रो उठता है  दिल जब भी दहिशतगर्दी की वारदात होती है....bansi

by BANSI DHAMEJA on December 17, 2014, 01:05:16 PM
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BANSI DHAMEJA
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रो उठता है  दिल जब भी दहिशतगर्दी की वारदात होती है मगर
सोचता था कुछ मसले होंगे जिस  की वजह से दहिशतगर्द बनते हैं

उनके के भी कुछ अरमान होते होंगे  क्यूँ कि वो भी तो  इंसान हैं मगर
सौ से ज़ियादा  बच्चों को मौत के घाट उतार देना इंसानियत तो नहीं  

क्या गुज़रेगी  बच्चों के माँ बाप के दिल पर ज़रा सा भी सोचा नहीं
किस किस्म के इंसान हैं क्या वो इंसान हैं या इंसान हैं ही नहीं

लगता है  दहिशत गर्द कोई भी हों उनमें इंसानियत होती नहीं
अगर उनमें इंसानियत होती तो यूं ही मासूमों की जाने जाती नहीं

कितना भी हम लिखते रहें उनको कोई फ़र्क  पड़ता नहीं
जिनसे हम कहना चाहते हैं वो तो शायद यह सब तो पड़ते नहीं

दिल ही दिल में  आँसूँ बहा कर  चुप हो जाता हूँ मैं
क्यूँ कि इसके इलावा कुछ और तो कर नहीं पता हूँ मैं

सब मुल्कों के  हुकूमरानो से हाथ जोड़ कर इलतजा करता हूँ मैं
मिलकर कुछ करो मासूमों की जाने जाते ना देख पता हूँ मैं

क्या सोच कर मासूमों की जाने  ली हैं नहीं समझ पता हूँ मैं
सही समझ दे सबको दिल से इलतजा परवर्दीगार से करता हूँ मैं

सही समझ दे सबको दिल से इलतजा परवर्दीगार से करता हूँ मैं
बंसी(मधुर)
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vimmi singh
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«Reply #1 on: December 17, 2014, 03:01:34 PM »
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 tearyeyed tearyeyed tearyeyed tearyeyed tearyeyed tearyeyed
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nitin1
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«Reply #2 on: December 17, 2014, 03:06:28 PM »
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Sahi kaha aap ne superbbbbbbbbb
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Ram Krishan Rastogi
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«Reply #3 on: December 17, 2014, 04:24:54 PM »
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बहुत सच कहा है आपने  tearyeyed tearyeyed tearyeyed
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sksaini4
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«Reply #4 on: December 18, 2014, 01:22:35 AM »
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 tearyeyed tearyeyed tearyeyed tearyeyed tearyeyed tearyeyed
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F.H.SIDDIQUI
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«Reply #5 on: December 18, 2014, 07:09:53 AM »
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Sahi farmaya hai , yeh kya chaahte hain koi nahi jaanta . yeh bhi nahi jaante . Bus Shaitaanon ki harkatein kar rahe hain .
 
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srishti raj chintak
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«Reply #6 on: December 18, 2014, 02:04:58 PM »
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रो उठता है  दिल जब भी दहिशतगर्दी की वारदात होती है मगर
सोचता था कुछ मसले होंगे जिस  की वजह से दहिशतगर्द बनते हैं

उनके के भी कुछ अरमान होते होंगे  क्यूँ कि वो भी तो  इंसान हैं मगर
सौ से ज़ियादा  बच्चों को मौत के घाट उतार देना इंसानियत तो नहीं 

क्या गुज़रेगी  बच्चों के माँ बाप के दिल पर ज़रा सा भी सोचा नहीं
किस किस्म के इंसान हैं क्या वो इंसान हैं या इंसान हैं ही नहीं

लगता है  दहिशत गर्द कोई भी हों उनमें इंसानियत होती नहीं
अगर उनमें इंसानियत होती तो यूं ही मासूमों की जाने जाती नहीं

कितना भी हम लिखते रहें उनको कोई फ़र्क  पड़ता नहीं
जिनसे हम कहना चाहते हैं वो तो शायद यह सब तो पड़ते नहीं

दिल ही दिल में  आँसूँ बहा कर  चुप हो जाता हूँ मैं
क्यूँ कि इसके इलावा कुछ और तो कर नहीं पता हूँ मैं

सब मुल्कों के  हुकूमरानो से हाथ जोड़ कर इलतजा करता हूँ मैं
मिलकर कुछ करो मासूमों की जाने जाते ना देख पता हूँ मैं

क्या सोच कर मासूमों की जाने  ली हैं नहीं समझ पता हूँ मैं
सही समझ दे सबको दिल से इलतजा परवर्दीगार से करता हूँ मैं

सही समझ दे सबको दिल से इलतजा परवर्दीगार से करता हूँ मैं
बंसी(मधुर)



so sad
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BANSI DHAMEJA
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«Reply #7 on: December 18, 2014, 04:40:13 PM »
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tearyeyed tearyeyed tearyeyed tearyeyed tearyeyed tearyeyed
[size=15pt]vimmi simgh ji hausila afzahi ke liye shukriya. aansoon bahane ke lilawa kuchh kar nahin pa rahe hain[/color][/size]
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BANSI DHAMEJA
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«Reply #8 on: December 18, 2014, 04:41:43 PM »
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Sahi kaha aap ne superbbbbbbbbb
nitin1 ji shukriya
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BANSI DHAMEJA
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«Reply #9 on: December 18, 2014, 04:43:16 PM »
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tearyeyed tearyeyed tearyeyed tearyeyed tearyeyed tearyeyed
saini ji shukriya
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BANSI DHAMEJA
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«Reply #10 on: December 18, 2014, 04:44:43 PM »
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Sahi farmaya hai , yeh kya chaahte hain koi nahi jaanta . yeh bhi nahi jaante . Bus Shaitaanon ki harkatein kar rahe hain .
 
F.H.SIDDIQUI  ji afsos is baat ka hai kuchh kiya nahin ja raha
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BANSI DHAMEJA
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«Reply #11 on: December 19, 2014, 08:19:39 AM »
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so sad
srishti raj chintak  ji shukriya
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