KAHE KABEERA

by vimmi singh on October 01, 2012, 01:11:05 PM
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vimmi singh
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Kabeer and his dohes have inspired/guided generations since last many centuries but in this modern world it has just become part of academics.This is an attempt to simplify Kabeer vani so as to make you understand them in a better way.

Together lets remember that almighlty through Kabeer's dohe - perhaps the best way to pray.......................

* शब्द शब्द सब कोई कहे,शब्द के हाथ न पाँव
एक शब्द  औषध करे , एक शब्द  करे घाव
अर्थ :
यूँ तो शब्द  सिर्फ शब्द  है
न हाड न मास  पर एक शब्द  जोश देता है
और शब्द ही करता निराश

*  नयनन अंतर आओ तो , नयन झांप तोहे लूँ
ना मैं देखूं और को  , न तोहे देखन  दूँ
अर्थ:
प्रभू  एक बार तो आओ , मैं आपको  नयनो में बसा लूँ
खुद मैं दुनिया  से छुप जाऊं , आपको भी सबसे छुपा लूँ

* साधू भूखा भाव का , धन का भूखा नाही
धन का भूखा जो फिरे , सो तो साधू नाही
अर्थ:
साधू तो सम्मान का भूखा है, धन से उसे क्या लेना
और जो धन का भूखा दिखे , उसे साधू मत समझ लेना

* माली आता देखकर कलियाँ करे पुकार
फूल फूल चुन लिए कल हमारी बार
अर्थ :
एक बुजुर्ग को मरते देख कर , एक युवक यूँ बोला -
उम्र बढ़ हमारी , कल हम भी बुजुर्ग हो जायेंगे
ये आज जहाँ जा रहे हैं , कल हम भी वहीँ चले जायेंगे

* धीरे धीरे रे मना , धीरे  सब कुछ होए
माली सींचे सौ घड़ा , ऋतू  आये  फल होए
अर्थ:
अगर माली पौधे को रोज सौ घड़ों  से सींचे
तो भी पौधा एक दिन में पेड़ नहीं हो जाएगा
जीवन में सब कुछ अपने समय पर मिलता है
जल्दबाजी से कभी कुछ नहीं हो पायेगा

* बड़े  न होए गुणन  बिन  , बिरद  बड़ाई  पाए
 कहत धतूरे सो कनक , गहनों गढ़ियो न जाए  
अर्थ :
यूँ तो धतूरे को भी कनक बोलते  हैं
पर उस से गहने बना नहीं सकते
काबिलियत से आदमी महान होता है
सिर्फ नाम से महान हो नहीं सकते

* चाह गयी चिंता मिटी , मनवा   बेपरवाह  
जिनको कुछ न चाहिए , वो ही शहंशाह
अर्थ :
अब कोई चाहत नहीं तो चिंता नहीं
चिंता नहीं तो मन पर कोई भार नहीं
जब मन हो गया हल्का
तो कुछ जीत नहीं , कोई हार नहीं
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«Reply #1 on: October 01, 2012, 01:51:38 PM »
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bahut khoob vimmi ji
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vimmi singh
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«Reply #2 on: October 01, 2012, 01:57:31 PM »
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dhanywaad sir ji....... Usual Smile Usual Smile
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suman59
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«Reply #3 on: October 01, 2012, 01:57:43 PM »
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woow great work thanks vimmi jee for this beautiful sharing
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vimmi singh
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«Reply #4 on: October 01, 2012, 02:04:48 PM »
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bahut shukriya suman ji.... and most welcome..... Usual Smile
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soudagar
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«Reply #5 on: October 01, 2012, 03:54:00 PM »
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just beautiful sharing
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mkv
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«Reply #6 on: October 01, 2012, 05:21:23 PM »
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Kabeer and his dohes have inspired/guided generations since last many centuries but in this modern world it has just become part of academics.This is an attempt to simplify Kabeer vani so as to make you understand them in a better way.

Together lets remember that almighlty through Kabeer's dohe - perhaps the best way to pray.......................

* शब्द शब्द सब कोई कहे,शब्द के हाथ न पाँव
एक शब्द  औषध करे , एक शब्द  करे घाव
अर्थ :
यूँ तो शब्द  सिर्फ शब्द  है
न हाड न मास  पर एक शब्द  जोश देता है
और शब्द ही करता निराश
   Applause Applause Applause

*  नयनन अंतर आओ तो , नयन झांप तोहे लूँ
ना मैं देखूं और को  , न तोहे देखन  दूँ
अर्थ:
प्रभू  एक बार तो आओ , मैं आपको  नयनो में बसा लूँ
खुद मैं दुनिया  से छुप जाऊं , आपको भी सबसे छुपा लूँ
  Applause Applause Applause

* साधू भूखा भाव का , धन का भूखा नाही
धन का भूखा जो फिरे , सो तो साधू नाही
अर्थ:
साधू तो सम्मान का भूखा है, धन से उसे क्या लेना
और जो धन का भूखा दिखे , उसे साधू मत समझ लेना
  Applause Applause Applause kya baat hai

* माली आता देखकर कलियाँ करे पुकार
फूल फूल चुन लिए कल हमारी बार
अर्थ :
एक बुजुर्ग को मरते देख कर , एक युवक यूँ बोला -
उम्र बढ़ हमारी , कल हम भी बुजुर्ग हो जायेंगे
ये आज जहाँ जा रहे हैं , कल हम भी वहीँ चले जायेंगे
  wah

* धीरे धीरे रे मना , धीरे  सब कुछ होए
माली सींचे सौ घड़ा , ऋतू  आये  फल होए
अर्थ:
अगर माली पौधे को रोज सौ घड़ों  से सींचे
तो भी पौधा एक दिन में पेड़ नहीं हो जाएगा
जीवन में सब कुछ अपने समय पर मिलता है
जल्दबाजी से कभी कुछ नहीं हो पायेगा
  Applause Applause Applause Applause

* बड़े  न होए गुणन  बिन  , बिरद  बड़ाई  पाए
 कहत धतूरे सो कनक , गहनों गढ़ियो न जाए 
अर्थ :
यूँ तो धतूरे को भी कनक बोलते  हैं
पर उस से गहने बना नहीं सकते
काबिलियत से आदमी महान होता है
सिर्फ नाम से महान हो नहीं सकते
  Applause Applause Applause Applause wah wah wah

* चाह गयी चिंता मिटी , मनवा   बेपरवाह   
जिनको कुछ न चाहिए , वो ही शहंशाह
अर्थ :
अब कोई चाहत नहीं तो चिंता नहीं
चिंता नहीं तो मन पर कोई भार नहीं
जब मन हो गया हल्का
तो कुछ जीत नहीं , कोई हार नहीं
   Applause Applause Applause Applause Applause Bahut himmat diya is dohe ne mujhe..bahut khoob

Bahut khoob
Kya jabardast sharings kee hai aapne
Kabeer ko samajhna kaha aasaan hai..har din log ispe research karte hai..aur har din ek naya arth pata chalta hai..
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vimmi singh
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«Reply #7 on: October 01, 2012, 05:24:48 PM »
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shukriya saudagar ji....... Usual Smile Usual Smile
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vimmi singh
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«Reply #8 on: October 01, 2012, 05:26:27 PM »
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bahut bahut shukriya mkv ji.........  Usual Smile Usual Smile
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nandbahu
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«Reply #9 on: October 02, 2012, 01:54:26 AM »
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wah vimmi ji, thanx for lovely sharing
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aqsh
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«Reply #10 on: October 02, 2012, 04:34:42 AM »
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nice sharing vimmiji
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vimmi singh
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«Reply #11 on: October 02, 2012, 08:55:49 AM »
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shukriya nandbahu ji.............. Usual Smile Usual Smile
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vimmi singh
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«Reply #12 on: October 02, 2012, 08:56:45 AM »
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bahut bahut shukriya aqsh ji........ Usual Smile Usual Smile
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With a Quick-Reply you can use bulletin board code and smileys as you would in a normal post, but much more conveniently.


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