... ( फिर गाव वाले चले जाते है ) ...बाढ़ का पानी और बढता है और वोह व्यक्ति अपने घर की तीसरी मंजिल में चढ़ जाता है - फिर गाव वाले उसको बुलाते है - वोह फिर मना कर देता है और कहता है भगवान् मुझे बचायेंगे...( गाव वाले फिर चले जाते है ) - बाढ़ का पानी और बढता है और वोह व्यक्ति अपना जीवन खो देता है ---

इस कहानी से मैं ये कहना चाहती हूँ की भगवान् ने उसके जीवन का अंत नहीं लिखा था परन्तु भगवान् के बार बार दिए मौके को अनदेखा कर उसने खुद अपने लिए ऐसा भाग्य चुना जिससे उससे अपनी ज़िन्दगी खो दी...

इसी प्रकार हमारा भाग्य हमारे हाथों में होता है अपने अपनी सूझ भूझ से अपने सामने आने वाले मौके को पहचानना चाहिए और अपने जीवन की  लक्ष्य की और निरंतर बड़ते रहना चाहिए...

हमारा भाग्य हमारे हाथो में है चाहे तो हम इसे बिगाड़ सकते है या तो सवार सकते है...शांत मन हमें अपने भाग्य को सवारने में हमारी मदद करता है है...

क्या कहते है आप ?

लेखिखा
दिव्या     
Logged
madhuwesh
Guest
«Reply #1 on: December 17, 2009, 10:11:48 PM »
Sophi ji bahut achi soch hai aapke aur aap sahi kaha.i agree with you.humein apna taqdeer khud banana chaiye.nothing is impossible,everything is possible.you r right Sophi ji.excellent . Hats off to you! Thumbs UP Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley
Logged
Rajesh Harish
Guest
«Reply #2 on: December 17, 2009, 11:35:03 PM »
Bahut uttam baaten likhi hai aap ne Divya Ji aur main aap se sahmat hoon.
God helps those who help themselves.
Logged
Rishi Agarwal
Guest
«Reply #3 on: December 18, 2009, 03:05:59 PM »
Nice Sharing Shophi JI
Logged
deepika_divya
Guest
«Reply #4 on: December 18, 2009, 03:25:40 PM »
Thanks Madhu and Rajesh Ji

@ Thanks rishi But yea mera khud ka likha hua hai copy paste nahi ..
Logged
mkv
Guest
«Reply #5 on: March 04, 2012, 05:09:53 PM »
Nysha Ji
Aapne bilkul theek likha hai. bhagya poorva nirdhaarit nahi hota aisa mera bhi manna hai.
bahut accha likha hai aapne.
Logged
Pages: [1]
Print
Jump to:  


Get Yoindia Updates in Email.

Enter your email address:

Ask any question to expert on eTI community..
Welcome, Guest. Please login or register.
Did you miss your activation email?
November 21, 2024, 06:13:35 PM

Login with username, password and session length
Recent Replies
[November 21, 2024, 09:01:29 AM]

[November 16, 2024, 11:44:41 AM]

by Michaelraw
[November 13, 2024, 12:59:11 PM]

[November 08, 2024, 09:59:54 AM]

[November 07, 2024, 01:56:50 PM]

[November 07, 2024, 01:55:03 PM]

[November 07, 2024, 01:52:40 PM]

[November 07, 2024, 01:51:59 PM]

[October 30, 2024, 05:13:27 AM]

by ASIF
[October 29, 2024, 07:57:46 AM]
Yoindia Shayariadab Copyright © MGCyber Group All Rights Reserved
Terms of Use| Privacy Policy Powered by PHP MySQL SMF© Simple Machines LLC
Page created in 0.112 seconds with 22 queries.
[x] Join now community of 8506 Real Poets and poetry admirer