ले चलो................................................................ALFAAZ

by alfaaz on September 07, 2013, 03:11:46 AM
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alfaaz
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इतना जिद्द करते हो तो बात मानते है चलो
साथ हमारे पिना है,  तो मैखानों को ले चलो

हमसफ़र बनना इतना आसान नही
साथ मेरे चलना है, तो शोलों को ले चलो

दुश्मनों को तडपातडपा के मारना है
यही मन्सूबा है, तो शायरों  को ले चलो

बहाने बनाकर घर से निकले है सारे मर्द
नकाब उठाना है, तो बिवीयों को ले चलो

अगर इमान से देश के लिये कूछ करना है
नजदीक शमशान है, तो नेताओ को ले चलो

बिन तलवार बिन हत्यार के भी मुमकीन है  
लाशे बिछानी है, तो हसीनों को ले चलो

ये तन्हा आलम फ़िर नही मिलेगा
अरमान संभल नही रहे है, तो तुफ़ानों को ले चलो

इजहार करने चले हो इश्क का
क्या पता घर कैसे आना हो, तो दोस्तों को ले चलो

ए मौत तू इधर उधर क्या ताक रही है
कोई नही मिल रहा है, तो "राज" को ले चलो                       Winking
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sksaini4
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«Reply #1 on: September 07, 2013, 10:23:29 AM »
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nandbahu
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«Reply #2 on: September 07, 2013, 10:46:39 AM »
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bahut khoob
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Advo.RavinderaRavi
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«Reply #3 on: September 07, 2013, 02:10:15 PM »
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बहुत एहसास हैं
इतना जिद्द करते हो तो बात मानते है चलो
साथ हमारे पिना है,  तो मैखानों को ले चलो

हमसफ़र बनना इतना आसान नही
साथ मेरे चलना है, तो शोलों को ले चलो

दुश्मनों को तडपातडपा के मारना है
यही मन्सूबा है, तो शायरों  को ले चलो

बहाने बनाकर घर से निकले है सारे मर्द
नकाब उठाना है, तो बिवीयों को ले चलो

अगर इमान से देश के लिये कूछ करना है
नजदीक शमशान है, तो नेताओ को ले चलो

बिन तलवार बिन हत्यार के भी मुमकीन है 
लाशे बिछानी है, तो हसीनों को ले चलो

ये तन्हा आलम फ़िर नही मिलेगा
अरमान संभल नही रहे है, तो तुफ़ानों को ले चलो

इजहार करने चले हो इश्क का
क्या पता घर कैसे आना हो, तो दोस्तों को ले चलो

ए मौत तू इधर उधर क्या ताक रही है
कोई नही मिल रहा है, तो "राज" को ले चलो                       Winking
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Mohammad Touhid
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«Reply #4 on: September 07, 2013, 04:58:13 PM »
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good one.. Applause Applause
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kalam k chalne ko zamaana paagalpan samajhta hai.

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«Reply #5 on: September 09, 2013, 03:56:29 AM »
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zabardasssttt peshkash, bahut khoob likhaa hai aapne...!!!
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