एक हसीना

by shiken on November 19, 2009, 07:54:16 PM
Pages: [1]
Print
Author  (Read 831 times)
shiken
Guest
एक हसीना

ना पूछो मेरे यारो, क्यों मेरा दिल टूटा है...
एक हसीना ने लूटा है.

खाई थी कसम ना मुकरेंगे, हम अपने पक्के वादों से,
कुछ करले जहां ना बदलेंगे, अपने मजबूत इरादों से,
खाई थी कसम, इस बात से. धरती, सूरज, दिन रात से,
लो प्यार के हर जज्बात से, वो मुकर गया हर बात से,

ना करना यकीं तुमे वादों का, हर वादा इनका झूठा है...
एक हसीना ने लूटा है.


देखो तो सनम के चेहरे को, बिखरी है उसकी लट काली,
इन गोरे-गोरे गलों पे,  छाई है गुस्से की लाली,
उन्हें प्यार पे गुस्सा आता है, हमें गुस्से पे प्यार आता है,
दिल यार को पास बुलाता है, और उसको बहुत मनाता है,

क्या कहना हसीं मेरे यार का, ख़ता करके जो रूठा है...
एक हसीना ने लूटा है.


एक वख्त था सारी दुनियां ये, लगती थी हमको बहुत हसीं,
कह राह से गुज़र जाने का, हमको था खुद पर पूरा यकीं,
फिर आया एक दिन वो ऐसा, कुछ रहा नहीं पहले जैसा,
सुख चैन मेरा गया पैसा, ये मैंने रोग लिया कैसा,

जबसे हुआ है प्यार मुझे, खुशियों से साथ मेरा छूटा है...
एक हसीना ने लूटा है.


*************************************

Please visit my site www.shiken.in for more
Logged
Rishi Agarwal
Guest
«Reply #1 on: November 20, 2009, 11:58:50 AM »
Nice
Logged
Pages: [1]
Print
Jump to:  


Get Yoindia Updates in Email.

Enter your email address:

Ask any question to expert on eTI community..
Welcome, Guest. Please login or register.
Did you miss your activation email?
November 21, 2024, 05:49:09 PM

Login with username, password and session length
Recent Replies
[November 21, 2024, 09:01:29 AM]

[November 16, 2024, 11:44:41 AM]

by Michaelraw
[November 13, 2024, 12:59:11 PM]

[November 08, 2024, 09:59:54 AM]

[November 07, 2024, 01:56:50 PM]

[November 07, 2024, 01:55:03 PM]

[November 07, 2024, 01:52:40 PM]

[November 07, 2024, 01:51:59 PM]

[October 30, 2024, 05:13:27 AM]

by ASIF
[October 29, 2024, 07:57:46 AM]
Yoindia Shayariadab Copyright © MGCyber Group All Rights Reserved
Terms of Use| Privacy Policy Powered by PHP MySQL SMF© Simple Machines LLC
Page created in 1.364 seconds with 23 queries.
[x] Join now community of 8506 Real Poets and poetry admirer