शहीदों को झुकावो सिर

by anil kumar aksh on August 14, 2011, 10:01:22 AM
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anil kumar aksh
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शहीदों को झुकावो सिर, जवानों ने ये गया है ।
लगावो धूल को सिर पर, वतन में चैन आया है ॥

वो बिस्मिल थे, भगत सिंह थे, ज़मीं को दे लहू अपना ।
जिन्होंने वर्षो देखा था, अनोखे देश का सपना ॥

फूल सर का अशफ़ाक ने, इस पर चढ़ाया है ।
शहीदों को झुकावो सिर, जवानों ने या गया है ॥

शहीदों ने सजायी माँग माँ की, खून देकर के ।
चुका सकते नहीं एहसान, ये सौ बार भी मर के ॥

खबर तुमको नहीं हमने क्या खोया और पाया है ।
बहुत ही बार हमको, दुश्मनों ने आजमाया है ॥

कसम हमको मरे हम, देश की खातिर वतन वालो ।
तुम्हे आवाज़ माँ देती है तुम सीमाए संभालो ॥

सिकंदर को हमी पोरश ने, झेलम से भगाया है ।
शहीदों को झुकावो सर, जवानों ने ये गया है ॥

हमे है दोस्त प्यारे साथ में, दुश्मन भी प्यारे है ।
हमारी दोस्ती और दुश्मनी, के नुस्खे प्यारे है ॥

करोगे प्यार से बातें, करेगें बात हम प्यारी ।
मगर सुन लो हमे चेतावनी, बिलकुल नहीं प्यारी ॥

अरोड़ा ने नियाजी को, सबक अच्छा सिखाया है ।
शहीदों को झुकावो सिर, जवानों ने ये गया है ॥
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ParwaaZ
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«Reply #1 on: August 14, 2011, 09:36:46 PM »
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Anil Jee AadaaB!

Waah janab bahut khoob ... behad achchi
rachna kahi hai aapne Usual Smile

Sabhi khayaal khoob rahe daad Usual Smile
Aur yeH khayaal to behad khoob rahe ...

फूल सर का अशफ़ाक ने, इस पर चढ़ाया है ।
शहीदों को झुकावो सिर, जवानों ने या गया है ॥

शहीदों ने सजायी माँग माँ की, खून देकर के ।
चुका सकते नहीं एहसान, ये सौ बार भी मर के ॥

करोगे प्यार से बातें, करेगें बात हम प्यारी ।
मगर सुन लो हमे चेतावनी, बिलकुल नहीं प्यारी ॥     

Applause Applause Applause
     

 

Likhate rahiye... Aate rahiye..
Khush O aabaad rahiye..
Khuda Hafez Usual Smile         

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khujli
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«Reply #2 on: August 16, 2011, 09:52:40 AM »
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शहीदों को झुकावो सिर, जवानों ने ये गया है ।
लगावो धूल को सिर पर, वतन में चैन आया है ॥

वो बिस्मिल थे, भगत सिंह थे, ज़मीं को दे लहू अपना ।
जिन्होंने वर्षो देखा था, अनोखे देश का सपना ॥

फूल सर का अशफ़ाक ने, इस पर चढ़ाया है ।
शहीदों को झुकावो सिर, जवानों ने या गया है ॥

शहीदों ने सजायी माँग माँ की, खून देकर के ।
चुका सकते नहीं एहसान, ये सौ बार भी मर के ॥

खबर तुमको नहीं हमने क्या खोया और पाया है ।
बहुत ही बार हमको, दुश्मनों ने आजमाया है ॥

कसम हमको मरे हम, देश की खातिर वतन वालो ।
तुम्हे आवाज़ माँ देती है तुम सीमाए संभालो ॥

सिकंदर को हमी पोरश ने, झेलम से भगाया है ।
शहीदों को झुकावो सर, जवानों ने ये गया है ॥

हमे है दोस्त प्यारे साथ में, दुश्मन भी प्यारे है ।
हमारी दोस्ती और दुश्मनी, के नुस्खे प्यारे है ॥

करोगे प्यार से बातें, करेगें बात हम प्यारी ।
मगर सुन लो हमे चेतावनी, बिलकुल नहीं प्यारी ॥

अरोड़ा ने नियाजी को, सबक अच्छा सिखाया है ।
शहीदों को झुकावो सिर, जवानों ने ये गया है ॥


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«Reply #3 on: August 16, 2011, 12:34:55 PM »
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Anil Ji,

Waah waah bahut khoob..
tabeeyat khush ho gayee aapki
post padhkar..

Dili daad qubool farmaayen..

Satish Shukla 'Raqeeb'
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