शादी से पहले जो हूर थी.....@Advo.RavinderRavi'Sagar'

by Advo.RavinderaRavi on June 30, 2013, 06:03:39 PM
Pages: [1]
ReplyPrint
Author  (Read 1157 times)
Advo.RavinderaRavi
Guest
Reply with quote
शादी से पहले जो हूर थी,
लगती दिल से कोहिनूर थी,
माना आज भी वो फूल है,
खिला हुआ गोबी का फूल है,,,

चार लाइन की कविता पढ़ वो,  
पहली दो लाइन पर तो शरमाई,
फिर एका-एका गुस्से मे झलाई,
अगली दो लाइन पढ़ते-पढ़ते,
मैं गोभी..! तो तुम क्या हो..?,
ना कोई जयका ना कोई रस,
बस काले बैग्न से कूल हो,,,

कृष्ण-कन्हैया से मेरे रंग को,
तुम बैग्न -सा रंग ब्ताती हो,
दो कम क्रिकेट की टीम बना दी,
बिन रस का मुझे बताती हो,
रात्रि होने दो ज़रा बेगम तुम,
कूल हैं या शूल बता देंगे,  
जब पेग और चिकन खा लेंगे,,,,

सुन मेरी वकालत की दलीलो को,
नयी नवेली दुल्हन-सी बेगम शरमाई,
फिर धीरे से हंस कर बोली,
बुढ़ापे मे सठिया गये हो,
अपनी ओकात पर आ ही गये हो,
बिन खाए पिए कुछ कर ना सकोगे,
तुम तो कूल हो कूल ही रहोगे,,,

सागर क्या करता खिसायने के सिवा,
बुढ़ापे मे नहीं कोई उसके सिवा,
बच्चे कल अपने घरके हो जाएंगे,
जीवन सदा एक-सा नहीं रहता,
आजका महल कल खंडहर हो जाता,
सो कविता की वो लाइन बदलदी,
उनकी तारीफ़ मे किताब ही लिख दी,,,
 





  
Logged
Miru;;;;
Guest
«Reply #1 on: June 30, 2013, 08:17:56 PM »
Reply with quote
BAHUT KHOOB...... Applause Applause Applause Applause
Logged
Sudhir Ashq
Khususi Shayar
*****

Rau: 108
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
16 days, 19 hours and 27 minutes.

Posts: 1813
Member Since: Feb 2013


View Profile WWW
«Reply #2 on: June 30, 2013, 08:54:43 PM »
Reply with quote
 hello2 hello2 hello2 hello2 hello2
Logged
sksaini4
Ustaad ae Shayari
*****

Rau: 853
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
112 days, 8 hours and 51 minutes.
Posts: 36414
Member Since: Apr 2011


View Profile
«Reply #3 on: June 30, 2013, 09:34:39 PM »
Reply with quote
bahut khoob
Logged
Advo.RavinderaRavi
Guest
«Reply #4 on: July 01, 2013, 01:39:40 AM »
Reply with quote
hello2 hello2 hello2 hello2 hello2
thanks 4 clapping.
Logged
Advo.RavinderaRavi
Guest
«Reply #5 on: July 01, 2013, 02:44:08 AM »
Reply with quote
BAHUT KHOOB...... Applause Applause Applause Applause
Thanks a Lot.
Logged
Advo.RavinderaRavi
Guest
«Reply #6 on: July 01, 2013, 02:47:31 AM »
Reply with quote
bahut khoob
Thankyou ! sir.
Logged
MANOJ6568
Khaas Shayar
**

Rau: 31
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
42 days, 19 hours and 59 minutes.

Astrologer & Shayer

Posts: 12017
Member Since: Feb 2010


View Profile
«Reply #7 on: July 01, 2013, 05:29:46 AM »
Reply with quote
शादी से पहले जो हूर थी,
लगती दिल से कोहिनूर थी,
माना आज भी वो फूल है,
खिला हुआ गोबी का फूल है,,,

चार लाइन की कविता पढ़ वो,   
पहली दो लाइन पर तो शरमाई,
फिर एका-एका गुस्से मे झलाई,
अगली दो लाइन पढ़ते-पढ़ते,
मैं गोभी..! तो तुम क्या हो..?,
ना कोई जयका ना कोई रस,
बस काले बैग्न से कूल हो,,,

कृष्ण-कन्हैया से मेरे रंग को,
तुम बैग्न -सा रंग ब्ताती हो,
दो कम क्रिकेट की टीम बना दी,
बिन रस का मुझे बताती हो,
रात्रि होने दो ज़रा बेगम तुम,
कूल हैं या शूल बता देंगे,   
जब पेग और चिकन खा लेंगे,,,,

सुन मेरी वकालत की दलीलो को,
नयी नवेली दुल्हन-सी बेगम शरमाई,
फिर धीरे से हंस कर बोली,
बुढ़ापे मे सठिया गये हो,
अपनी ओकात पर आ ही गये हो,
बिन खाए पिए कुछ कर ना सकोगे,
तुम तो कूल हो कूल ही रहोगे,,,

सागर क्या करता खिसायने के सिवा,
बुढ़ापे मे नहीं कोई उसके सिवा,
बच्चे कल अपने घरके हो जाएंगे,
जीवन सदा एक-सा नहीं रहता,
आजका महल कल खंडहर हो जाता,
सो कविता की वो लाइन बदलदी,
उनकी तारीफ़ मे किताब ही लिख दी,,,
 





 

V.GD
Logged
ahujagd
Maqbool Shayar
****

Rau: 4
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
6 days, 1 hours and 34 minutes.
Posts: 842
Member Since: May 2005


View Profile
«Reply #8 on: July 01, 2013, 09:50:31 AM »
Reply with quote
bahut achhe sagar ji ,
aainda aap bach ke rahiyo,
fir aisee kavita na kahiyo,
ab tak to banaaya hai baingan
kaddoo banane ka na ho jaye man.
--aapke hit mein jaari.
anyway bahut hi mijahiya kavita ban padi hai badhai sweekar karen--ghanshamdas ahuja
Logged
Advo.RavinderaRavi
Guest
«Reply #9 on: July 01, 2013, 02:01:14 PM »
Reply with quote
bahut achhe sagar ji ,
aainda aap bach ke rahiyo,
fir aisee kavita na kahiyo,
ab tak to banaaya hai baingan
kaddoo banane ka na ho jaye man.
--aapke hit mein jaari.
anyway bahut hi mijahiya kavita ban padi hai badhai sweekar karen--ghanshamdas ahuja
Shuqriya For Your Advise.Thanks a Lot,
Logged
Advo.RavinderaRavi
Guest
«Reply #10 on: July 01, 2013, 06:03:21 PM »
Reply with quote
V.GD
Thanks.
Logged
RohanSingh
Guest
«Reply #11 on: July 16, 2013, 04:38:14 AM »
Reply with quote
शादी से पहले जो हूर थी,
लगती दिल से कोहिनूर थी,
माना आज भी वो फूल है,
खिला हुआ गोबी का फूल है,,,

चार लाइन की कविता पढ़ वो,   
पहली दो लाइन पर तो शरमाई,
फिर एका-एका गुस्से मे झलाई,
अगली दो लाइन पढ़ते-पढ़ते,
मैं गोभी..! तो तुम क्या हो..?,
ना कोई जयका ना कोई रस,
बस काले बैग्न से कूल हो,,,

कृष्ण-कन्हैया से मेरे रंग को,
तुम बैग्न -सा रंग ब्ताती हो,
दो कम क्रिकेट की टीम बना दी,
बिन रस का मुझे बताती हो,
रात्रि होने दो ज़रा बेगम तुम,
कूल हैं या शूल बता देंगे,   
जब पेग और चिकन खा लेंगे,,,,

सुन मेरी वकालत की दलीलो को,
नयी नवेली दुल्हन-सी बेगम शरमाई,
फिर धीरे से हंस कर बोली,
बुढ़ापे मे सठिया गये हो,
अपनी ओकात पर आ ही गये हो,
बिन खाए पिए कुछ कर ना सकोगे,
तुम तो कूल हो कूल ही रहोगे,,,

सागर क्या करता खिसायने के सिवा,
बुढ़ापे मे नहीं कोई उसके सिवा,
बच्चे कल अपने घरके हो जाएंगे,
जीवन सदा एक-सा नहीं रहता,
आजका महल कल खंडहर हो जाता,
सो कविता की वो लाइन बदलदी,
उनकी तारीफ़ मे किताब ही लिख दी,,,
 





 

मुखड़ा बहुत अच्छा है.
Logged
Advo.RavinderaRavi
Guest
«Reply #12 on: July 17, 2013, 04:01:51 AM »
Reply with quote
मुखड़ा बहुत अच्छा है.
शुक़रिया
Logged
Advo.RavinderaRavi
Guest
«Reply #13 on: July 20, 2013, 04:08:25 AM »
Reply with quote
bahut khoob
Thanks Sir.
Logged
Pages: [1]
ReplyPrint
Jump to:  

+ Quick Reply
With a Quick-Reply you can use bulletin board code and smileys as you would in a normal post, but much more conveniently.


Get Yoindia Updates in Email.

Enter your email address:

Ask any question to expert on eTI community..
Welcome, Guest. Please login or register.
Did you miss your activation email?
December 25, 2024, 07:17:41 AM

Login with username, password and session length
Recent Replies
by mkv
[December 22, 2024, 05:36:15 PM]

[December 19, 2024, 08:27:42 AM]

[December 17, 2024, 08:39:55 AM]

[December 15, 2024, 06:04:49 AM]

[December 13, 2024, 06:54:09 AM]

[December 10, 2024, 08:23:12 AM]

[December 10, 2024, 08:22:15 AM]

by Arif Uddin
[December 03, 2024, 07:06:48 PM]

[November 26, 2024, 08:47:05 AM]

[November 21, 2024, 09:01:29 AM]
Yoindia Shayariadab Copyright © MGCyber Group All Rights Reserved
Terms of Use| Privacy Policy Powered by PHP MySQL SMF© Simple Machines LLC
Page created in 0.159 seconds with 23 queries.
[x] Join now community of 8509 Real Poets and poetry admirer