Hindi Kavya (Adab)

by drpandey on January 12, 2012, 10:14:08 PM
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drpandey
Guest
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साध्य बनकर साधना के  पंथ पर चलते रहो !
प्राण-प्रण से सिद्धि की आराधना करते  रहो  !!
पंथ जीवन का कभी जब तुम्हे दुर्गम लगे,
सृष्टि की हर वस्तु जब तुम्हे निर्मम लगे,
मूँद कर दृग इष्ट की कल्पना करते रहो !
साध्य बनकर साधना के पंथ पर चलते रहो !
मन तुम्हारा जब तुम्हे बिचलित करे,
जब ह्रदय निज वेदना मुखरित करे ,
बन मलय  तुम  हर दिशा मेंमुक्त हो उड़ते रहो !
साध्य बनकर साधना के पंथ पर चलते रहो !
पल तुम्हारे जब तुम्हें एकाकी लगें,
जब तुम्हारे स्वप्न कुछ बाकी लगें ,
एक आहुति की महक निज प्राण में भरते रहो !
साध्य बनकर साधना के पंथ पर चलते रहो !
हर कटीली  राह  पर  बिछता  रहूँग ,
मैं सुमन  बन सूल पर  खिलता रहूँगा,  
तुम  जगत में  आरती के थाल से सजते रहो !
साध्य बनकर साधना के पंथ पर चलते रहो !

डॉ.  एच.  पी.  पाण्डेय
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deepika_divya
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«Reply #1 on: January 12, 2012, 10:16:13 PM »
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Bahooot Bahoot Khoobsoorat kavita jo mann mea josh aur nai umag bhar de.. bahoot Umda likha hai pandey ji

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usha rajesh
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«Reply #2 on: January 13, 2012, 03:59:56 AM »
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साध्य बनकर साधना के  पंथ पर चलते रहो !
प्राण-प्रण से सिद्धि की आराधना करते  रहो  !!
पंथ जीवन का कभी जब तुम्हे दुर्गम लगे,
सृष्टि की हर वस्तु जब तुम्हे निर्मम लगे,
मूँद कर दृग इष्ट की कल्पना करते रहो !
साध्य बनकर साधना के पंथ पर चलते रहो !
मन तुम्हारा जब तुम्हे बिचलित करे,
जब ह्रदय निज वेदना मुखरित करे ,
बन मलय  तुम  हर दिशा मेंमुक्त हो उड़ते रहो !
साध्य बनकर साधना के पंथ पर चलते रहो !
पल तुम्हारे जब तुम्हें एकाकी लगें,
जब तुम्हारे स्वप्न कुछ बाकी लगें ,
एक आहुति की महक निज प्राण में भरते रहो !
साध्य बनकर साधना के पंथ पर चलते रहो !
हर कटीली  राह  पर  बिछता  रहूँग ,
मैं सुमन  बन सूल पर  खिलता रहूँगा,   
तुम  जगत में  आरती के थाल से सजते रहो !
साध्य बनकर साधना के पंथ पर चलते रहो !

डॉ.  एच.  पी.  पाण्डेय

अति सुन्दर! बेहद प्रेरणाप्रद प्रस्तुति.

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ऎसी खूबसूरत रचना हमारे साथ साझा करने के लिये बहुत बहुत शुक्रिया.   


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sksaini4
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«Reply #3 on: January 13, 2012, 04:47:46 AM »
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पाण्डेय जी बड़ी प्रेरणादायक और मन मोहक प्रस्तुती  बहुत बहुत बधाई
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drpandey
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«Reply #4 on: January 19, 2012, 05:28:11 AM »
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Bahut bahut dhanybaad Usha ji..!!

अति सुन्दर! बेहद प्रेरणाप्रद प्रस्तुति.

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ऎसी खूबसूरत रचना हमारे साथ साझा करने के लिये बहुत बहुत शुक्रिया.   



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drpandey
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«Reply #5 on: January 19, 2012, 05:29:25 AM »
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Dhanybaad Dr Sahab..!!

पाण्डेय जी बड़ी प्रेरणादायक और मन मोहक प्रस्तुती  बहुत बहुत बधाई
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F.H.SIDDIQUI
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«Reply #6 on: January 19, 2012, 06:52:52 AM »
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Bahut sundar prastuti hai drpandey.Haardik badhaai.
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drpandey
Guest
«Reply #7 on: January 19, 2012, 07:57:53 PM »
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Bahut bahut Dhanybaad SIDDIQUI Sahab...!Aako rachna pasand aai..!!
 
Bahut sundar prastuti hai drpandey.Haardik badhaai.
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drpandey
Guest
«Reply #8 on: January 19, 2012, 08:02:49 PM »
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Bahot bahot dhanybaad NYsha Ji...!!

Bahooot Bahoot Khoobsoorat kavita jo mann mea josh aur nai umag bhar de.. bahoot Umda likha hai pandey ji


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