वो हमारी तरफ़ देखे...........................................ALFAAZ

by alfaaz on September 28, 2013, 01:46:13 PM
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alfaaz
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कैसे होगी शुरुवात कि वो हमारी तरफ़ देखे
हममें वो बात  कंहा कि वो हमारी तरफ़ देखे

दिल का नही जेब का खेल है ये इश्क
हमारे पास दौलत कंहा कि वो हमारी तरफ़ देखे

पत्थर समझके ठोकर लगा दी उसने
दिल कि हैसियत कंहा कि वो हमारी तरफ़ देखे

अपने ही लगे हैं उनका हौसला बढाने में, वर्ना
दूश्मनों की हिम्मत  कंहा कि वो हमारी तरफ़ देखे

वक्त कंहा उनको अपनी तिजोरी भरने से
सरकार को फ़ूर्सत कंहा कि वो हमारी तरफ़ देखे

हम प्याजों की मत पूछो, कोई पूछ्ता नही हमे
हमारी ऐसी किमत कंहा  कि वो हमारी तरफ़ देखे

खाली पैमाना लिये बैठे है कब से
साकी को वक्त कंहा  कि वो हमारी तरफ़ देखे

लाखो की भीड लगी थी खूदा के घर में
हम इतने खूबसूरत कंहा  कि वो हमारी तरफ़ देखे

वक्त बेवक्त बच्चे घर से बहार रहने लगे
हम इतने सक्त कंहा  कि वो हमारी तरफ़ देखे

हकीम बैध भी हमारे लिये दूवा मांग रहे है
हमारी वो  सेहत कंहा  कि वो हमारी तरफ़ देखे

 notworthy
'राज' बज्म में सब आपस में ही  वाह वाह बटोर रहे है
पर तूम्हारी ऐसी शौरत  कंहा  कि वो हमारी तरफ़ देखे
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khujli
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«Reply #1 on: September 28, 2013, 02:01:57 PM »
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कैसे होगी शुरुवात कि वो हमारी तरफ़ देखे
हममें वो बात  कंहा कि वो हमारी तरफ़ देखे

दिल का नही जेब का खेल है ये इश्क
हमारे पास दौलत कंहा कि वो हमारी तरफ़ देखे

पत्थर समझके ठोकर लगा दी उसने
दिल कि हैसियत कंहा कि वो हमारी तरफ़ देखे

अपने ही लगे हैं उनका हौसला बढाने में, वर्ना
दूश्मनों की हिम्मत  कंहा कि वो हमारी तरफ़ देखे

वक्त कंहा उनको अपनी तिजोरी भरने से
सरकार को फ़ूर्सत कंहा कि वो हमारी तरफ़ देखे

हम प्याजों की मत पूछो, कोई पूछ्ता नही हमे
हमारी ऐसी किमत कंहा  कि वो हमारी तरफ़ देखे

खाली पैमाना लिये बैठे है कब से
साकी को वक्त कंहा  कि वो हमारी तरफ़ देखे

लाखो की भीड लगी थी खूदा के घर में
हम इतने खूबसूरत कंहा  कि वो हमारी तरफ़ देखे

वक्त बेवक्त बच्चे घर से बहार रहने लगे
हम इतने सक्त कंहा  कि वो हमारी तरफ़ देखे

हकीम बैध भी हमारे लिये दूवा मांग रहे है
हमारी वो  सेहत कंहा  कि वो हमारी तरफ़ देखे

 notworthy
'राज' बज्म में सब आपस में ही  वाह वाह बटोर रहे है
पर तूम्हारी ऐसी शौरत  कंहा  कि वो हमारी तरफ़ देखे
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mkv
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«Reply #2 on: September 28, 2013, 02:54:21 PM »
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'राज' बज्म में सब आपस में ही  वाह वाह बटोर रहे है
पर तूम्हारी ऐसी शौरत  कंहा  कि वो हमारी तरफ़ देखे

Bahut bahut khoob kaha aapne aur sach bhi

message box to yahee kahta hai.
meri nazar me vo poetry me improvement ke liye tha..par mai ghalat nikla

jinke haath me siyasat hai..unhi ke daaman me daag hai

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Advo.RavinderaRavi
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«Reply #3 on: September 28, 2013, 05:14:32 PM »
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बहुत खूब अल्फ़ाज़ जी.

कैसे होगी शुरुवात कि वो हमारी तरफ़ देखे
हममें वो बात  कंहा कि वो हमारी तरफ़ देखे

दिल का नही जेब का खेल है ये इश्क
हमारे पास दौलत कंहा कि वो हमारी तरफ़ देखे

पत्थर समझके ठोकर लगा दी उसने
दिल कि हैसियत कंहा कि वो हमारी तरफ़ देखे

अपने ही लगे हैं उनका हौसला बढाने में, वर्ना
दूश्मनों की हिम्मत  कंहा कि वो हमारी तरफ़ देखे

वक्त कंहा उनको अपनी तिजोरी भरने से
सरकार को फ़ूर्सत कंहा कि वो हमारी तरफ़ देखे

हम प्याजों की मत पूछो, कोई पूछ्ता नही हमे
हमारी ऐसी किमत कंहा  कि वो हमारी तरफ़ देखे

खाली पैमाना लिये बैठे है कब से
साकी को वक्त कंहा  कि वो हमारी तरफ़ देखे

लाखो की भीड लगी थी खूदा के घर में
हम इतने खूबसूरत कंहा  कि वो हमारी तरफ़ देखे

वक्त बेवक्त बच्चे घर से बहार रहने लगे
हम इतने सक्त कंहा  कि वो हमारी तरफ़ देखे

हकीम बैध भी हमारे लिये दूवा मांग रहे है
हमारी वो  सेहत कंहा  कि वो हमारी तरफ़ देखे

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पर तूम्हारी ऐसी शौरत  कंहा  कि वो हमारी तरफ़ देखे
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sksaini4
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«Reply #4 on: September 28, 2013, 07:49:36 PM »
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aqsh
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«Reply #5 on: September 28, 2013, 08:08:52 PM »
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Waaaaaaaah raj ji.. behad khoob.. badi achchi peshkash.. dheron dheron daad...
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RAJAN KONDAL
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«Reply #6 on: September 29, 2013, 03:20:31 AM »
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wha wha bhut khub
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nandbahu
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«Reply #7 on: October 01, 2013, 05:13:54 PM »
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