ज़िन्दगी मेरी दुश्मन........सृष्टिराज चिंतक

by srishti raj chintak on July 13, 2013, 07:16:23 PM
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srishti raj chintak
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मांगता हूँ मौत हरदम
फिर भी जाने कौन सी
दुश्मनी निभा रही है
मुझको जिला रही है
जिन्दगी
चाहा था उसका साथ
जब वो नही मिला
उसकी जगह जीने का दर्द
मुझे क्यों दिए जा रही है
जिन्दगी
निकल जाने दे ये साँसे
जो बची हैं मुझ में
इन्हें बार - बार अटका कर
मुझे क्यों सता रही है
जिन्दगी
चाही थी उसकी नजदीकियां
जब वो ना मिल सकी
मुझ से नजदीकियां बढ़ा कर
मुझे क्यों तड़पा रही है
जिन्दगी
चाहता हूँ मैं तो
आँखें बंद हो जाए हमेशा को
दुनिया के दिलकश नजारे दिखा कर
मुझे क्यों बहला रही है
जिन्दगी
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marhoom bahayaat
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«Reply #1 on: July 13, 2013, 10:30:42 PM »
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मांगता हूँ मौत हरदम
फिर भी जाने कौन सी
दुश्मनी निभा रही है
मुझको जिला रही है
जिन्दगी
चाहा था उसका साथ
जब वो नही मिला
उसकी जगह जीने का दर्द
मुझे क्यों दिए जा रही है
जिन्दगी
निकल जाने दे ये साँसे
जो बची हैं मुझ में
इन्हें बार - बार अटका कर
मुझे क्यों सता रही है
जिन्दगी
चाही थी उसकी नजदीकियां
जब वो ना मिल सकी
मुझ से नजदीकियां बढ़ा कर
मुझे क्यों तड़पा रही है
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आँखें बंद हो जाए हमेशा को
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good argument,sir
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aqsh
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«Reply #2 on: July 13, 2013, 11:24:52 PM »
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bahut khoob...
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Advo.RavinderaRavi
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«Reply #3 on: July 14, 2013, 01:23:33 AM »
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मांगता हूँ मौत हरदम
फिर भी जाने कौन सी
दुश्मनी निभा रही है
मुझको जिला रही है
जिन्दगी
चाहा था उसका साथ
जब वो नही मिला
उसकी जगह जीने का दर्द
मुझे क्यों दिए जा रही है
जिन्दगी
निकल जाने दे ये साँसे
जो बची हैं मुझ में
इन्हें बार - बार अटका कर
मुझे क्यों सता रही है
जिन्दगी
चाही थी उसकी नजदीकियां
जब वो ना मिल सकी
मुझ से नजदीकियां बढ़ा कर
मुझे क्यों तड़पा रही है
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चाहता हूँ मैं तो
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Bahut Khoob
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nashwani
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«Reply #4 on: July 14, 2013, 02:28:37 AM »
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waah bahut khoob..happy9
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adil bechain
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«Reply #5 on: July 14, 2013, 02:30:17 AM »
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मांगता हूँ मौत हरदम
फिर भी जाने कौन सी
दुश्मनी निभा रही है
मुझको जिला रही है
जिन्दगी
चाहा था उसका साथ
जब वो नही मिला
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चाही थी उसकी नजदीकियां
जब वो ना मिल सकी
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Shuruti
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«Reply #6 on: July 14, 2013, 05:43:53 AM »
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sksaini4
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«Reply #7 on: July 14, 2013, 08:50:06 AM »
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bahut sunder
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nandbahu
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«Reply #8 on: July 14, 2013, 08:14:19 PM »
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very nice
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srishti raj chintak
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«Reply #9 on: July 15, 2013, 05:43:51 PM »
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सभी गुणीजनो का हृदय से आभार.
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