आप जैसा सयाना............................................ALFAAZ

by alfaaz on February 24, 2014, 11:06:00 PM
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alfaaz
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दस्तुर है दुनिया का जिया जाता है यंहा पैमाना बनकर
बावले थे हम जो जिये जा रहे थे अब तक मैखाना बनकर

शुक्र है खुदा का जो कभी कमी  नही रही हमे छ्त की
और कुछ नही तो सितारे थे शामियाना बनकर

चुप रहा नही जाता हमसे, बोलने की बिमारी सी है
और कोई नही मिला तो खुद से ही बतीयाते है दिवाना बनकर

शर्थ लगाने से हम कंहा इंकार करते है
पर कोई बताये हमे हमारे जैसा कमीना बनकर

नाप तोल के कहना आता नही हमें पर
लिखेगा जरुर इक दिन "राज" आप जैसा सयाना बनकर
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sksaini4
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«Reply #1 on: February 24, 2014, 11:17:55 PM »
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waah
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«Reply #2 on: February 24, 2014, 11:55:16 PM »
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«Reply #3 on: February 25, 2014, 12:04:37 AM »
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Bahut Khoob Alfaaz Sahib.

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«Reply #4 on: February 25, 2014, 12:45:54 AM »
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दस्तुर है दुनिया का जिया जाता है यंहा पैमाना बनकर
बावले थे हम जो जिये जा रहे थे अब तक मैखाना बनकर

शुक्र है खुदा का जो कभी कमी  नही रही हमे छ्त की
और कुछ नही तो सितारे थे शामियाना बनकर

चुप रहा नही जाता हमसे, बोलने की बिमारी सी है
और कोई नही मिला तो खुद से ही बतीयाते है दिवाना बनकर

शर्थ लगाने से हम कंहा इंकार करते है
पर कोई बताये हमे हमारे जैसा कमीना बनकर

नाप तोल के कहना आता नही हमें पर
लिखेगा जरुर इक दिन "राज" आप जैसा सयाना बनकर


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bohut bohut umda umda hai kine shone shone alfaaz likhe hai sir ji
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«Reply #5 on: February 26, 2014, 01:23:03 AM »
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दस्तुर है दुनिया का जिया जाता है यंहा पैमाना बनकर
बावले थे हम जो जिये जा रहे थे अब तक मैखाना बनकर

शुक्र है खुदा का जो कभी कमी  नही रही हमे छ्त की
और कुछ नही तो सितारे थे शामियाना बनकर

चुप रहा नही जाता हमसे, बोलने की बिमारी सी है
और कोई नही मिला तो खुद से ही बतीयाते है दिवाना बनकर

शर्थ लगाने से हम कंहा इंकार करते है
पर कोई बताये हमे हमारे जैसा कमीना बनकर

नाप तोल के कहना आता नही हमें पर
लिखेगा जरुर इक दिन "राज" आप जैसा सयाना बनकर

बहुत खूब.
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