कैसी कहानी है

by vimmi singh on October 18, 2012, 03:56:27 PM
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vimmi singh
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कैसी कहानी है  , कैसा फ़साना है
मंजिल की राहों में सारा ज़माना है
कुछ कल की बातें थी , कुछ आज पुरानी है
कुछ नए दिनों में सिमटी यादे हमारी हैं
कैसी कहानी है
कुछ बिछड़ गए हमसे किन्हीं रस्तों पर
कुछ साथ दे गए बस पल दो पल भर
कभी तन्हा ना रहे ,कहीं मुसाफिर ना मिले
कभी रोये जी भर कर ,तो कहीं हँसते ही रहे
ये कैसी कहानी है

शंख ध्वनि रुकने का अब इंतज़ार  नहीं करते
सूर्य की किरणों को नमस्कार नहीं करते
रात की गोद में बस सर झुकाते हैं
अब चाँद तारों से मिलकर हम बात नहीं करते
ये कैसी कहानी है
घरों में अपने कुत्तों को जगह दे डाली है
इंसानों की आह नहीं सुनते
रोते हैं जब अपने ही माँ बाप परवाह नहीं करते
पर जानवरों की तकलीफ बर्दाश्त नहीं करते

ये कैसी कहानी है , कैसा फ़साना है
मंजिल की राहों में सारा ज़माना है
कुछ रंगीन दुनिया कल थी
कुछ आज रंगीली है
कुछ नए रंगों में रंगी फरमाइशें  हमारी हैं
ये कैसी कहानी है
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MANOJ6568
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«Reply #1 on: October 18, 2012, 04:22:33 PM »
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कैसी कहानी है  , कैसा फ़साना है
मंजिल की राहों में सारा ज़माना है
कुछ कल की बातें थी , कुछ आज पुरानी है
कुछ नए दिनों में सिमटी यादे हमारी हैं
कैसी कहानी है
कुछ बिछड़ गए हमसे किन्हीं रस्तों पर
कुछ साथ दे गए बस पल दो पल भर
कभी तन्हा ना रहे ,कहीं मुसाफिर ना मिले
कभी रोये जी भर कर ,तो कहीं हँसते ही रहे
ये कैसी कहानी है

शंख ध्वनि रुकने का अब इंतज़ार  नहीं करते
सूर्य की किरणों को नमस्कार नहीं करते
रात की गोद में बस सर झुकाते हैं
अब चाँद तारों से मिलकर हम बात नहीं करते
ये कैसी कहानी है
घरों में अपने कुत्तों को जगह दे डाली है
इंसानों की आह नहीं सुनते
रोते हैं जब अपने ही माँ बाप परवाह नहीं करते
पर जानवरों की तकलीफ बर्दाश्त नहीं करते

ये कैसी कहानी है , कैसा फ़साना है
मंजिल की राहों में सारा ज़माना है
कुछ रंगीन दुनिया कल थी
कुछ आज रंगीली है
कुछ नए रंगों में रंगी फरमाइशें  हमारी हैं
ये कैसी कहानी है
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nandbahu
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«Reply #2 on: October 18, 2012, 04:25:16 PM »
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very nice
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vimmi singh
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«Reply #3 on: October 18, 2012, 06:22:48 PM »
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nice
shukriya Manoj ji.......
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ParwaaZ
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«Reply #4 on: October 18, 2012, 06:41:10 PM »
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Vimmy Jee Aadaab!


bahut bahut khoob likha hai jee .. behad achche khayaal aur behad
khoob andaaz e bayaaN.... Kafi achche ahsaas O khayaal ko lafz diye
haiN aapne.. Usual Smile

Is khoob aur umdaa kalaam par humari dheroN dili daad o mubbarakbad
kabul kijiye.... Usual Smile

Likhate rahiye.. aate rahiye...
Shaad O aabaad rahiye..

Khuda Hafez... Usual Smile                   

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vimmi singh
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«Reply #5 on: October 18, 2012, 06:44:17 PM »
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very nice

shukriya nandbahu ji,,,,,,,,,,
Usual Smile Usual Smile
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sbechain
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«Reply #6 on: October 18, 2012, 08:18:10 PM »
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कैसी कहानी है  , कैसा फ़साना है
मंजिल की राहों में सारा ज़माना है
कुछ कल की बातें थी , कुछ आज पुरानी है
कुछ नए दिनों में सिमटी यादे हमारी हैं
कैसी कहानी है
कुछ बिछड़ गए हमसे किन्हीं रस्तों पर
कुछ साथ दे गए बस पल दो पल भर
कभी तन्हा ना रहे ,कहीं मुसाफिर ना मिले
कभी रोये जी भर कर ,तो कहीं हँसते ही रहे
ये कैसी कहानी है

शंख ध्वनि रुकने का अब इंतज़ार  नहीं करते
सूर्य की किरणों को नमस्कार नहीं करते
रात की गोद में बस सर झुकाते हैं
अब चाँद तारों से मिलकर हम बात नहीं करते
ये कैसी कहानी है
घरों में अपने कुत्तों को जगह दे डाली है
इंसानों की आह नहीं सुनते
रोते हैं जब अपने ही माँ बाप परवाह नहीं करते
पर जानवरों की तकलीफ बर्दाश्त नहीं करते

ये कैसी कहानी है , कैसा फ़साना है
मंजिल की राहों में सारा ज़माना है
कुछ रंगीन दुनिया कल थी
कुछ आज रंगीली है
कुछ नए रंगों में रंगी फरमाइशें  हमारी हैं
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bada pyara falsafa hai vimmi ---good one
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kalam k chalne ko zamaana paagalpan samajhta hai.

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«Reply #7 on: October 18, 2012, 08:19:43 PM »
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bahut sundar.. bahut bahut khoob likha hai aapne Vimmi ji....!!!
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sksaini4
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«Reply #8 on: October 19, 2012, 01:11:21 AM »
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anmolarora
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«Reply #9 on: October 19, 2012, 03:14:07 AM »
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vimmi singh
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«Reply #10 on: October 19, 2012, 05:55:15 AM »
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Vimmy Jee Aadaab!


bahut bahut khoob likha hai jee .. behad achche khayaal aur behad
khoob andaaz e bayaaN.... Kafi achche ahsaas O khayaal ko lafz diye
haiN aapne.. Usual Smile

Is khoob aur umdaa kalaam par humari dheroN dili daad o mubbarakbad
kabul kijiye.... Usual Smile

Likhate rahiye.. aate rahiye...
Shaad O aabaad rahiye..

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bahut bahut shukriya ParwaaZ ji.........

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vimmi singh
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«Reply #11 on: October 19, 2012, 05:57:37 AM »
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bada pyara falsafa hai vimmi ---good one
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bahut bahut shukriya Sheba ji..........   Usual Smile Usual Smile Usual Smile
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vimmi singh
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«Reply #12 on: October 19, 2012, 10:37:17 AM »
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bahut sundar.. bahut bahut khoob likha hai aapne Vimmi ji....!!!
bahut bahut shukriya Hriday ji aapka............  Usual Smile Usual Smile
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vimmi singh
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«Reply #13 on: October 19, 2012, 02:24:22 PM »
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bahut bahut shukriya saini sir..........
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vimmi singh
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«Reply #14 on: October 20, 2012, 04:23:41 AM »
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bahut bahut shukriya Anmol ji....... Usual Smile Usual Smile
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