SURESH SANGWAN
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for my best friend kiran.....
तेरी दोस्ती को ज़िंदगी की जान मानती हूँ लबों की मुस्कुराहट दिल का अरमान मानती हूँ
खुदा के बनाये रिश्ते बहुत अनमोल हैं लेकिन तेरी दोस्ती को अपनी पहचान मानती हूँ
सुरूर सा रहता है ख़ुशनसीबी का अपनी हर मुश्क़िल सफ़र की अपने आसान मानती हूँ
बस यही दुआ रहती है लब पर तेरे वास्ते उस रब से तेरी खुशियों का सामान मानती हूँ
तेज़ धूप में शज़र का साया दीया अंधेरे में चाँद तारों से सजा सिर पे आसमान मानती हूँ
तेरी राहों को मोड़ दिया जिसने दिल तक मेरे मैं उस लम्हे उस वक़्त का एहसान मानती हूँ
समझ जाये बातें 'सरु' की लब खोलने से पहले मेरे साथ गुनगुनाये वो हम ज़बान मानती हूँ
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sahal
Umda Shayar
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love is in the Air,but CuPiD is alone here.
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«Reply #3 on: August 14, 2014, 10:03:06 AM » |
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dksaxenabsnl
YOS Friend of the Month
Yoindian Shayar
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खुश रहो खुश रहने दो l
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«Reply #4 on: August 14, 2014, 10:16:41 AM » |
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SURESH SANGWAN
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«Reply #5 on: August 14, 2014, 10:18:59 AM » |
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हौसला अफज़ाही के लिये तहे दिल से बहुत 2 शुक्रिया ..........sahal ji .
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SURESH SANGWAN
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«Reply #6 on: August 14, 2014, 10:23:53 AM » |
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हौसला अफज़ाही के लिये तहे दिल से बहुत 2 शुक्रिया ........Dksaxena ji...
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NakulG
Maqbool Shayar
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«Reply #7 on: August 14, 2014, 10:42:39 AM » |
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Bahut Sunder
खुदा के बनाये रिश्ते बहुत अनमोल हैं लेकिन तेरी दोस्ती को अपनी पहचान मानती हूँ Kya jazbaat hain!!
तेरी राहों को मोड़ दिया जिसने दिल तक मेरे में उस लम्हे उस वक़्त का एहसान मानती हूँ Bahut Sunder khayaalaat!!
dheron daad
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SURESH SANGWAN
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«Reply #8 on: August 14, 2014, 10:45:55 AM » |
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हौसला अफज़ाही के लिये तहे दिल से बहुत 2 शुक्रिया .........Nakulg..Bahut Sunder
खुदा के बनाये रिश्ते बहुत अनमोल हैं लेकिन तेरी दोस्ती को अपनी पहचान मानती हूँ Kya jazbaat hain!!
तेरी राहों को मोड़ दिया जिसने दिल तक मेरे में उस लम्हे उस वक़्त का एहसान मानती हूँ Bahut Sunder khayaalaat!!
dheron daad
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parinde
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«Reply #9 on: August 14, 2014, 10:56:02 AM » |
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SURESH SANGWAN
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«Reply #10 on: August 14, 2014, 10:58:15 AM » |
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हौसला अफज़ाही के लिये तहे दिल से बहुत 2 शुक्रिया .........parinde ji..
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ambalika sharma
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«Reply #11 on: August 14, 2014, 12:23:28 PM » |
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beautiful lines...ur frnd is lucky to hv u
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SURESH SANGWAN
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«Reply #12 on: August 14, 2014, 12:32:08 PM » |
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thanks ambalika ji beautiful lines...ur frnd is lucky to hv u
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sksaini4
Ustaad ae Shayari
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«Reply #13 on: August 14, 2014, 02:57:25 PM » |
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waah waah bahut khoob
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SURESH SANGWAN
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«Reply #14 on: August 14, 2014, 06:00:14 PM » |
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thaaaaaaanks a lot sir ji waah waah bahut khoob
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