SURESH SANGWAN
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इतराती बलखाती अदाओं के रुख़ मोड़े गये ले जा के तूर पर सर हवाओं के फोड़े गये
आने लगे थे ख़्वाब कुछ हाये दिल से उठकर मानिंद गीले कपड़े के आँख से निचोड़े गये
बता कौन निभाता है खून के भी रिश्ते यहाँ हां वो भी आख़िर टूटे जो दिल से जोड़े गये
कुछ इस तरह रहा तमाम उम्र का हिसाब मेरा कुछ गये संजीदगी में दिल्लगी में थोड़े गये
हुआ दिल के पार कोई कोई जिगर के पार था किस किस की जबां के तरकश से तीर छोड़े गये
मुद्दत बाद सोया है गहरी नींदों में कोई यूँ लगता है उसके बेचे सारे घोड़े गये
जिन्हें याद ही न हुआ सबक़ मोहब्बत का यहां वो दरबार-ए-ज़ीस्त में 'सरु' खाते कोड़े गये
Itraati balkhaati adaaoN ke rukh mode gaye Le jaa ke toor par hawaoN ke sar fode gaye
Aane lage the khwaab kuch haye dil se uthkar Maanind geele kapde kea ankh se nichode gaye
Bata kaun nibhata hai khoon ke bhi rishte yahaN Haan vo bhi aakhir toote jo dil se jode gaye
Kuch iss tarah rahaa tamaam umra ka hisaab mera Kuch gaye sanjeedgi mein dillagi mein thode gaye
Hua dil ke paar koi koi jigar ke paar tha Kis kis ki zabbaN ke tarkash se teer chhode gaye
Muddat baad soya hai gehri neendoN mein koi Yun lagta hai uske beche saare ghode gaye
jinheN yaad hi na hua mohabbat ka sabak yahan vo darbaar-e-zeest mein’saru’khate kode gaye
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suman59
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«Reply #1 on: December 23, 2013, 12:34:34 AM » |
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इतराती बलखाती अदाओं के रुख़ मोड़े गये ले जा के तूर पर सर हवाओं के फोड़े गये
आने लगे थे ख़्वाब कुछ हाये दिल से उठकर मानिंद गीले कपड़े के आँख से निचोड़े गये
बता कौन निभाता है खून के भी रिश्ते यहाँ हां वो भी आख़िर टूटे जो दिल से जोड़े गये
कुछ इस तरह रहा तमाम उमरा का हिसाब मेरा कुछ गये संजीदगी में दिल्लगी में थोड़े गये
हुआ दिल के पार कोई कोई जिगर के पार था किस किस की जबां के तरकश से तीर छोड़े गये
मुद्दत बाद सोया है गहरी नींदों में कोई यूँ लगता है उसके बेचे सारे घोड़े गये
जिन्हें याद ही न हुआ सबक़ मोहब्बत का यहां वो दरबार-ए-ज़ीस्त में 'सरु' खाते कोड़े गये
wah wah bahut bahut umda kalam likha hai aapne. deron daad
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SURESH SANGWAN
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«Reply #2 on: December 23, 2013, 12:36:32 AM » |
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thanks a lot suman ji wah wah bahut bahut umda kalam likha hai aapne. deron daad
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dksaxenabsnl
YOS Friend of the Month
Yoindian Shayar
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खुश रहो खुश रहने दो l
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«Reply #3 on: December 23, 2013, 12:52:25 AM » |
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Sunil Saral
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«Reply #5 on: December 23, 2013, 02:12:43 AM » |
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RAJAN KONDAL
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«Reply #6 on: December 23, 2013, 02:15:10 AM » |
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jeet jainam
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my rule no type no life and ,i m happy single
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«Reply #8 on: December 23, 2013, 03:38:42 AM » |
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sksaini4
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«Reply #9 on: December 23, 2013, 12:09:46 PM » |
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waah waah beautiful
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aqsh
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«Reply #10 on: December 23, 2013, 01:44:05 PM » |
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khujli
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«Reply #11 on: December 23, 2013, 01:45:10 PM » |
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Bishwajeet Anand Bsu
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«Reply #12 on: December 23, 2013, 01:53:52 PM » |
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bahut bahut Umdaa Suresh jee, Kamaal ki peshkash... Dheron daad kabool karein...
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Mohammad Touhid
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'I' 'Luv' d Way 'U' 'Forget' Me..!.!
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«Reply #13 on: December 23, 2013, 01:55:21 PM » |
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nandbahu
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«Reply #14 on: December 23, 2013, 04:59:12 PM » |
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bahut khoob
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