बाल-दिवस पर विशेष..........................अरुण मिश्र.

by arunmishra on November 15, 2013, 01:57:08 AM
Pages: [1]
ReplyPrint
Author  (Read 869 times)
arunmishra
Guest
Reply with quote
सभी बच्चों को  बाल-दिवस की   शुभकामनायें
- अरुण मिश्र - See more at: http://arunmishra-rashmirekh.blogspot.in/2010/11/blog-post_14.html#sthash.k565bUEG.dpuf


प्यारे बच्चे, भूखे बच्चे...  

- अरुण मिश्र

( टिप्पणी :  वर्ष 2002 में बाल-दिवस पर, विद्यालयों में मध्याह्न-भोजन योजना के पक्ष में लिखी गई कविता यथावत प्रकाशित.)


                : भूमिका :

       "सूबे के ऐ ! हुक्मरानों , वक़्त  के आक़ा सुनो।
        नन्हें बच्चों के  हक़ों पे,  डालो न  डाका सुनो।
        देश  की  ऊँची अदालत का भी ऐसा हुक्म है।
        बच्चे अब स्कूलों में ,  ना करेंगे फ़ाक़ा  सुनो।।"

         
        : वेदना :

ये   बच्चे ,  प्यारे   बच्चे  हैं।
ऑखो   के   तारे   बच्चे   हैं।
ये  बच्चे  फूल हैं  बगिया के।
ये    राजदुलारे    बच्चे    हैं।।

        ये  बच्चे, भारत  के  दिल  हैं।
        ये  भारत के  मुस्तक़बिल हैं।
        कुछ   इनमें   नंगे - भूखे   हैं।
        कुछ   बच्चे   सूखे - सूखे   हैं।।

ये  कमखुराक़ के  हैं  शिकार ।
हम  कहें   इन्हें,  स्कूल  चलो।
तुम  कठिन पहाड़े  याद करो।
औ’ आग  पेट की  भूल चलो।।

        इन  बच्चों   को  स्कूलों   में,
        जो मिले  दोपहर का भोजन।
        ढेरों   आयें,  मन   लगा  पढ़ें,
        शिक्षा पे  व्यर्थ न होवे  धन।।

तन-मन से स्वस्थ  यही बच्चे,
लड़      पायेंगे     बीमारी     से।
सम्पदा    बनेंगे    भारत    की;
शिक्षित;  विमुक्त   लाचारी  से।।

        अच्छी    विद्या     ये     सीखेंगे,
        उत्तम   भोजन  से   हो  पोषित।
        होंगे तन-मन से स्वस्थ,सबल,
        कोई   न  सकेगा  कर  शोषित ।।
               
इस  बाल-दिवस पर  मंचो से।
लफ़्फाजी    होगी   बार - बार।
जयकारों  से  घिर ,  नेतागण,
भाषण     उगलेंगे    लगातार।।

        मंचों     से    प्रवचन    उछलेंगे,
        औ’  बुद्धिजीवियों   के   विचार।
        द्यड़ियाली      ऑसू       टपकेंगे,
        बच्चों   के   हित  में   लगातार।।

इस    राजनीति     के    होवेंगे,
लेकिन फिर से बच्चे , शिकार।
कोई      नेता ,     कोई     मंत्री,
ऐ  काश !  कि,  होता  शर्मसार।।
                         *
- See more at: http://arunmishra-rashmirekh.blogspot.in/2010/11/blog-post_14.html#sthash.k565bUEG.dpuf
Logged
F.H.SIDDIQUI
Guest
«Reply #1 on: November 15, 2013, 02:13:20 AM »
Reply with quote
Bal Diwas ke avsar par bahut khubsurat peshkash hai Mishra saheb. Waqai hamaaredesh ke bachhe Bharat ka dil aur iska mustaqbil hain. Inke nutrition aur personality development ki zimmedaari hum par hai . Mulk ke mustaqbil ki khubsurat tasweer tabhi banegi jab yeh bachhe swasth aur shikshit honge . aapko is ppeshkash par bahut daad aur mubarakbad.
Logged
Sudhir Ashq
Khususi Shayar
*****

Rau: 108
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
16 days, 19 hours and 27 minutes.

Posts: 1813
Member Since: Feb 2013


View Profile WWW
«Reply #2 on: November 15, 2013, 02:18:01 AM »
Reply with quote
   
        : वेदना :

ये   बच्चे ,  प्यारे   बच्चे  हैं।
ऑखो   के   तारे   बच्चे   हैं।
ये  बच्चे  फूल हैं  बगिया के।
ये    राजदुलारे    बच्चे    हैं।।

        ये  बच्चे, भारत  के  दिल  हैं।
        ये  भारत के  मुस्तक़बिल हैं।
        कुछ   इनमें   नंगे - भूखे   हैं।
        कुछ   बच्चे   सूखे - सूखे   हैं।।

ये  कमखुराक़ के  हैं  शिकार ।
हम  कहें   इन्हें,  स्कूल  चलो।
तुम  कठिन पहाड़े  याद करो।
औ’ आग  पेट की  भूल चलो।।

        इन  बच्चों   को  स्कूलों   में,
        जो मिले  दोपहर का भोजन।
        ढेरों   आयें,  मन   लगा  पढ़ें,
        शिक्षा पे  व्यर्थ न होवे  धन।।

तन-मन से स्वस्थ  यही बच्चे,
लड़      पायेंगे     बीमारी     से।
सम्पदा    बनेंगे    भारत    की;
शिक्षित;  विमुक्त   लाचारी  से।।

        अच्छी    विद्या     ये     सीखेंगे,
        उत्तम   भोजन  से   हो  पोषित।
        होंगे तन-मन से स्वस्थ,सबल,
        कोई   न  सकेगा  कर  शोषित ।।
इस  बाल-दिवस पर  मंचो से।
लफ़्फाजी    होगी   बार - बार।
जयकारों  से  घिर ,  नेतागण,
भाषण     उगलेंगे    लगातार।।

        मंचों     से    प्रवचन    उछलेंगे,
        औ’  बुद्धिजीवियों   के   विचार।
        द्यड़ियाली      ऑसू       टपकेंगे,
        बच्चों   के   हित  में   लगातार।।

इस    राजनीति     के    होवेंगे,
लेकिन फिर से बच्चे , शिकार।
कोई      नेता ,     कोई     मंत्री,
ऐ  काश !  कि,  होता  शर्मसार।।
 Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause

Wah,Wah,Waaaaaaaaaaaaaaaaaaaah Mishra ji,Bahut khoobsurat peshkash hai.Meri dili mubarakbaad qabool kijiye.
Logged
zarraa
Yoindian Shayar
******

Rau: 100
Offline Offline

Waqt Bitaya:
8 days, 7 hours and 33 minutes.
Posts: 2251
Member Since: May 2012


View Profile
«Reply #3 on: November 15, 2013, 03:32:24 AM »
Reply with quote
hridaysparshi aur vichaarottejak rachna par dheron daad Arun ji

 Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause
Logged
sksaini4
Ustaad ae Shayari
*****

Rau: 853
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
112 days, 8 hours and 51 minutes.
Posts: 36414
Member Since: Apr 2011


View Profile
«Reply #4 on: November 15, 2013, 08:10:05 AM »
Reply with quote
Ati sunder waah waah
Logged
Saman Firdaus
Guest
«Reply #5 on: November 15, 2013, 04:39:40 PM »
Reply with quote
Thnkuuu.... Applause Applause
Logged
aqsh
Guest
«Reply #6 on: November 16, 2013, 04:00:07 PM »
Reply with quote
 Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause
Bahut hi umda peshkash Arun Mishra ji... hazaron dili daad qubool kijiyega...
Logged
mkv
Guest
«Reply #7 on: November 16, 2013, 07:02:54 PM »
Reply with quote
Namaste Sir
Bal divas ke uplakshya men likhi is sundar kavita par bahut bahut badhai.
saadar
Logged
Pages: [1]
ReplyPrint
Jump to:  

+ Quick Reply
With a Quick-Reply you can use bulletin board code and smileys as you would in a normal post, but much more conveniently.


Get Yoindia Updates in Email.

Enter your email address:

Ask any question to expert on eTI community..
Welcome, Guest. Please login or register.
Did you miss your activation email?
November 21, 2024, 05:19:22 PM

Login with username, password and session length
Recent Replies
[November 21, 2024, 09:01:29 AM]

[November 16, 2024, 11:44:41 AM]

by Michaelraw
[November 13, 2024, 12:59:11 PM]

[November 08, 2024, 09:59:54 AM]

[November 07, 2024, 01:56:50 PM]

[November 07, 2024, 01:55:03 PM]

[November 07, 2024, 01:52:40 PM]

[November 07, 2024, 01:51:59 PM]

[October 30, 2024, 05:13:27 AM]

by ASIF
[October 29, 2024, 07:57:46 AM]
Yoindia Shayariadab Copyright © MGCyber Group All Rights Reserved
Terms of Use| Privacy Policy Powered by PHP MySQL SMF© Simple Machines LLC
Page created in 0.122 seconds with 24 queries.
[x] Join now community of 8506 Real Poets and poetry admirer