गणतंत्र दिवसकी शुभकामनाएँ....bansi

by BANSI DHAMEJA on January 26, 2016, 03:24:15 PM
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BANSI DHAMEJA
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गणतंत्र दिवस है सोचा एक कविता लिखूं
मगर समझ नहीं आया लिखूं तो किस पर लिखूं

जो अधिकार गणतंत्र ने दिये उन पर लिखूं
या देश के अधिकतर अनपड़ गँवार उन पर लिखूं

देश ने जो आज तक की है प्रगती उस पर लिखूं
या जो ग़रीबों की होती रही है दुर्गति उस पर लिखूं

जिनको दो वक़्त की रोटी नहीं मिलती उन पर लिखूं
या देश को जो लूटते रहे हैं उन पर लिखूं

भूख से सूख कर काँटा हुए बच्चों पर लिखूं
या जिनके सर पर छत नहीं उन पर लिखूं

जो बाँटते हैं देश को धर्म के नाम पर उन पर लिखूं
या जो लड़ाते है जाती के नाम पर उन पर लिखूं

कराते हैं दंगे अपने स्वार्थ के लिए उन पर लिखूं
या जो जोड़ने की कोशिश करते हैं उन पर लिखूं

मासूमों का खून बहाते अंतकवादियों पर लिखूं
या जो देश के लिए क़ुरबान हो जाते हैं उन पर लिखूं

बहन बेटीयाँ जिन की आबरू रोज़ लुटती है उन पर लिखूं
या वो जो इंसानियत छोड़ हैवान बन रहे हैं उन पर लिखूं

जो ऐश-ओ - आराम की ज़िंदगी जीते हैं उन पर लिखूं
या जो हर दिन रोते  रोते ज़िंदगी जीते हैं उन पर लिखूं

जो ग़रीब के मुँह से निवाला छीन लेते हैं उन पर लिखूं
या वो जो ग़रीब की निस्वार्थ सेवा करते हैं उन पर लिखूं

चायवाला जो प्रधान मंत्री बना कुछ कर रहा  है उस पर लिखूं
या जो उसको कुछ करने देना नहीं चाहते उन पर लिखूं

जो गदार दुश्मनो का साथ देते हैं उन पर लिखूं
या जो सुरक्षा करते करते शहीद हो जाते हैं उन पर लिखूं

बंसी का दिल रोया देश के हालात देख कर
सोचता ही रह गया कि लिखूं तो किस पर लिखूं
लिखूं तो किस पर लिखूं.......... बंसी(मधुर)
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surindarn
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«Reply #1 on: January 26, 2016, 08:06:37 PM »
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bahut khoob janaab, aap to bas wohee likhiye jo kisee shayar ko likhnaa chahiye poltician to bannaa nahin aapko. Aapko bhi aaj kaa din mubarak.
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Shikha sanghvi
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«Reply #2 on: January 26, 2016, 08:42:14 PM »
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very nice....desh mai jo ho raha hai us sachai ko samne rakha hai aapne.....bahot khub

Aapko bhi bahot bahot badhai aaj ke din
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sksaini4
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«Reply #3 on: January 27, 2016, 01:18:21 AM »
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kyaa baat hai waah waah
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Rustum Rangila
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«Reply #4 on: January 27, 2016, 06:24:24 AM »
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Bahot khooob  Applause Applause Applause Applause Applause
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Ram Krishan Rastogi
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«Reply #5 on: January 27, 2016, 10:26:15 AM »
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[Bansh ji sab kuchh to likh diya hae dher saari daad.b][/b]
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adil bechain
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«Reply #6 on: January 27, 2016, 12:15:18 PM »
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गणतंत्र दिवस है सोचा एक कविता लिखूं
मगर समझ नहीं आया लिखूं तो किस पर लिखूं

जो अधिकार गणतंत्र ने दिये उन पर लिखूं
या देश के अधिकतर अनपड़ गँवार उन पर लिखूं

देश ने जो आज तक की है प्रगती उस पर लिखूं
या जो ग़रीबों की होती रही है दुर्गति उस पर लिखूं

जिनको दो वक़्त की रोटी नहीं मिलती उन पर लिखूं
या देश को जो लूटते रहे हैं उन पर लिखूं

भूख से सूख कर काँटा हुए बच्चों पर लिखूं
या जिनके सर पर छत नहीं उन पर लिखूं

जो बाँटते हैं देश को धर्म के नाम पर उन पर लिखूं
या जो लड़ाते है जाती के नाम पर उन पर लिखूं

कराते हैं दंगे अपने स्वार्थ के लिए उन पर लिखूं
या जो जोड़ने की कोशिश करते हैं उन पर लिखूं

मासूमों का खून बहाते अंतकवादियों पर लिखूं
या जो देश के लिए क़ुरबान हो जाते हैं उन पर लिखूं

बहन बेटीयाँ जिन की आबरू रोज़ लुटती है उन पर लिखूं
या वो जो इंसानियत छोड़ हैवान बन रहे हैं उन पर लिखूं

जो ऐश-ओ - आराम की ज़िंदगी जीते हैं उन पर लिखूं
या जो हर दिन रोते  रोते ज़िंदगी जीते हैं उन पर लिखूं

जो ग़रीब के मुँह से निवाला छीन लेते हैं उन पर लिखूं
या वो जो ग़रीब की निस्वार्थ सेवा करते हैं उन पर लिखूं

चायवाला जो प्रधान मंत्री बना कुछ कर रहा  है उस पर लिखूं
या जो उसको कुछ करने देना नहीं चाहते उन पर लिखूं

जो गदार दुश्मनो का साथ देते हैं उन पर लिखूं
या जो सुरक्षा करते करते शहीद हो जाते हैं उन पर लिखूं

बंसी का दिल रोया देश के हालात देख कर
सोचता ही रह गया कि लिखूं तो किस पर लिखूं
लिखूं तो किस पर लिखूं.......... बंसी(मधुर)



waaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaa aaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaa aaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaa aaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaa aaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaa aaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaa aaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaa aaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaa aaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaa aaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaa aaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaa Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause


janaab rau pesh kartaa hoon
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RAJAN KONDAL
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«Reply #7 on: January 29, 2016, 06:25:29 PM »
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गणतंत्र दिवस है सोचा एक कविता लिखूं
मगर समझ नहीं आया लिखूं तो किस पर लिखूं

जो अधिकार गणतंत्र ने दिये उन पर लिखूं
या देश के अधिकतर अनपड़ गँवार उन पर लिखूं

देश ने जो आज तक की है प्रगती उस पर लिखूं
या जो ग़रीबों की होती रही है दुर्गति उस पर लिखूं

जिनको दो वक़्त की रोटी नहीं मिलती उन पर लिखूं
या देश को जो लूटते रहे हैं उन पर लिखूं

भूख से सूख कर काँटा हुए बच्चों पर लिखूं
या जिनके सर पर छत नहीं उन पर लिखूं

जो बाँटते हैं देश को धर्म के नाम पर उन पर लिखूं
या जो लड़ाते है जाती के नाम पर उन पर लिखूं

कराते हैं दंगे अपने स्वार्थ के लिए उन पर लिखूं
या जो जोड़ने की कोशिश करते हैं उन पर लिखूं

मासूमों का खून बहाते अंतकवादियों पर लिखूं
या जो देश के लिए क़ुरबान हो जाते हैं उन पर लिखूं

बहन बेटीयाँ जिन की आबरू रोज़ लुटती है उन पर लिखूं
या वो जो इंसानियत छोड़ हैवान बन रहे हैं उन पर लिखूं

जो ऐश-ओ - आराम की ज़िंदगी जीते हैं उन पर लिखूं
या जो हर दिन रोते  रोते ज़िंदगी जीते हैं उन पर लिखूं

जो ग़रीब के मुँह से निवाला छीन लेते हैं उन पर लिखूं
या वो जो ग़रीब की निस्वार्थ सेवा करते हैं उन पर लिखूं

चायवाला जो प्रधान मंत्री बना कुछ कर रहा  है उस पर लिखूं
या जो उसको कुछ करने देना नहीं चाहते उन पर लिखूं

जो गदार दुश्मनो का साथ देते हैं उन पर लिखूं
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bahoot umda bahoot umda bansi ji
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Mast Khalander
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PhoolNahiMeraDilHai

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«Reply #8 on: January 31, 2016, 01:08:59 PM »
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