आप जैसा सयाना............................................ALFAAZ

by alfaaz on February 24, 2014, 11:06:00 PM
Pages: [1]
ReplyPrint
Author  (Read 589 times)
alfaaz
Guest
Reply with quote


दस्तुर है दुनिया का जिया जाता है यंहा पैमाना बनकर
बावले थे हम जो जिये जा रहे थे अब तक मैखाना बनकर

शुक्र है खुदा का जो कभी कमी  नही रही हमे छ्त की
और कुछ नही तो सितारे थे शामियाना बनकर

चुप रहा नही जाता हमसे, बोलने की बिमारी सी है
और कोई नही मिला तो खुद से ही बतीयाते है दिवाना बनकर

शर्थ लगाने से हम कंहा इंकार करते है
पर कोई बताये हमे हमारे जैसा कमीना बनकर

नाप तोल के कहना आता नही हमें पर
लिखेगा जरुर इक दिन "राज" आप जैसा सयाना बनकर
Logged
sksaini4
Ustaad ae Shayari
*****

Rau: 853
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
112 days, 8 hours and 51 minutes.
Posts: 36414
Member Since: Apr 2011


View Profile
«Reply #1 on: February 24, 2014, 11:17:55 PM »
Reply with quote
waah
Logged
RAJAN KONDAL
Guest
«Reply #2 on: February 24, 2014, 11:55:16 PM »
Reply with quote
nice
Logged
surindarn
Ustaad ae Shayari
*****

Rau: 273
Offline Offline

Waqt Bitaya:
134 days, 2 hours and 27 minutes.
Posts: 31520
Member Since: Mar 2012


View Profile
«Reply #3 on: February 25, 2014, 12:04:37 AM »
Reply with quote
Bahut Khoob Alfaaz Sahib.

Surindar.N
Logged
jeet jainam
Khaas Shayar
**

Rau: 237
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
60 days, 12 hours and 13 minutes.

my rule no type no life and ,i m happy single

Posts: 10150
Member Since: Dec 2012


View Profile WWW
«Reply #4 on: February 25, 2014, 12:45:54 AM »
Reply with quote
दस्तुर है दुनिया का जिया जाता है यंहा पैमाना बनकर
बावले थे हम जो जिये जा रहे थे अब तक मैखाना बनकर

शुक्र है खुदा का जो कभी कमी  नही रही हमे छ्त की
और कुछ नही तो सितारे थे शामियाना बनकर

चुप रहा नही जाता हमसे, बोलने की बिमारी सी है
और कोई नही मिला तो खुद से ही बतीयाते है दिवाना बनकर

शर्थ लगाने से हम कंहा इंकार करते है
पर कोई बताये हमे हमारे जैसा कमीना बनकर

नाप तोल के कहना आता नही हमें पर
लिखेगा जरुर इक दिन "राज" आप जैसा सयाना बनकर


 Applause Applause Applause Applause Applause

bohut bohut umda umda hai kine shone shone alfaaz likhe hai sir ji
Logged
Advo.RavinderaRavi
Guest
«Reply #5 on: February 26, 2014, 01:23:03 AM »
Reply with quote


दस्तुर है दुनिया का जिया जाता है यंहा पैमाना बनकर
बावले थे हम जो जिये जा रहे थे अब तक मैखाना बनकर

शुक्र है खुदा का जो कभी कमी  नही रही हमे छ्त की
और कुछ नही तो सितारे थे शामियाना बनकर

चुप रहा नही जाता हमसे, बोलने की बिमारी सी है
और कोई नही मिला तो खुद से ही बतीयाते है दिवाना बनकर

शर्थ लगाने से हम कंहा इंकार करते है
पर कोई बताये हमे हमारे जैसा कमीना बनकर

नाप तोल के कहना आता नही हमें पर
लिखेगा जरुर इक दिन "राज" आप जैसा सयाना बनकर

बहुत खूब.
Logged
Pages: [1]
ReplyPrint
Jump to:  

+ Quick Reply
With a Quick-Reply you can use bulletin board code and smileys as you would in a normal post, but much more conveniently.


Get Yoindia Updates in Email.

Enter your email address:

Ask any question to expert on eTI community..
Welcome, Guest. Please login or register.
Did you miss your activation email?
November 21, 2024, 05:20:51 PM

Login with username, password and session length
Recent Replies
[November 21, 2024, 09:01:29 AM]

[November 16, 2024, 11:44:41 AM]

by Michaelraw
[November 13, 2024, 12:59:11 PM]

[November 08, 2024, 09:59:54 AM]

[November 07, 2024, 01:56:50 PM]

[November 07, 2024, 01:55:03 PM]

[November 07, 2024, 01:52:40 PM]

[November 07, 2024, 01:51:59 PM]

[October 30, 2024, 05:13:27 AM]

by ASIF
[October 29, 2024, 07:57:46 AM]
Yoindia Shayariadab Copyright © MGCyber Group All Rights Reserved
Terms of Use| Privacy Policy Powered by PHP MySQL SMF© Simple Machines LLC
Page created in 0.117 seconds with 25 queries.
[x] Join now community of 8506 Real Poets and poetry admirer