एक शक्की पत्नी अपने पति पर शक करने लगी
मन ही मन मे उसके बारे मे,नई नई कहानी घड़ने लगी
मेरा पति शाम को दफ्तर से लेट क्यों आता है?
शायद किसी लड़की के साथ गुलछर्रे उडाता है
छुट्टी के दिन भी क्यों दफ्तर जाता है ?
शायद किसी लड़की के साथ पिकनिक मनाता है
जब कोई दो या तीन की छुट्टीया पडती है
तो इसमें वो एक या दो दिन केजुव्ल लीव मिलाता है
कोई न् कोई दफ्तर के टूर के बहाने फोरन टूर बनाता है
शायद सिंगापूर या मलेशिया जाता है
और किसी लड़की के साथ मोज मस्ती मनाता है
जब कोई मोबाईल पर फोन आता है
तो ये घर से बाहर निकल जाता है
घंटो तक लम्बी बाते करता है
शायद किसी लड़की से इश्क लडाता है
कभी कभी मेरे पति का टिफन ज्यो का त्यों आ जाता है
शायद कोई लड़की इसके लिये कोई नई चीज बना कर लाती है
और अपने हाथो से इसको प्रेम से खाना खिलती है
इसलये ही टिफन घर वापस ज्यो का त्यों वापस आ जाता है
सैलरी भी इनकी तीसरे हफ्ते तक खत्म हो जाती
इसलिए ही हमे दूसरों से उधार लेने पड़ता है
शायद ये फिजूलखर्ची करता है
और आधी सैलरी लड़कियों पर लुटाता है
ये तमाम बाते उसके मन मे घर करती जा रही थी
और अपने मन मे शक की सीमा बढाती जा रही थी
पत्नी का शक दिन प्रति दिन बढता जा रहा था
पर पति का शरीर दिन प्रति दिन कमजोर होता जा रहा था
साथ ही पति पर महगाई का बुखार बढता जा रहा था
अपने घर का गुजारा कैसे करे ये फ़िक्र उसे सता रहा था
हर चीज के दाम आसमांन् को छूते जा रहे थे
दूसरी तरफ उधर देने वाले उधर देते कतरा रहे थे
महगाई की इस मार से बेचारा पति क्या करता
अपने घर के खर्चो को कैसे पूरा करता
इस महगाई से लड़ने के लिए वह ओवर टाइम करता
छूट्टी के दिन पार्ट टाइम जॉब करता
जब कोई लम्बी छुट्टी पडती,अपने बोस की खुसामद करता
और बाहर के प्रोग्राम के लिए सेंकसन कराता
ताकि टूर प्रोग्रम मे कुछ पैसे बच जाए
और अपने घर का खर्चा ठीक से चलाए
पत्नी केवल अपने शक मे ही मग्न थी
क्योकी वो घर के खर्चे से बेफिक्र थी
एक दिन वह अचानक पति के दफ्तर पहुच गई
पति को देखते ही उसकी किल्ली निकल गई
पति बेचारा ही दफ्तर मे अकेला काम कर रहा था
बिना खाना खाए ही ओवर टाइम कर रहा था
खाना खाने की भी उसको फुर्सत नही थी
क्योकि एक निश्चित समय तक काम पूरा करना था
अपने बोस को इसका हिसाब देना था और खुश करना था
तभी उसे पूरा ओवर टाइम मिलना था
बाहर के टूर प्रोग्राम के लिए बोस से गिडगिडा रहा था
और अपने पुराने टी ऐ बिल पास करा रहा था
तभी उसने अपनी पत्नी को भोच्क्के से देखा
और उससे दफ्तर आने का कारण पूछा
पत्नी आने का कारण न बता सकी और रो पड़ी
रोते रोते उसके चरणों मे गिर पड़ी और कहने लगी
मै बिना बजह आप पर शक कर रही थी
बिना बात ही अपनी जिंदगी को तबाह कर रही थी
क्या बात है,बहुत खूब.!!