अब नही वहाँ लगते मेले चुहल के .........Geet By Shayar , Kavi Deepak Sharma

by kavyadharateam on October 08, 2008, 07:27:45 AM
Pages: [1]
Print
Author  (Read 1047 times)
kavyadharateam
Guest
सागर के तीर पर रेत के मैंने और तुमने
जो घरोंदे स्नेह के बनाये थे कभी
नयनों में अपने कल्पनाओं के दीपक
साथ मिलकर जिस जगह जलाए थे कभी
अब वहाँ कुछ भी नज़र आता नहीं
बस टूटती लहरों के साए दिखते हैं ॥

कुछ पथिक , कुछ लहरों के कदमों तले
स्वप्न सारे रेत ही रेत में मिल गए
राउंड कर घर निर्दयी पग के कारवां
काफिलों के रूप धर दूर निकल गए
गीत अब माँझी अब वहाँ गाता नहीं
बस दिल तड़पता है और अश्रु चीखते हैं ॥

अब नही वो अठखेलियाँ जिसकी फिजा में
आवाज मेरी आरजू की गूंजती थी
अब नही वहाँ लगते मेले चुहल के
जिनकी ज़िन्दगी कल बेफीक्र सी जहाँ घुमती थी
अब पाँव लहरों में वहाँ कोई भिगोता नहीं
बस लहरें टकराती हैं और पत्थर भीगते हैं ॥

दरख्त भी ख़ामोश से उजड़े से खड़े हैं
छाँव में जहाँ की कभी बैठे थे हम तुम
घास जो चुभती थी बदन में मखमल सी
अब आँख बंद करके वहां खड़ी है गुमसुम
तिनका कोई तोड़ के मूहँ में रखता नहीं
बस सीना उस जगह के पैर रौंदते हैं ॥
Posted By Kavyadhara Team
For (Kavi Deepak Sharma)

Logged
power -punch
New Member


Rau: 0
Offline Offline

Waqt Bitaya:
3 hours and 29 minutes.
Posts: 11
Member Since: Mar 2008


View Profile
«Reply #1 on: July 29, 2009, 08:37:58 PM »
Bahot achcha likha aapne ...... Thumbs UP
Logged
Pages: [1]
Print
Jump to:  


Get Yoindia Updates in Email.

Enter your email address:

Ask any question to expert on eTI community..
Welcome, Guest. Please login or register.
Did you miss your activation email?
December 22, 2024, 12:59:00 PM

Login with username, password and session length
Recent Replies
[December 19, 2024, 08:27:42 AM]

[December 17, 2024, 08:39:55 AM]

[December 15, 2024, 06:04:49 AM]

[December 13, 2024, 06:54:09 AM]

[December 10, 2024, 08:23:12 AM]

[December 10, 2024, 08:22:15 AM]

by Arif Uddin
[December 03, 2024, 07:06:48 PM]

[November 26, 2024, 08:47:05 AM]

[November 21, 2024, 09:01:29 AM]

[November 16, 2024, 11:44:41 AM]
Yoindia Shayariadab Copyright © MGCyber Group All Rights Reserved
Terms of Use| Privacy Policy Powered by PHP MySQL SMF© Simple Machines LLC
Page created in 0.092 seconds with 26 queries.
[x] Join now community of 8508 Real Poets and poetry admirer