yok55555
Guest
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क्यू ? क्यू मेरा बेचैन है तुम्हारे बिना ,क्यू तुम मेरे लिए अपनी आँखों को रुलाते हो क्यू तुम ममुझे हमेसा सताते हो ,तुम मुझे क्या देना और क्या छिनना चाहते हो ,क्यू मेरे मन की धरती तुम्हारे मन क अम्बर से मिलने को बेकरार है , क्यू मेरा दिन तुम्हे देखे बिना बेकार है . क्यूँ मेरे दिन की सुरुवात तुम से होती है क्यू तुम्हारा ख्याल जाता नहीं है ..... क्यू तुम्हे देख कर मै कही खो जता हूँ क्यू तुम्हारी आँखों को मै निहारता रहता हूँ , क्यू तुम चुप रह कर मुझे सब कुछ बता जाती हो . क्यू तुम मुझ से अपनी आँखों को चुराती हो ... क्यू तुम हस्ते हस्ते चुप हो जाती हो ...... मै जनता हूँ तुम वो बरसात हो और मै पपीहा हु, क्या मै तुम्हे खो क पा सकूँगा , हा मै कुबूल करता हु की तुम्हे जानने क लिए मै झूट बोलता हूँ मै आज तुम को बताता हु जिस लड़की कीहमेसा तुम्हारे सामने चर्चा करता हु वो कही है ही नहीं वो मेरी कल्पना है ,तुमने सोचा होगा कुछ जब मैंने अपनी तस्वीर उस लड़की क साथ दिखाई थी ,पर मै तुम हो अपने से कुछ दूर करना चाहता हु ,ओंर वो तस्वीर तो झूट थी ,हा मैने तुम्हे दुःख दिया पर ये तुम्हारे जीवन क लिए अच्छा था ,तुम्हे जो मिला है वो मुजह से बेहतर है ,मै जनता हु वो काबिल है , मेरा क्या मै तो तनहा सफर में चला था तनहा ही रह गया ,,,,,, हा बस तुमको जिंदगी से दूर कर रहा हु की तुम खुस रहो मुझे भूल जाओ ,,
हा बस याद रखना की मै तुम्हे मिला था और कही खो गया पर एक दरख्वास है तुम से मुझे कभी बेवफा मत कहना क्यू की मैंने वफ़ा ही की है ,
आज भी मुजहे याद है जब तुम मुझे मिले थे और मुजहे लगा था की मेरी जीवन संगिनी तुम ही बनोगी ,पर कुदरत को कहा रहम था मझा पर , तुम मिलने से पहले खो गए ,,,,,,,,,,, मै तुम से कभी जो मिलूं तो नजरे मत मिलाना क्यू की दिल का गम चाक जाये गा ,,,,,,,,, हा बस इतना कहना चाता हु गर कोई ,कभी मेरा नाम जुबान पर मत आने देना क्युकी जब तुम नाम लोगी तो मेरा दिल तुम्हारी याद में सो न सकेगा ,,,,,,,,,,,, जाओ चली जाओ उस दुनिया में जहा तुम खुस रहो ............
क्यू की चाँद तारे है असमान के लिए ......... पत्त्थर तो धरती की नसीब में है ....... पर याद रखना भले झुटा समज कर ...... दिल तो हमेसा तेरे करीब में है ......
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