अकेला हू अपने अकेलेपन की कहानी सुना रहा हू.........

by pawan16 on March 09, 2012, 04:53:09 PM
Pages: [1]
ReplyPrint
Author  (Read 976 times)
pawan16
Guest
Reply with quote
आज फिर अकेला हू,कुछ लिख गुनगुना रहा हू,
एक डोर उलझ गयी हे
उस डोर को  सुलझा रहा हू,
ये भी जानता हु गाठ तो पडनी हे,
फिर भी कोशिश किये जा रहा हू,
सुलझा रहा हू या ओर उलझा रहा हू,
अभी तक ये भी नही समझ पा रहा हू,
एक तरफ ,दुसरी डोर लाने के लिये दिल को समझा रहा हू,
दुसरी तरफ कोशिश करने वालो की जीत होती हे,
बस यही सोचकर कोशिश किये जा रहा हू,
कुछ नंही हे इन लफ्सो मे,
अकेला हू अपने अकेलेपन की कहानी सुना रहा हू....पवन गुप्ता

Logged
mkv
Guest
«Reply #1 on: March 09, 2012, 04:55:54 PM »
Reply with quote
Bahut khoob Pawan
bas yu'n hi likhte raho.. Applause
Logged
sbechain
Guest
«Reply #2 on: March 09, 2012, 06:16:54 PM »
Reply with quote
आज फिर अकेला हू,कुछ लिख गुनगुना रहा हू,
एक डोर उलझ गयी हे
उस डोर को  सुलझा रहा हू,
ये भी जानता हु गाठ तो पडनी हे,
फिर भी कोशिश किये जा रहा हू,
एक तरफ ,दुसरी डोर लाने के लिये दिल को समझा रहा हू,
दुसरी तरफ कोशिश करने वालो की जीत होती हे,
बस यही सोचकर कोशिश किये जा रहा हू,
कुछ नंही हे इन लफ्सो मे,
अकेला हू अपने अकेलेपन की कहानी सुना रहा हू....पवन गुप्ता



good..........!
Logged
Raqeeb
Guest
«Reply #3 on: March 09, 2012, 08:07:55 PM »
Reply with quote
आज फिर अकेला हू,कुछ लिख गुनगुना रहा हू,
एक डोर उलझ गयी हे
उस डोर को  सुलझा रहा हू,
ये भी जानता हु गाठ तो पडनी हे,
फिर भी कोशिश किये जा रहा हू,
एक तरफ ,दुसरी डोर लाने के लिये दिल को समझा रहा हू,
दुसरी तरफ कोशिश करने वालो की जीत होती हे,
बस यही सोचकर कोशिश किये जा रहा हू,
कुछ नंही हे इन लफ्सो मे,
अकेला हू अपने अकेलेपन की कहानी सुना रहा हू....पवन गुप्ता





Kya baat Usual Smile
Logged
Rahul ware
Guest
«Reply #4 on: March 10, 2012, 06:33:39 AM »
Reply with quote
Bhahut achha likhate ho aap.
Logged
pawan16
Guest
«Reply #5 on: March 10, 2012, 10:41:45 AM »
Reply with quote
thanks mkv ji........
thnks shibad ji.....
thanks shebaji ......
thnaks reqeeb ji.......
thanks rahul ji........
bas yu hi saath dete rahiye.......bhut bhut sukriya.....
Logged
sksaini4
Ustaad ae Shayari
*****

Rau: 853
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
112 days, 8 hours and 51 minutes.
Posts: 36414
Member Since: Apr 2011


View Profile
«Reply #6 on: March 12, 2012, 03:39:35 AM »
Reply with quote
Bahut sunder
Logged
pankajwfs
Guest
«Reply #7 on: March 12, 2012, 03:47:40 AM »
Reply with quote
आज फिर अकेला हू,कुछ लिख गुनगुना रहा हू,
एक डोर उलझ गयी हे
उस डोर को  सुलझा रहा हू,
ये भी जानता हु गाठ तो पडनी हे,
फिर भी कोशिश किये जा रहा हू,
सुलझा रहा हू या ओर उलझा रहा हू,
अभी तक ये भी नही समझ पा रहा हू,
एक तरफ ,दुसरी डोर लाने के लिये दिल को समझा रहा हू,
दुसरी तरफ कोशिश करने वालो की जीत होती हे,
बस यही सोचकर कोशिश किये जा रहा हू,
कुछ नंही हे इन लफ्सो मे,
अकेला हू अपने अकेलेपन की कहानी सुना रहा हू....पवन गुप्ता



Very nice Pawan ji accha lika hai apne
Logged
Pages: [1]
ReplyPrint
Jump to:  

+ Quick Reply
With a Quick-Reply you can use bulletin board code and smileys as you would in a normal post, but much more conveniently.


Get Yoindia Updates in Email.

Enter your email address:

Ask any question to expert on eTI community..
Welcome, Guest. Please login or register.
Did you miss your activation email?
November 21, 2024, 06:13:34 PM

Login with username, password and session length
Recent Replies
[November 21, 2024, 09:01:29 AM]

[November 16, 2024, 11:44:41 AM]

by Michaelraw
[November 13, 2024, 12:59:11 PM]

[November 08, 2024, 09:59:54 AM]

[November 07, 2024, 01:56:50 PM]

[November 07, 2024, 01:55:03 PM]

[November 07, 2024, 01:52:40 PM]

[November 07, 2024, 01:51:59 PM]

[October 30, 2024, 05:13:27 AM]

by ASIF
[October 29, 2024, 07:57:46 AM]
Yoindia Shayariadab Copyright © MGCyber Group All Rights Reserved
Terms of Use| Privacy Policy Powered by PHP MySQL SMF© Simple Machines LLC
Page created in 0.101 seconds with 23 queries.
[x] Join now community of 8506 Real Poets and poetry admirer