नए साल को सोच रहा हूँ...............................................अरुण मिश्र

by arunmishra on January 03, 2019, 08:17:11 AM
Pages: [1]
ReplyPrint
Author  (Read 591 times)
arunmishra
Guest
Reply with quote
https://youtu.be/Rlh8CKNNJ8g

नए साल को सोच रहा हूँ

-अरुण मिश्र

गए साल को देख रहा हूँ।
नए साल को सोच रहा हूँ।।

            गए साल में  क्या था ऐसा,
            नए साल  जो  नहीं रहेगा ?
            केवल साल बदल जाने से,
            जीवन में क्या कुछ बदलेगा??

            मेरे घर के ठीक बगल में,
            मेरी मेड  रहा  करती है।
            जैसे गुज़र-बसर  मैं करता,
            वह भी गुज़र-बसर करती है।।

            पिछले कर्ज़े  लाख  चुकाए,
            फिर भी कुछ उधार बाकी है।
            मेरी पेंशन नहीं मिली तो,
            उसकी भी पगार बाकी है।।

            नए साल का जश्न मगर फिर,
            नए साल को  होना ही  है।
            बच्चे कुछ पल तो हँस-गा लें,
            जीवन  हँसना-रोना  ही  है।।

            शाम सजा कर कुछ गुब्बारे,
            और बजा कर गीत सुहाने।
            बैठे सब  अलाव को  घेरे,
            नए साल का जश्न मनाने।।

            पूड़ी - सब्ज़ी   बनवाई   है,
            बस इतना उपक्रम, काफ़ी है।
            चहक रहे हैं,  नाच  रहे  हैं,
            बच्चों  ने  पाई   टॉफ़ी  है ।।

            यही जश्न बिलियन डॉलर का,
            जो यह दुनिया मना  रही है।
            नए साल की मृग-मरीचिका,
            सबको सपने दिखा रही है।।

मैं भी कुछ सपने-उम्मीदें,
पाल रहा हूँ, पोस रहा हूँ।।
                             *  
Logged
surindarn
Ustaad ae Shayari
*****

Rau: 273
Offline Offline

Waqt Bitaya:
134 days, 2 hours and 27 minutes.
Posts: 31520
Member Since: Mar 2012


View Profile
«Reply #1 on: January 03, 2019, 07:17:07 PM »
Reply with quote
https://youtu.be/Rlh8CKNNJ8g

नए साल को सोच रहा हूँ

-अरुण मिश्र

गए साल को देख रहा हूँ।
नए साल को सोच रहा हूँ।।

            गए साल में  क्या था ऐसा,
            नए साल  जो  नहीं रहेगा ?
            केवल साल बदल जाने से,
            जीवन में क्या कुछ बदलेगा??

            मेरे घर के ठीक बगल में,
            मेरी मेड  रहा  करती है।
            जैसे गुज़र-बसर  मैं करता,
            वह भी गुज़र-बसर करती है।।

            पिछले कर्ज़े  लाख  चुकाए,
            फिर भी कुछ उधार बाकी है।
            मेरी पेंशन नहीं मिली तो,
            उसकी भी पगार बाकी है।।

            नए साल का जश्न मगर फिर,
            नए साल को  होना ही  है।
            बच्चे कुछ पल तो हँस-गा लें,
            जीवन  हँसना-रोना  ही  है।।

            शाम सजा कर कुछ गुब्बारे,
            और बजा कर गीत सुहाने।
            बैठे सब  अलाव को  घेरे,
            नए साल का जश्न मनाने।।

            पूड़ी - सब्ज़ी   बनवाई   है,
            बस इतना उपक्रम, काफ़ी है।
            चहक रहे हैं,  नाच  रहे  हैं,
            बच्चों  ने  पाई   टॉफ़ी  है ।।

            यही जश्न बिलियन डॉलर का,
            जो यह दुनिया मना  रही है।
            नए साल की मृग-मरीचिका,
            सबको सपने दिखा रही है।।

मैं भी कुछ सपने-उम्मीदें,
पाल रहा हूँ, पोस रहा हूँ।।
                             * 

Mishra Sahib bahut hee achhaa ehsaas hai.
  Thumbs UP Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause
magar yeh naaye saal par bhi itnee niraashaa kyun?
Logged
arunmishra
Guest
«Reply #2 on: January 04, 2019, 06:43:50 AM »
Reply with quote
Dhanyayad surindarn Ji. Koi nirasha nahin. "Ummeeden paal raha hun." Magar, sabke saath judte hue. -Arun Mishra.
Logged
Pages: [1]
ReplyPrint
Jump to:  

+ Quick Reply
With a Quick-Reply you can use bulletin board code and smileys as you would in a normal post, but much more conveniently.


Get Yoindia Updates in Email.

Enter your email address:

Ask any question to expert on eTI community..
Welcome, Guest. Please login or register.
Did you miss your activation email?
December 25, 2024, 08:18:26 AM

Login with username, password and session length
Recent Replies
by mkv
[December 22, 2024, 05:36:15 PM]

[December 19, 2024, 08:27:42 AM]

[December 17, 2024, 08:39:55 AM]

[December 15, 2024, 06:04:49 AM]

[December 13, 2024, 06:54:09 AM]

[December 10, 2024, 08:23:12 AM]

[December 10, 2024, 08:22:15 AM]

by Arif Uddin
[December 03, 2024, 07:06:48 PM]

[November 26, 2024, 08:47:05 AM]

[November 21, 2024, 09:01:29 AM]
Yoindia Shayariadab Copyright © MGCyber Group All Rights Reserved
Terms of Use| Privacy Policy Powered by PHP MySQL SMF© Simple Machines LLC
Page created in 0.209 seconds with 24 queries.
[x] Join now community of 8509 Real Poets and poetry admirer