भूल गई बारिश@@@@@@@@@@@@@@@@@@@ALFAAZ

by Bazm on March 03, 2020, 04:33:03 PM
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Bazm
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तालीम पुरी करना भूल गई बारिश
बरसना याद रहा थमना भूल गई बारिश

पानी के लिए बादलों से नजरें लढाती हैं
मेरी आँखों को आज़माना भूल गई बारिश

इंतज़ार करते करते फ़ना हुआ था
एक किसान दीवाना भूल गई बारिश

मुझे याद दिला गई मेरे यार की
उसे मेरी याद दिलाना भूल गई बारिश

शहर के सड़क लबालब भर दिए
आता नहीं हमें तैरना भूल गई बारिश

मेज़ पे रखे हैं कागज़ की कश्तियाँ
मेरा बचपन लौटाना भूल गई बारिश

रफी साहब का जनाज़ा क्या निकला
थमने का नाम लेना भूल गई बारिश

बारिशों को आंखों में पनाह दी थी मैंने
मेरे गांव के घर को बचाना भूल गई बारिश

बरसों बाद मिले उनसे वैसी ही बरसातों में
पर वो किस्सा दोहराना भूल गई बारिश

गरजते थे बरसते थे गूंजते थे
था हमारा भी ज़माना भूल गई बारिश

आँसू हैं नाराज़ अपने शागिर्द से
उस्ताद को आदाब कहना भूल गई बारिश

की थी कितनी दुआएं किसानों ने
खुदा तक पहुंचाना भूल गई बारिश

मैकदे के छतों पर गिरती रही रात भर
नशे में थी घर जाना भूल गई बारिश

दोस्तों को लगा सारी सखियाँ साथ आयेंगी
बिजलियों को साथ लाना भूल
गई बारिश

पानी के दाम भी आसमां छूने लगे
आसमां से नीचे उतरना भूल
गई बारिश

बीच चौराहे में गले से लग गई
'राज' को देखा शर्माना भूल गई बारिश


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surindarn
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«Reply #1 on: March 03, 2020, 05:53:10 PM »
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तालीम पुरी करना भूल गई बारिश
बरसना याद रहा थमना भूल गई बारिश

पानी के लिए बादलों से नजरें लढाती हैं
मेरी आँखों को आज़माना भूल गई बारिश

इंतज़ार करते करते फ़ना हुआ था
एक किसान दीवाना भूल गई बारिश

मुझे याद दिला गई मेरे यार की
उसे मेरी याद दिलाना भूल गई बारिश

शहर के सड़क लबालब भर दिए
आता नहीं हमें तैरना भूल गई बारिश

मेज़ पे रखे हैं कागज़ की कश्तियाँ
मेरा बचपन लौटाना भूल गई बारिश

रफी साहब का जनाज़ा क्या निकला
थमने का नाम लेना भूल गई बारिश

बारिशों को आंखों में पनाह दी थी मैंने
मेरे गांव के घर को बचाना भूल गई बारिश

बरसों बाद मिले उनसे वैसी ही बरसातों में
पर वो किस्सा दोहराना भूल गई बारिश

गरजते थे बरसते थे गूंजते थे
था हमारा भी ज़माना भूल गई बारिश

आँसू हैं नाराज़ अपने शागिर्द से
उस्ताद को आदाब कहना भूल गई बारिश

की थी कितनी दुआएं किसानों ने
खुदा तक पहुंचाना भूल गई बारिश

मैकदे के छतों पर गिरती रही रात भर
नशे में थी घर जाना भूल गई बारिश

दोस्तों को लगा सारी सखियाँ साथ आयेंगी
बिजलियों को साथ लाना भूल
गई बारिश

पानी के दाम भी आसमां छूने लगे
आसमां से नीचे उतरना भूल
गई बारिश

बीच चौराहे में गले से लग गई
'राज' को देखा शर्माना भूल गई बारिश


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Bahut shukria for sharing this.
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«Reply #2 on: May 28, 2020, 07:04:19 AM »
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Bahot achey nice sharing Applause Applause Applause
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With a Quick-Reply you can use bulletin board code and smileys as you would in a normal post, but much more conveniently.


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