SURESH SANGWAN
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क्या पाएगा मंज़िल जो अभी चला भी नहीं कुछ कर गुजरूंगी ऐसा कभी लगा भी नहीं
देखी हैं बहुत इसने आसमाँ की बुलंदियाँ परिंदा सफ़र पसंद है कहीं पर रुका भी नहीं
जो कहा नहीं तूने हाँ मैने वो भी किया हालात का बहाना तो कभी किया भी नहीं
हुनर हर जगह अपनी इज़्ज़त बना ही लेगा ना सोचो पाठशाला तो ये गया भी नहीं
वक़्त की दौलत कभी लौटकर ना आयेगी फिर ना कहना ज़िंदगी तो में जीया ही नहीं
दर्द में भी गर चाहो सुख तो हँसना सीखो खुश मिज़ाजो के साथ ग़म कभी रहा भी नहीं
बार- बार जो रूठेगी तो कौन मनाएगा ऐसी तो कोई तुझमें 'सरु' अदा भी नहीं
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Iftakhar Ahmad
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«Reply #1 on: January 02, 2014, 01:35:17 AM » |
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waah waah bahut khoob Saru jee, khaas taur pe ye ashaar bahut achhe lage:
देखी हैं बहुत इसने आसमाँ की बुलंदियाँ परिंदा सफ़र पसंद है कहीं पर रुका भी नहीं
हुनर हर जगह अपनी इज़्ज़त बना ही लेगा ना सोचो पाठशाला तो ये गया भी नहीं
बार- बार जो रूठेगी तो कौन मनाएगा ऐसी तो कोई तुझमें 'सरु' अदा भी नहीं
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SURESH SANGWAN
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«Reply #2 on: January 02, 2014, 02:00:04 AM » |
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thanks a lot Iftakhar ji waah waah bahut khoob Saru jee, khaas taur pe ye ashaar bahut achhe lage:
देखी हैं बहुत इसने आसमाँ की बुलंदियाँ परिंदा सफ़र पसंद है कहीं पर रुका भी नहीं
हुनर हर जगह अपनी इज़्ज़त बना ही लेगा ना सोचो पाठशाला तो ये गया भी नहीं
बार- बार जो रूठेगी तो कौन मनाएगा ऐसी तो कोई तुझमें 'सरु' अदा भी नहीं
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Shihab
Yoindian Shayar
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Maut To Ek Shuruaat Hai...
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«Reply #3 on: January 02, 2014, 03:01:17 AM » |
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ं वक़्त की दौलत कभी लौटकर ना आयेगी फिर ना कहना ज़िंदगी तो में जीया ही नहीं Shad o Aabaad Rahiye Shihab
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sksaini4
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«Reply #4 on: January 02, 2014, 01:21:54 PM » |
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wonderful dheron daad aur nayaa saal mubarak
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amit_prakash_meet
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«Reply #5 on: January 02, 2014, 04:04:29 PM » |
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बहुत खूब....ढेरों दाद.....
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ParwaaZ
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«Reply #6 on: January 02, 2014, 06:16:19 PM » |
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Suresh Jee Aadaab...!
WaaH jee waaH kia kahne behad khoob ... bade hi umdaa aur pur asar ahsaas O khayaal ko khoob lafz diye haiN aapne...
Sabhi sher qabil e daad hai... Is khoobsurat aur umdaa kalaam par humari hazaaroN daad O mubbarakbad kabul kijiye...
Likhate rahiye... bazm ko roshan karte rahiye... Shaad O aabaad rahiye...
Khuda Hafez...
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khwahish
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Khaas Shayar
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«Reply #7 on: January 02, 2014, 06:30:11 PM » |
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khujli
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«Reply #8 on: January 02, 2014, 07:04:37 PM » |
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SURESH SANGWAN
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«Reply #9 on: January 03, 2014, 12:41:54 AM » |
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SURESH SANGWAN
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«Reply #10 on: January 03, 2014, 12:42:33 AM » |
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thankewww sooooooo much shihab ji ं वक़्त की दौलत कभी लौटकर ना आयेगी फिर ना कहना ज़िंदगी तो में जीया ही नहीं Shad o Aabaad Rahiye Shihab
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SURESH SANGWAN
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«Reply #11 on: January 03, 2014, 12:44:22 AM » |
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thankeww sooooo much sksaini ji wonderful dheron daad aur nayaa saal mubarak
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SURESH SANGWAN
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«Reply #12 on: January 03, 2014, 12:44:53 AM » |
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bahut bahut shukriya amit ji बहुत खूब....ढेरों दाद.....
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SURESH SANGWAN
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«Reply #13 on: January 03, 2014, 12:46:26 AM » |
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SURESH SANGWAN
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«Reply #14 on: January 03, 2014, 12:47:38 AM » |
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