इन्सान अब इंसान को प्यारा ना लगे.... "ऋषि"

by Rishi Agarwal on June 21, 2014, 12:52:12 PM
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Rishi Agarwal
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इन्सान अब इंसान को प्यारा ना लगे,
जान से भी ज्यादा... पैसा प्यारा लगे..

मात - पिता को साथ रखते आती शर्म,
कुत्ते को साथ रखना मानते हैं सत्कर्म..

रोटी - कपड़ो के लिए तरस रहा इंसान,
मानवता.. छोड़ कर बन बैठे हैं शैतान..

मात - पिता की रोटी लगने लगे भारी,
इन्सान की इंसानियत हुई अत्याचारी..

रूप - सौन्दर्य का होने लगा गुणगान,
खिलाड़ी - अभिनेता बन गए भगवान..

जिन्दगी से ज्यादा मौत हो गई सस्ती,
प्यार बन चूका अब. भोग और मस्ती..

नारी के कपडें होने लगे धीरे धीरे तंग,
इंसान गिरगिट जैसे बदलने लगा रंग..

मर्द. मर्दानगी भूल, बन बैठा जानवर,
रिश्तों की मर्यादा भूले, नारी और नर..

' ऋषि ' चारों ओर मची गई हाहाकार,
हम पे हावी हुआ हत्या, लुट, दुराचार..



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«Reply #1 on: June 21, 2014, 01:31:52 PM »
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Rishi ji aapne bilkul sahi kaha. Haqeeqat yehi hai.
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khamosh_aawaaz
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«Reply #2 on: June 21, 2014, 03:06:46 PM »
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इन्सान अब इंसान को प्यारा ना लगे,
जान से भी ज्यादा... पैसा प्यारा लगे..

मात - पिता को साथ रखते आती शर्म,
कुत्ते को साथ रखना मानते हैं सत्कर्म..

रोटी - कपड़ो के लिए तरस रहा इंसान,
मानवता.. छोड़ कर बन बैठे हैं शैतान..

मात - पिता की रोटी लगने लगे भारी,
इन्सान की इंसानियत हुई अत्याचारी..

रूप - सौन्दर्य का होने लगा गुणगान,
खिलाड़ी - अभिनेता बन गए भगवान..

जिन्दगी से ज्यादा मौत हो गई सस्ती,
प्यार बन चूका अब. भोग और मस्ती..

नारी के कपडें होने लगे धीरे धीरे तंग,
इंसान गिरगिट जैसे बदलने लगा रंग..

मर्द. मर्दानगी भूल, बन बैठा जानवर,
रिश्तों की मर्यादा भूले, नारी और नर..

' ऋषि ' चारों ओर मची गई हाहाकार,
हम पे हावी हुआ हत्या, लुट, दुराचार..



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१७ अप्रैल २०१४


naaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaice-RA
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Advo.RavinderaRavi
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«Reply #3 on: June 21, 2014, 03:43:55 PM »
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रोटी - कपड़ो के लिए तरस रहा इंसान,
मानवता.. छोड़ कर बन बैठे हैं शैतान..

मात - पिता की रोटी लगने लगे भारी,
इन्सान की इंसानियत हुई अत्याचारी..

रूप - सौन्दर्य का होने लगा गुणगान,
खिलाड़ी - अभिनेता बन गए भगवान..

जिन्दगी से ज्यादा मौत हो गई सस्ती,
प्यार बन चूका अब. भोग और मस्ती..

नारी के कपडें होने लगे धीरे धीरे तंग,
इंसान गिरगिट जैसे बदलने लगा रंग..

Bahut Khoob.
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amit_prakash_meet
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«Reply #4 on: June 21, 2014, 06:18:49 PM »
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वाह....वाह......
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nandbahu
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«Reply #5 on: June 21, 2014, 06:23:31 PM »
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very nice aur sahi kaha
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mann.mann
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«Reply #6 on: June 21, 2014, 06:38:25 PM »
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«Reply #7 on: June 26, 2014, 08:15:37 AM »
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