मुस्कान....*उषा राजेश

by usha rajesh on September 08, 2011, 02:46:00 PM
Pages: [1]
ReplyPrint
Author  (Read 1139 times)
usha rajesh
Guest
Reply with quote

कल दिल्ली हाई कोर्ट के सामने हुए धमाके में मृत और घायल लोगों के परिवार वालों को समर्पित:

मैं हिंदू, तू मुसलमान, यह सिक्ख है, वह ख्रिस्तान
मैं राजू , तू रहमान, यह बलविंदर, वह है जॉन
फर्क बता क्या मुझमें-तुझमें, इसमें या उसमें
रंग लहू का सबका लाल, जिस्म में सबके नन्हीं जान
मैं भी एक इंसान हूँ प्यारे, तू भी एक इंसान
यह  भी एक इंसान, और है वह भी एक इंसान


क्या हुआ गर; वह कहे प्रेयर, यह टेके मत्था
मैं करूँ पूजा, और तू दे शुबहो – शाम अजान
दीवाली अधूरी अली बिन, राम बिना रमजान
मालिक सबका एक है प्यारे, दे दो चाहे कोई नाम  
वह कहे गॉड, यह वाहेगुरु, मैं राम और तू रहमान
 


मैं भी एक इंसान हूँ प्यारे, तू भी एक इंसान
यह भी एक इंसान, और है वह भी एक इंसान


ए, बी, सी, डी सबने पढ़ लिया बहुत
गर प्रेम का ढाई आखर पढ़ लें अब
समझ जायेंगे शायद हम सब
दिल से मिले दिल - तो बनता है घर, वरना
जहाँ यह रहता वो भी एक मकान
जहाँ रहता वह; वो भी एक मकान
जहाँ तू रहता वो भी एक मकान  
और जहाँ रहता मैं; वो भी एक मकान


मैं भी एक इंसान हूँ प्यारे, तू भी एक इंसान
यह भी एक इंसान, और है वह भी एक इंसान


ये मेरा है वो तेरा है, बेकार का है सब झगडा  
आखिर में दो गज ज़मी चाहिए
मुझको, तुझको, इसको और उसको  
मंजिल मेरी भी कब्रिस्तान
मंजिल तेरी भी कब्रिस्तान
मंजिल इसकी भी कब्रिस्तान
और मंजिल उसकी भी कब्रिस्तान


मैं भी एक इंसान हूँ प्यारे, तू भी एक इंसान
यह भी एक इंसान, और है वह भी एक इंसान


आओ मिटा दें नफरत, बंद करें ये दहशत
नहीं चाहिए तोपें गोले, न असला न बारूद
सारा जहॉ फतह करने को प्यारे, काफी है    
तेरी एक
मुस्कान, मेरी एक मुस्कान
इसकी एक मुस्कान, और उसकी एक मुस्कान

                        
                      ----- उषा राजेश
Logged
MANOJ6568
Khaas Shayar
**

Rau: 31
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
42 days, 19 hours and 59 minutes.

Astrologer & Shayer

Posts: 12017
Member Since: Feb 2010


View Profile
«Reply #1 on: September 08, 2011, 06:15:17 PM »
Reply with quote
kab mitega a khuda ye maut ka sila
kab tak kare hum auro se iska gila
barosa karke  sarkaar pe kya hai mila
bhaichare ka phool na ab tak hai khila

bahut khub
Quote from: usha rajesh link=t kare opic=67493.msg1154690#msg1154690 date=1315493160

कल दिल्ली हाई कोर्ट के सामने हुए धमाके में मृत और घायल लोगों के परिवार वालों को समर्पित:

मैं हिंदू, तू मुसलमान, यह सिक्ख है, वह ख्रिस्तान
मैं राजू , तू रहमान, यह बलविंदर, वह है जॉन
फर्क बता क्या मुझमें-तुझमें, इसमें या उसमें
रंग लहू का सबका लाल, जिस्म में सबके नन्हीं जान
मैं भी एक इंसान हूँ प्यारे, तू भी एक इंसान
यह  भी एक इंसान, और है वह भी एक इंसान


क्या हुआ गर; वह कहे प्रेयर, यह टेके मत्था
मैं करूँ पूजा, और तू दे शुबहो – शाम अजान
दीवाली अधूरी अली बिन, राम बिना रमजान
मालिक सबका एक है प्यारे, दे दो चाहे कोई नाम 
वह कहे गॉड, यह वाहेगुरु, मैं राम और तू रहमान
   


मैं भी एक इंसान हूँ प्यारे, तू भी एक इंसान
यह भी एक इंसान, और है वह भी एक इंसान


ए, बी, सी, डी सबने पढ़ लिया बहुत
गर प्रेम का ढाई आखर पढ़ लें अब
समझ जायेंगे शायद हम सब
दिल से मिले दिल - तो बनता है घर, वरना
जहाँ यह रहता वो भी एक मकान
जहाँ रहता वह; वो भी एक मकान
जहाँ तू रहता वो भी एक मकान 
और जहाँ रहता मैं; वो भी एक मकान


मैं भी एक इंसान हूँ प्यारे, तू भी एक इंसान
यह भी एक इंसान, और है वह भी एक इंसान


ये मेरा है वो तेरा है, बेकार का है सब झगडा 
आखिर में दो गज ज़मी चाहिए
मुझको, तुझको, इसको और उसको 
मंजिल मेरी भी कब्रिस्तान
मंजिल तेरी भी कब्रिस्तान
मंजिल इसकी भी कब्रिस्तान
और मंजिल उसकी भी कब्रिस्तान


मैं भी एक इंसान हूँ प्यारे, तू भी एक इंसान
यह भी एक इंसान, और है वह भी एक इंसान


आओ मिटा दें नफरत, बंद करें ये दहशत
नहीं चाहिए तोपें गोले, न असला न बारूद
सारा जहॉ फतह करने को प्यारे, काफी है     
तेरी एक
मुस्कान, मेरी एक मुस्कान
इसकी एक मुस्कान, और उसकी एक मुस्कान

                       
                      ----- उषा राजेश

Logged
usha rajesh
Guest
«Reply #2 on: September 09, 2011, 02:10:37 AM »
Reply with quote
 Manoj ji.

 bahut khubsurat khayalat pesh kiye hain apne in chaar panktiyon mein.

 Tarif ka shukriya.
Logged
MANOJ6568
Khaas Shayar
**

Rau: 31
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
42 days, 19 hours and 59 minutes.

Astrologer & Shayer

Posts: 12017
Member Since: Feb 2010


View Profile
«Reply #3 on: September 09, 2011, 02:43:16 AM »
Reply with quote
thanks
Manoj ji.

 bahut khubsurat khayalat pesh kiye hain apne in chaar panktiyon mein.

 Tarif ka shukriya.

Logged
khwahish
WeCare
Khaas Shayar
**

Rau: 166
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
272 days, 6 hours and 11 minutes.

Posts: 11814
Member Since: Sep 2006


View Profile
«Reply #4 on: September 09, 2011, 06:52:46 AM »
Reply with quote

कल दिल्ली हाई कोर्ट के सामने हुए धमाके में मृत और घायल लोगों के परिवार वालों को समर्पित:

मैं हिंदू, तू मुसलमान, यह सिक्ख है, वह ख्रिस्तान
मैं राजू , तू रहमान, यह बलविंदर, वह है जॉन
फर्क बता क्या मुझमें-तुझमें, इसमें या उसमें
रंग लहू का सबका लाल, जिस्म में सबके नन्हीं जान
मैं भी एक इंसान हूँ प्यारे, तू भी एक इंसान
यह  भी एक इंसान, और है वह भी एक इंसान


क्या हुआ गर; वह कहे प्रेयर, यह टेके मत्था
मैं करूँ पूजा, और तू दे शुबहो – शाम अजान
दीवाली अधूरी अली बिन, राम बिना रमजान
मालिक सबका एक है प्यारे, दे दो चाहे कोई नाम  
वह कहे गॉड, यह वाहेगुरु, मैं राम और तू रहमान
 


मैं भी एक इंसान हूँ प्यारे, तू भी एक इंसान
यह भी एक इंसान, और है वह भी एक इंसान


ए, बी, सी, डी सबने पढ़ लिया बहुत
गर प्रेम का ढाई आखर पढ़ लें अब
समझ जायेंगे शायद हम सब
दिल से मिले दिल - तो बनता है घर, वरना
जहाँ यह रहता वो भी एक मकान
जहाँ रहता वह; वो भी एक मकान
जहाँ तू रहता वो भी एक मकान  
और जहाँ रहता मैं; वो भी एक मकान


मैं भी एक इंसान हूँ प्यारे, तू भी एक इंसान
यह भी एक इंसान, और है वह भी एक इंसान


ये मेरा है वो तेरा है, बेकार का है सब झगडा  
आखिर में दो गज ज़मी चाहिए
मुझको, तुझको, इसको और उसको  
मंजिल मेरी भी कब्रिस्तान
मंजिल तेरी भी कब्रिस्तान
मंजिल इसकी भी कब्रिस्तान
और मंजिल उसकी भी कब्रिस्तान


मैं भी एक इंसान हूँ प्यारे, तू भी एक इंसान
यह भी एक इंसान, और है वह भी एक इंसान


आओ मिटा दें नफरत, बंद करें ये दहशत
नहीं चाहिए तोपें गोले, न असला न बारूद
सारा जहॉ फतह करने को प्यारे, काफी है    
तेरी एक
मुस्कान, मेरी एक मुस्कान
इसकी एक मुस्कान, और उसकी एक मुस्कान

                        
                      ----- उषा राजेश


Justttt Excellent!!! Poetry At It's Best...

Bahut Bahut Khoooob Usha Ji..Aapne Jitni Achi Tarah iss Kavita Ke zariye Har Ek Ko samjhaya Hai Kaash Hum Sab Inn Baaton Ko Samaj Sake..Aapki Yeh kavita Dil Ko zaroor Chhuti Hai..Dil Se Daad Iss Kavita Par..

 Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley
Logged
usha rajesh
Guest
«Reply #5 on: September 09, 2011, 07:22:18 AM »
Reply with quote
 

 Khwaish ji,

 Thank u so much.
Logged
Satish Shukla
Khususi Shayar
*****

Rau: 51
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
25 days, 6 hours and 16 minutes.

Posts: 1862
Member Since: Apr 2011


View Profile
«Reply #6 on: September 09, 2011, 11:54:57 AM »
Reply with quote

usha rajesh ji,

Waah kya haqeeqat bayaani hai
aur woh bhi itni jaldi.

Satish Shukla 'Raqeeb'
Logged
ParwaaZ
Guest
«Reply #7 on: September 09, 2011, 12:08:32 PM »
Reply with quote
Usha Jee Aadaab!

Waah waah waah kia kahne aapke... jawaab nahi aapke is
kalaam ka.. behad umdaa bahut khoob...

Aapne behad achche se bayaaN kiya hai puri kalaam ko just
mindblowing jee... 

 Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause

  Hats off to you!

Likhate rahiye.. Aate rahiye... Khush O aabaad rahiye
Khudaa Hafez        

Logged
usha rajesh
Guest
«Reply #8 on: September 09, 2011, 04:15:31 PM »
Reply with quote

 Manoj ji, Khwaish ji, Raqeeb ji aur Parwaz ji,

     Shabdon mein badi taqat hoti hai. Logon ko shabdo ke madhyam se jodne ki ek 
  koshish  ki hai.

  Agar ek insan bhi achchi tarah in shabdo ki gahrai samajh saka aur apne vicharo 
  ko is disha mein dhaal saka to main samjhoongi ki meri koshish kamyab hui.
 

  Aap logon ne apna keemati samay dekar kavita ko padha aur saraaha iske liye 
  tahedil se bahut bahut shukriya.
Logged
adil bechain
Umda Shayar
*

Rau: 161
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
31 days, 18 hours and 24 minutes.

Posts: 6552
Member Since: Mar 2009


View Profile
«Reply #9 on: September 10, 2011, 09:29:53 AM »
Reply with quote

कल दिल्ली हाई कोर्ट के सामने हुए धमाके में मृत और घायल लोगों के परिवार वालों को समर्पित:

मैं हिंदू, तू मुसलमान, यह सिक्ख है, वह ख्रिस्तान
मैं राजू , तू रहमान, यह बलविंदर, वह है जॉन
फर्क बता क्या मुझमें-तुझमें, इसमें या उसमें
रंग लहू का सबका लाल, जिस्म में सबके नन्हीं जान
मैं भी एक इंसान हूँ प्यारे, तू भी एक इंसान
यह  भी एक इंसान, और है वह भी एक इंसान


क्या हुआ गर; वह कहे प्रेयर, यह टेके मत्था
मैं करूँ पूजा, और तू दे शुबहो – शाम अजान
दीवाली अधूरी अली बिन, राम बिना रमजान
मालिक सबका एक है प्यारे, दे दो चाहे कोई नाम 
वह कहे गॉड, यह वाहेगुरु, मैं राम और तू रहमान
   


मैं भी एक इंसान हूँ प्यारे, तू भी एक इंसान
यह भी एक इंसान, और है वह भी एक इंसान


ए, बी, सी, डी सबने पढ़ लिया बहुत
गर प्रेम का ढाई आखर पढ़ लें अब
समझ जायेंगे शायद हम सब
दिल से मिले दिल - तो बनता है घर, वरना
जहाँ यह रहता वो भी एक मकान
जहाँ रहता वह; वो भी एक मकान
जहाँ तू रहता वो भी एक मकान 
और जहाँ रहता मैं; वो भी एक मकान


मैं भी एक इंसान हूँ प्यारे, तू भी एक इंसान
यह भी एक इंसान, और है वह भी एक इंसान


ये मेरा है वो तेरा है, बेकार का है सब झगडा 
आखिर में दो गज ज़मी चाहिए
मुझको, तुझको, इसको और उसको 
मंजिल मेरी भी कब्रिस्तान
मंजिल तेरी भी कब्रिस्तान
मंजिल इसकी भी कब्रिस्तान
और मंजिल उसकी भी कब्रिस्तान


मैं भी एक इंसान हूँ प्यारे, तू भी एक इंसान
यह भी एक इंसान, और है वह भी एक इंसान


आओ मिटा दें नफरत, बंद करें ये दहशत
नहीं चाहिए तोपें गोले, न असला न बारूद
सारा जहॉ फतह करने को प्यारे, काफी है     
तेरी एक
मुस्कान, मेरी एक मुस्कान
इसकी एक मुस्कान, और उसकी एक मुस्कान

                       
                      ----- उषा राजेश


waaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaa aah
waaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaa aaah
waaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaa aaaaaah

waaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaa aaaaaaaaaaaaaah



 Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley
Logged
usha rajesh
Guest
«Reply #10 on: September 10, 2011, 04:52:02 PM »
Reply with quote
 
 Adil ji,

 Apka bahut bahut shukriya
Logged
mkv
Guest
«Reply #11 on: October 13, 2011, 06:44:27 AM »
Reply with quote
Usha ji
mai apke jajbe ko salaam karta hu.
vo insaan hi kya jiske seene par in lamhaat ka asar na ho. aur jab dhadkan ki raftaar badalti hai to udgaar apne aap bahar aate hai.

Logged
usha rajesh
Guest
«Reply #12 on: October 13, 2011, 06:56:55 AM »
Reply with quote
mkv ji,
Thank you so much
Logged
Pages: [1]
ReplyPrint
Jump to:  

+ Quick Reply
With a Quick-Reply you can use bulletin board code and smileys as you would in a normal post, but much more conveniently.


Get Yoindia Updates in Email.

Enter your email address:

Ask any question to expert on eTI community..
Welcome, Guest. Please login or register.
Did you miss your activation email?
November 21, 2024, 05:26:56 PM

Login with username, password and session length
Recent Replies
[November 21, 2024, 09:01:29 AM]

[November 16, 2024, 11:44:41 AM]

by Michaelraw
[November 13, 2024, 12:59:11 PM]

[November 08, 2024, 09:59:54 AM]

[November 07, 2024, 01:56:50 PM]

[November 07, 2024, 01:55:03 PM]

[November 07, 2024, 01:52:40 PM]

[November 07, 2024, 01:51:59 PM]

[October 30, 2024, 05:13:27 AM]

by ASIF
[October 29, 2024, 07:57:46 AM]
Yoindia Shayariadab Copyright © MGCyber Group All Rights Reserved
Terms of Use| Privacy Policy Powered by PHP MySQL SMF© Simple Machines LLC
Page created in 0.138 seconds with 21 queries.
[x] Join now community of 8506 Real Poets and poetry admirer