कितने बड़े फट्टू............

by Dineshkumarjonty on June 04, 2014, 01:20:09 PM
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Dineshkumarjonty
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माँ के पेट से नहीं
आसमान से उतरते है कुछ लोग......

भक्ति का क ख ग आता नहीं
विष्णु का अवतार समझते है कुछ लोग........

भूख तो है वही
ज़रूरत से जयादा निगलते है कुछ लोग........

वजन तो है वही
सोने चाँदी मैं तुलते है कुछ लोग.......

रहना धरती पर ही है
ज़मी पर पाँव नहीं रखते कुछ लोग.......

बलि देने का कैसा ये शोक
जहा मोका मिले लेते है कुछ लोग........

सो साल की जिंदगी
किसी भूल मैं जीते है कुछ लोग........

तन पे कपडे कितने महंगे
बिन कपडे घूमते है कुछ लोग.......

जिस पर मन आ जाये वही अपना
टूटे तीर रखते है कुछ लोग......

अपनी बारी तो आत्महत्या
कितने बड़े फट्टू होते है कुछ लोग......

दिनेश कुमार

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Saman Firdaus
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«Reply #1 on: June 04, 2014, 01:24:50 PM »
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Bajaa Farmaya Aapne... Applause Applause
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F.H.SIDDIQUI
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«Reply #2 on: June 04, 2014, 01:32:30 PM »
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NakulG
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«Reply #3 on: June 04, 2014, 01:53:26 PM »
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Sahi Kaha aapne!!
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sksaini4
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«Reply #4 on: June 04, 2014, 02:16:13 PM »
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waah waah
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Dineshkumarjonty
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«Reply #5 on: June 04, 2014, 02:56:08 PM »
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धन्यवाद अध्यापिका जी ।
सभी का शुक्रिया.........
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SURESH SANGWAN
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«Reply #6 on: June 04, 2014, 04:15:38 PM »
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bahut khoob dinesh ji
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adil bechain
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«Reply #7 on: June 04, 2014, 06:40:25 PM »
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माँ के पेट से नहीं
आसमान से उतरते है कुछ लोग......

भक्ति का क ख ग आता नहीं
विष्णु का अवतार समझते है कुछ लोग........

भूख तो है वही
ज़रूरत से जयादा निगलते है कुछ लोग........

वजन तो है वही
सोने चाँदी मैं तुलते है कुछ लोग.......

रहना धरती पर ही है
ज़मी पर पाँव नहीं रखते कुछ लोग.......

बलि देने का कैसा ये शोक
जहा मोका मिले लेते है कुछ लोग........

सो साल की जिंदगी
किसी भूल मैं जीते है कुछ लोग........

तन पे कपडे कितने महंगे
बिन कपडे घूमते है कुछ लोग.......

जिस पर मन आ जाये वही अपना
टूटे तीर रखते है कुछ लोग......

अपनी बारी तो आत्महत्या
कितने बड़े फट्टू होते है कुछ लोग......

दिनेश कुमार



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