उतरा इश्क का बुखार

by nandbahu on September 22, 2019, 03:49:40 PM
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nandbahu
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आज एक ज्योतिष से मुलाकात हो गई,
उसने मुझे रोका और एक बात पूछ ली।
मस्तक की शिकन तुम्हारी कुछ कहती है,
आंखों की नमी कुछ बयां करती है।
लगता है किसी से धोखा खाये हो,
बेवफा इश्क में मार खाये हो।
लो एक ताबीज तुम्हे देता हूँ,
बाजू में बांधना एक मंत्र देता हूँ।
माशूका न चली आये तो कहना,
गले से न लिपटे तो मेरा नाम बदल देना।
ताबीज पहने पहुँचे हम उसके घर,
दिल में आशा लिए खड़े थे घर के बाहर।
अचानक दरवाजा खुला निकला कोई झपटते,
उसका कुत्ता निकला घर से दहाड़ते।
हम भागे उसके घर से गिरते पड़ते,
होश आया अस्पताल के बिस्तर में लेटे।
बदन जख्मों से लाल था कपड़े थे फटे,
दस इन्जेक्शन बाकी थे  चार थे  लगे।
ताबीज उतार के हमने हैं फेंका,
इश्क़ का बुखार मानो है उतरा।
कसम खाई तबसे कुंवारे ही रहेंगे,
कन्या कुमारी को मुड़ के ना देखेंगे।
अब सबको तबसे यही मन्त्र देते हैं,
दूर रहना इश्क़ से यही बतलाते हैं।
ज्योतिष को ढूंढ रहे हैं हम तब से,
राम नाम उसका सत करने को घूमे बावले से।
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«Reply #1 on: September 25, 2019, 07:39:02 AM »
आज एक ज्योतिष से मुलाकात हो गई,
उसने मुझे रोका और एक बात पूछ ली।
मस्तक की शिकन तुम्हारी कुछ कहती है,
आंखों की नमी कुछ बयां करती है।
लगता है किसी से धोखा खाये हो,
बेवफा इश्क में मार खाये हो।
लो एक ताबीज तुम्हे देता हूँ,
बाजू में बांधना एक मंत्र देता हूँ।
माशूका न चली आये तो कहना,
गले से न लिपटे तो मेरा नाम बदल देना।
ताबीज पहने पहुँचे हम उसके घर,
दिल में आशा लिए खड़े थे घर के बाहर।
अचानक दरवाजा खुला निकला कोई झपटते,
उसका कुत्ता निकला घर से दहाड़ते।
हम भागे उसके घर से गिरते पड़ते,
होश आया अस्पताल के बिस्तर में लेटे।
बदन जख्मों से लाल था कपड़े थे फटे,
दस इन्जेक्शन बाकी थे  चार थे  लगे।
ताबीज उतार के हमने हैं फेंका,
इश्क़ का बुखार मानो है उतरा।
कसम खाई तबसे कुंवारे ही रहेंगे,
कन्या कुमारी को मुड़ के ना देखेंगे।
अब सबको तबसे यही मन्त्र देते हैं,
दूर रहना इश्क़ से यही बतलाते हैं।
ज्योतिष को ढूंढ रहे हैं हम तब से,
राम नाम उसका सत करने को घूमे बावले से।
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nandbahu
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«Reply #2 on: September 25, 2019, 12:38:05 PM »
धन्यवाद भाई जी
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«Reply #3 on: June 02, 2020, 12:26:31 PM »
Sir ji aate rahiye aur Yoindia ke raonakh badhate rahiye Usual Smile
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nandbahu
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«Reply #4 on: June 29, 2020, 10:18:12 AM »
Sir ji aate rahiye aur Yoindia ke raonakh badhate rahiye :)धन्यवाद
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«Reply #5 on: June 29, 2020, 01:38:40 PM »
आज एक ज्योतिष से मुलाकात हो गई,
उसने मुझे रोका और एक बात पूछ ली।
मस्तक की शिकन तुम्हारी कुछ कहती है,
आंखों की नमी कुछ बयां करती है।
लगता है किसी से धोखा खाये हो,
बेवफा इश्क में मार खाये हो।
लो एक ताबीज तुम्हे देता हूँ,
बाजू में बांधना एक मंत्र देता हूँ।
माशूका न चली आये तो कहना,
गले से न लिपटे तो मेरा नाम बदल देना।
ताबीज पहने पहुँचे हम उसके घर,
दिल में आशा लिए खड़े थे घर के बाहर।
अचानक दरवाजा खुला निकला कोई झपटते,
उसका कुत्ता निकला घर से दहाड़ते।
हम भागे उसके घर से गिरते पड़ते,
होश आया अस्पताल के बिस्तर में लेटे।
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ताबीज उतार के हमने हैं फेंका,
इश्क़ का बुखार मानो है उतरा।
कसम खाई तबसे कुंवारे ही रहेंगे,
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अब सबको तबसे यही मन्त्र देते हैं,
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«Reply #6 on: July 14, 2020, 12:56:58 AM »
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धन्यवाद भाई जी
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