SURESH SANGWAN
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खुदा तो नहीं देखा पर एहसास मिलता रहा है पिता बन के मेरे साथ हमेशा चलता रहा है
न दिखा सके किसी रात में ख़ौफ़ अंधेरे मुझको एक शख़्स दीया बन के हर पल जलता रहा है
अपनी तमाम हसरतों का क़त्ल किया उसने मगर लेकर मुझे इक़ ख़्वाब आँखों में पलता रहा है
लड़खड़ाते कदमों को वो ताक़त संभालती रही साया बन के मिरे साथ पल पल चलता रहा है
मुश्किलों से लड़ता रहा वो अंदर ही घुलता रहा मेरे लिए लेकिन मुस्कान भरा चेहरा रहा है
ना शिकन ज़बीन पर कभी वो हौसला देखा मैंने बन रहनुमा मेरे चाक गरेबां सिलता रहा है
बस ज़िंदगी वही थी जो तेरी छाया में जी ली बाद-ए-ज़िंदगी दिल-ए-सरु धूप में जलता रहा है
Khuda to nahin dekha par ehsaas uska milta rahaa hai Pitaa ban ke mere saath hameshaa chalta rahaa hai
Na dikha sake kisi raat mein khauf andhere mujhko Ek shakhs deeya ban kea har pal jaltaa rahaa hai
Apni tamaama hasraton kaa katl kiyaa usne magar Lekar mujhe ik khwaab aankhon mein palta rahaa hai
Ladkhadaatea kadmon ko vo taaqat sambhalti rahi Saya ban ke mere saath pal- pal chalta rahaa hai
Mushkilon se ladta raha vo ander hi ghulta rahaa Mere liye lekin muskaaan bharaa chehra rahaa hai
Naa shikana zabeena par vo hausla dekhaa maine Ban rehnuma mere chak girebaan silta rahaa hai
Bas zindagi vahi thi jo teri chhaayaa mein jee lee Baad-e-zindagi dil-e-saru dhoop mein jalta rahaa hai
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suman59
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«Reply #1 on: December 13, 2013, 07:14:27 PM » |
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खुदा तो नहीं देखा पर एहसास मिलता रहा है पिता बन के मेरे साथ हमेशा चलता रहा है
न दिखा सके किसी रात में ख़ौफ़ अंधेरे मुझको एक शख़्स दीया बन के हर पल जलता रहा है
अपनी तमाम हसरतों का क़त्ल किया उसने मगर लेकर मुझे इक़ ख़्वाब आँखों में पलता रहा है
लड़खड़ाते कदमों को वो ताक़त संभालती रही साया बन के मिरे साथ पल पल चलता रहा है
मुश्किलों से लड़ता रहा वो अंदर ही घुलता रहा मेरे लिए लेकिन मुस्कान भरा चेहरा रहा है
ना शिकन ज़बीन पर कभी वो हौसला देखा मैंने बन रहनुमा मेरे चाक गरेबां सिलता रहा है
बस ज़िंदगी वही थी जो तेरी छाया में जी ली बाद-ए-ज़िंदगी दिल-ए-सरु धूप में जलता रहा है
excellant work ... sabhash suresh ji
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SURESH SANGWAN
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«Reply #2 on: December 13, 2013, 07:20:32 PM » |
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thankewww suman ji. excellant work ... sabhash suresh ji
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Bishwajeet Anand Bsu
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«Reply #3 on: December 13, 2013, 07:44:41 PM » |
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bahut bahut khoob Suresh jee...bahut hi achha likha hai ...dheron daad....
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SURESH SANGWAN
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«Reply #4 on: December 13, 2013, 07:46:44 PM » |
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thankewww Bishwajeet ji bahut bahut khoob Suresh jee...bahut hi achha likha hai ...dheron daad....
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amit_prakash_meet
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«Reply #5 on: December 13, 2013, 08:39:26 PM » |
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Satish Shukla
Khususi Shayar
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«Reply #6 on: December 13, 2013, 08:46:28 PM » |
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Wow....nice....congrates....keep it up..all the best...Raqeeb
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khujli
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«Reply #7 on: December 13, 2013, 09:16:53 PM » |
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Bhupinder Kaur
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«Reply #8 on: December 13, 2013, 09:28:20 PM » |
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Simply beautiful ji
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khwahish
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Khaas Shayar
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«Reply #10 on: December 13, 2013, 09:39:10 PM » |
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sksaini4
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«Reply #11 on: December 13, 2013, 09:49:04 PM » |
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is kalaam ko meraa salaam saru bas rau kal doonga dheron daad qubool karen
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F.H.SIDDIQUI
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«Reply #12 on: December 13, 2013, 10:39:39 PM » |
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Beautiful !! Suresh ji dheron badhai is kalaam pe .
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laaiba
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«Reply #13 on: December 13, 2013, 10:51:57 PM » |
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beautiful passions saru jee,...........bohat khubsurat alfaz chune hain aa.p ne,....bohat c daad.,..........
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dksaxenabsnl
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खुश रहो खुश रहने दो l
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«Reply #14 on: December 14, 2013, 12:57:35 AM » |
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