SURESH SANGWAN
Guest
|
इक बार नहीं मैने उसे सौ बार कहा इश्क़ आतिश है उसने आबशार कहा
मुख़्तसर कहा बेखौफ़ और दमदार भी बयाँ जो भी किया दिल का इसरार कहा
निगाह में जाने किस खुशी का दरिया है इस गम से भरी दुनियाँ को गुलज़ार कहा
उठ के चलें तूफ़ाँ कुछ देखते नहीं बेचैनियों को उसने हाय क़रार कहा
मज़बूरियाँ होती हैं ऐसी भी ज़ीस्त में हालात को ही जन्नत के दीदार कहा
गुलशन-ए- उल्फ़त में बिखर जाते टूट के गुल को महक- हवाओं ने इंतज़ार कहा
बेहुनर ही हाय रश्क़ होता है खुद पर 'सरु' सी मुफ़लिस को उसने शहरयार कहा
|
|
|
Logged
|
|
|
|
|
Rajigujral
Khususi Shayar
Rau: 17
Offline
Gender:
Waqt Bitaya:4 days, 59 minutes.
Posts: 1703 Member Since: Apr 2014
|
|
«Reply #1 on: January 18, 2015, 01:14:29 PM » |
|
Behads umda peshkash. Dheon daad.
|
|
|
Logged
|
|
|
|
adil bechain
Umda Shayar
Rau: 161
Offline
Gender:
Waqt Bitaya:31 days, 18 hours and 24 minutes.
Posts: 6552 Member Since: Mar 2009
|
|
«Reply #2 on: January 18, 2015, 02:34:51 PM » |
|
|
|
|
Logged
|
|
|
|
sksaini4
Ustaad ae Shayari
Rau: 853
Offline
Gender:
Waqt Bitaya:112 days, 8 hours and 51 minutes.
Posts: 36414 Member Since: Apr 2011
|
|
«Reply #3 on: January 18, 2015, 02:43:55 PM » |
|
waah waah atisunder dilidaad qubool karen
|
|
|
Logged
|
|
|
|
marhoom bahayaat
Guest
|
|
«Reply #4 on: January 18, 2015, 02:49:52 PM » |
|
इक बार नहीं मैने उसे सौ बार कहा इश्क़ आतिश है उसने आबशार कहा
मुख़्तसर कहा बेखौफ़ और दमदार भी बयाँ जो भी किया दिल का इसरार कहा
निगाह में जाने किस खुशी का दरिया है इस गम से भरी दुनियाँ को गुलज़ार कहा
उठ के चलें तूफ़ाँ कुछ देखते नहीं बेचैनियों को उसने हाय क़रार कहा
मज़बूरियाँ होती हैं ऐसी भी ज़ीस्त में हालात को ही जन्नत के दीदार कहा
गुलशन-ए- उल्फ़त में बिखर जाते टूट के गुल को महक- हवाओं ने इंतज़ार कहा
बेहुनर ही हाय रश्क़ होता है खुद पर 'सरु' सी मुफ़लिस को उसने शहरयार कहा
ishq nice ,ma'am
|
|
|
Logged
|
|
|
|
JayRoy
Aghaaz ae Shayar
Rau: 1
Offline
Gender:
Waqt Bitaya:1 days, 10 hours and 50 minutes.
एक मामूली क़लम...
Posts: 41 Member Since: Jan 2015
|
|
«Reply #5 on: January 18, 2015, 03:39:28 PM » |
|
.... वाह जी उम्दा ... लाज़वाब अल्फाज़ लिखा आपने ... खासकर .... "मज़बूरियाँ होती हैं ऐसी भी ज़ीस्त में हालात को ही जन्नत के दीदार कहा" ....
|
|
|
Logged
|
|
|
|
|
NakulG
Maqbool Shayar
Rau: 63
Offline
Gender:
Waqt Bitaya:5 days, 23 hours and 55 minutes.
Posts: 804 Member Since: Apr 2014
|
|
«Reply #7 on: January 19, 2015, 08:23:43 AM » |
|
Waah ji waah Saru ji Kya kahne Rau added Sunder peshkash ke liye taaliya.n alag se
|
|
|
Logged
|
|
|
|
SURESH SANGWAN
Guest
|
|
«Reply #8 on: January 23, 2015, 10:19:59 AM » |
|
हौसला अफज़ाही के लिये तहे दिल से बहुत 2 शुक्रिया .......Jay Roy ji.... .... वाह जी उम्दा ... लाज़वाब अल्फाज़ लिखा आपने ... खासकर .... "मज़बूरियाँ होती हैं ऐसी भी ज़ीस्त में हालात को ही जन्नत के दीदार कहा" ....
|
|
|
Logged
|
|
|
|
SURESH SANGWAN
Guest
|
|
«Reply #9 on: January 23, 2015, 10:20:30 AM » |
|
हौसला अफज़ाही के लिये तहे दिल से बहुत 2 शुक्रिया ...........surindarn ji
|
|
|
Logged
|
|
|
|
|
SURESH SANGWAN
Guest
|
|
«Reply #11 on: February 09, 2015, 05:44:45 PM » |
|
|
|
|
Logged
|
|
|
|
SURESH SANGWAN
Guest
|
|
«Reply #12 on: February 09, 2015, 05:45:28 PM » |
|
bahut2 shukriya Jay Roy ji .... वाह जी उम्दा ... लाज़वाब अल्फाज़ लिखा आपने ... खासकर .... "मज़बूरियाँ होती हैं ऐसी भी ज़ीस्त में हालात को ही जन्नत के दीदार कहा" ....
|
|
|
Logged
|
|
|
|
SURESH SANGWAN
Guest
|
|
«Reply #13 on: February 09, 2015, 05:48:26 PM » |
|
Behads umda peshkash. Dheon daad.
|
|
|
Logged
|
|
|
|
SURESH SANGWAN
Guest
|
|
«Reply #14 on: February 09, 2015, 05:49:01 PM » |
|
हौसला अफज़ाही के लिये तहे दिल से बहुत 2 शुक्रिया .........sir ji..waah waah atisunder dilidaad qubool karen
|
|
|
Logged
|
|
|
|
|